यहां भगवान राम और हनुमान जी ने तुलसीदास को दिया था दर्शन जानें मान्यता

Tota Mukhi Hanuman Mandir: धर्म नगरी चित्रकूट के रामघाट पर तोता मुखी हनुमान मंदिर है. यहां घाट के पास हनुमान जी महाकवि तुलसीदास जी को दर्शन दिया था. मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी भगवान राम के दर्शन के लिए व्याकुल थे. जहां तोते के रूप में आकर हनुमान जी ने तुलसीदास दो को भगवान राम की पहचान कराई थी.

यहां भगवान राम और हनुमान जी ने तुलसीदास को दिया था दर्शन जानें मान्यता
चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकू ट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. यह वही स्थान है, जहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के साढ़े 11 साल व्यतीत किए थे. ऐसे में धर्म नगरी में आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. जहां महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी को तोता के रूप में हनुमान जी के दर्शन हुए थे. साथ ही हनुमान जी ने उनको प्रभु श्री राम से मिलने का उपाय बताया था. तोते के रूप में दिखे थे हनुमान धर्म नगरी चित्रकूट के रामघाट में स्थित तोता मुखी हनुमान मंदिर की यह वही स्थान है. जहां गोस्वामी तुलसीदास जी को तोते के रूप में हनुमान जी ने अपना दर्शन दिया था. मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी श्री राम के दर्शन के लिए व्याकुल थे. तभी अमावस्या के दिन प्रभु श्री राम राम घाट की मंदाकिनी नदी में स्नान करने हुए आए हुए थे. बजरंगबली का कहीं नहीं दिखा ऐसा रूप ऐसे में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास प्रभु श्री राम को नहीं पहचान सके. तभी वहां मौजूद हनुमान जी ने तोते के रूप में तुलसीदास जी को प्रभु श्री राम के बारे में बताया था. माना जाता है कि चित्रकूट के अलावा कहीं और बजरंगबली ने तोते के रूप में अपने दर्शन किसी को नहीं दिए हैं. मंदिर के पुजारी ने दी जानकारी वहीं, चित्रकूट के पुजारी मोहित दास ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी को प्रभु श्री राम के दर्शन कहीं नहीं हुए थे. काशी में गोस्वामी तुलसीदास जी को हनुमान जी के दर्शन हुए. हनुमान जी ने गोस्वामी तुलसीदास जी से कहा कि अगर आप कलयुग में प्रभु के दर्शन करना चाहते हैं, तो वह आपको चित्रकूट में हो पाएंगे. तुलसीदास जी ने हनुमान जी की बातों को सुनकर चित्रकूट आ गए और वह चित्रकूट में गुफा बनाकर रहने लगे. श्री राम का चंदन से किया था तिलक जानकारी के अनुसार अमावस्या का दिन था. तुलसीदास जी रामघाट में चंदन घिसकर भक्तों और संतों को चंदन लगा रहे थे. इन संतों की भीड़ में भगवान श्री राम और भाई लक्ष्मण बालक के रूप में गोस्वामी तुलसीदास जी के पास चंदन लगवाने पहुंच गए. तुलसीदास जी द्वारा उनको चंदन लगा दिया गया, लेकिन वह पहचान नहीं पाए कि यही प्रभु श्री राम हैं. भगवान राम ने तुलसीदास जी को दिया दर्शन इसी दौरान पेड़ के पीछे छुप कर सब देख रहे बजरंगबली ने तोते के रूप में दोहा सुनाकर तुलसीदास जी को श्री राम की पहचान करवाई, जिसके बाद तुलसीदास जी ने प्रभु के चरण पकड़ लिए. तभी प्रभु श्री राम ने यह देखकर अपने दिव्य रूप में आ गए और और इसी तरह प्रभु श्री राम के दर्शन गोस्वामी तुलसीदास जी को हो गए. Tags: Chitrakoot News, Local18, Religion, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 17:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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