कौन सी जगह है होसुर जहां टाटा बसाने जा रहे हैं जमशेदपुर जैसी नई औद्योगिक नगरी

New Industrial City Hosur : तमिलनाडु सरकार को भी भरोसा है कि होसुर जमशेदपुर जैसा ही एक औद्योगिक शहर होगा. क्योंकि यहां पर बुनियादी ढांचा विकसित करने का काम टाटा द्वारा किया जा रहा है इसलिए तुलना होना स्वाभाविक है.

कौन सी जगह है होसुर जहां टाटा बसाने जा रहे हैं जमशेदपुर जैसी नई औद्योगिक नगरी
New Industrial City Hosur : अगर देखा जाए तो लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जमशेदपुर और होसुर में क्या समानता हो सकती है. लेकिन झारखंड और तमिलनाडु में होने के बावजूद दोनों जगहें एक समान धागे से बंधी हुई हैं. वो है टाटा समूह. जमशेदपुर यकीनन भारत के पहले नियोजित औद्योगिक शहरों में से एक है. जबकि होसुर को भी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा जमशेदपुर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. होसुर में बदलाव देखा जा सकता है, जो कभी हाथियों के आने-जाने के लिए मशहूर एक गांव था. जमशेदपुर को स्टील सिटी, टाटानगर या केवल टाटा के नाम से भी जाना जाता है. इसकी स्थापना जमशेदजी नुसरवानजी टाटा ने की थी. यह झारखंड का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है. इसका शुमार भारत के पहले सुनियोजित औद्योगिक शहरों में से किया जाता है. बनेगा आईटी सेवा का केंद्र तमिलनाडु सरकार को भी भरोसा है कि होसुर जमशेदपुर जैसा ही एक औद्योगिक शहर होगा. क्योंकि यहां पर बुनियादी ढांचा विकसित करने का काम टाटा द्वारा किया जा रहा है इसलिए तुलना होना स्वाभाविक है. लेकिन सरकार स्टील जैसे एक विशेष विनिर्माण क्षेत्र पर नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है. तमिलनाडु में पहले से ही उपलब्ध प्रतिभा को देखते हुए, सरकार बेंगलुरु के नजदीक एक आईटी सेवा केंद्र की परिकल्पना कर रही है. क्योंकि होसुर बेंगलुरु से केवल 40 किमी दूर है. एक बार बुनियादी ढांचा तैयार हो जाए और कंपनियां आ जाएं तो यह संभवतः बेंगलुरु का एक जुड़वां इलेक्ट्रॉनिक शहर होगा. होसुर में एप्पल आईफोन के लिए एनक्लोजर बना रही टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने भर्ती की दर तेज कर दी है. वो तेजी से यहां सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं.  ये भी पढ़ें- Explainer: रक्षाबंधन पर आकाश में दिखा सुपर ब्लू मून, क्या है यह और क्यों है खास कई बड़ी कंपनियां है यहां होसुर औद्योगिक गतिविधि के लिए कोई अजनबी नहीं है. यह टीवीएस, टाइटन, अशोक लीलैंड, एथर, ओला और कई अन्य कंपनियों का घर है. होसुर में एक हवाई अड्डे की घोषणा को औद्योगिक केंद्र के लिए एक और प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन टाटा समूह का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से इनकार नहीं किया जा सकता. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक बनने जा रहा है जो होसुर में कुछ बड़े स्तर पर नौकरियां लाएगा. ये नौकरियां उन लोगों के लिए बेहतरीन मौका साबित होंगी जो वहां रहेंगे और बड़े पैमाने पर खर्च भी करेंगे. इसलिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था खूबसूरती से खिलने वाली है. तमिलनाडु सरकार बुनियादी ढांचे के विकास, बेहतर कनेक्टिविटी और अच्छे सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. ये भी पढ़ें- Explainer: क्या सफल होगी इजरायल-हमास सीजफायर वार्ता? नवंबर में क्यों नहीं बनी थी बात बेंगलुरु से नजदीकी का लाभ होसुर तमिलनाडु राज्य में कृष्णागिरी जिले में स्थित है. होसुर तमिलनाडु के 21 नगर निगमों में से एक है. यह शहर पोन्नैयार नदी के किनारे बसा हुआ है. यह बेंगलुरु से केवल 40 किलोमीटर और राज्य की राजधानी चेन्नई से 306 किलोमीटर दूर है. 13वीं शताब्दी में चोल काल के दौरान होसुर को मुरासु नाडु के नाम से जाना जाता था. 16वीं शताब्दी के बाद से, शहर को इसके वर्तमान नाम से जाना जाने लगा है.  सेलम जिले का मुख्यालय बना 11वीं शताब्दी के स्वामी मंदिर में एक शिलालेख हैं जो होयसल राजवंश द्वारा किए गए योगदान के बारे में बताता है. होयसल ने 1200 ईस्वी के आसपास होसुर पर शासन किया और मंदिर में योगदान दिया. फिर यह विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत आ गया. बाद में, होसुर मैसूर साम्राज्य का हिस्सा बना. टीपू सुल्तान ने 1801 में समझौते के रूप में मैसूर साम्राज्य का दक्षिणी भाग ब्रिटिश भारत के प्रेसीडेंसी और प्रांतों को सौंप दिया. ब्रिटिश काल के दौरान, सेलम के कलेक्टर वाल्टन इलियट लॉकार्ड ने होसुर को सेलम जिले का मुख्यालय बनाया.  ये भी पढ़ें- कौन है वो एथलीट? जिसका शरीर गोलियों से हो गया था छलनी, पैरालंपिक में भारत को दिलाया पहला गोल्ड हो सकती हैं समानताएं दोनों औद्योगिक टाउनशिप के बीच समानताएं हो सकती हैं. यह संभव है कि टाटा होसुर को उस तरह तैयार करे जिस तरह उसने जमशेदपुर में किया था. हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि जमशेदपुर की संस्कृति का कितना हिस्सा होसुर में प्रतिध्वनित होगा. क्योंकि जमशेदपुर एक इस्पात शहर है. और इस्पात शहर अन्य शहरों से पूरी तरह से अलग होते हैं. खासकर जमशेदपुर अपने नगर नियोजन और उसके आसपास उभरे पारिस्थितिकी तंत्र में बहुत औपनिवेशिक है. जरूरी नहीं कि औपनिवेशिक क्लबों की संस्कृति होसुर में भी दोहराई जाए. उदाहरण के लिए, दुर्गापुर, बोकारो और जमशेदपुर इस अर्थ में चचेरे भाई-बहन हैं. वे बहुत महानगरीय थे और विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के मामले में मजबूत मिशनरी उपस्थिति के कारण योजनाबद्ध टाउनशिप थे. Tags: Jamshedpur news, Ratan tata, Tamilnadu, Tata steelFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 18:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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