बकरी पालन से महिलाओं की बदल रही जिंदगी अब हो रही हैं आत्मनिर्भर
बकरी पालन से महिलाओं की बदल रही जिंदगी अब हो रही हैं आत्मनिर्भर
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा सुबाष चन्द ने जानकारी देते हुए बताया कि निदेशक, प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग के अधीन बकरी पालन की योजना को पुनः आच्छादित किया जाना है.योजना का उद्देश्य प्रदेश के सीमान्त कृषकों, भूमिहीन मजदूरों, विधवा, निराश्रित महिलाओं की आय में वृद्धि व आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से बकरी पालन द्वारा प्रदेश की आय दोगुनी करना है.
विकाश कुमार/चित्रकूट: उत्तर प्रदेश चित्रकूट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशु पालन विभाग द्वारा बकरी पालन की योजना महिलाओं के लिए लेकर आया है. जिसके अंतर्गत महिलाएं उनके द्वारा मांगे गए. दस्तावेजों को जमा करवा के बकरी पालन कर आय कमाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बन सकती हैं. चित्रकूट के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो भी महिलाएं इसको करना चाहती हैं. वह इन प्रक्रियाओं को पूरा करके इसका लाभ ले सकती हैं.
पशु चिकित्साधिकारी ने दी जानकारी
बता दें कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि निदेशक, प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अधीन बकरी पालन की योजना को पुनः आच्छादित किया जाना है. योजना का उद्देश्य प्रदेश के सीमान्त कृषकों, भूमिहीन मजदूरों, विधवा, निराश्रित महिलाओं की आय में वृद्धि व आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से बकरी पालन द्वारा प्रदेश की आय दोगुनी करना है. जिसमे लाभार्थियों की पात्रता जनपद स्तर पर लाभार्थियों का चयन भूमिहीन महिला/पुरुष, विधवा निराश्रित महिला एवं कोविड प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता दी जायेगी.
ये होंगे चयन के नियम
बता दें कि चयन प्रक्रिया में 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं 3 प्रतिशत दिव्यांग जन को सम्मिलित किया जाना हितकर होगा. लाभार्थी चयन में महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्धता के अनुसार वरीयता दी जायेगी, जिससे की उनको स्वावलम्बी बनाया जा सके. उनका कहना है कि प्रति इकाई लागत का भुगतान प्रति इकाई 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश 4500 रूपए है, जो चयनित लाभार्थी द्वारा उपलब्ध कराये गये बैंक खाता में जमा किये जायेगें.
10 रुपए के स्टांप पेपर पर लगेगा शपथ
जमा की गयी धनराशि का विवरण प्राप्त कर पासबुक की छायाप्रति पत्रावली में संरक्षित की जाए. चयनित लाभार्थी द्वारा 10 रूपए के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत किया जायेगा कि स्थापित होने वाली बकरी इकाई 3 साल तक संचालित की जायेगी तथा लाभार्थी के खाते में धनराशि स्थानान्तरित होने के 20 दिन के अन्दर पशुओं का क्रय कर यह कार्य का संचालन शुरू किया जायेगा. चयनित लाभार्थियों प्रति इकाई भुगतान की जाने वाली धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से ही स्थानान्तरित की जायेगी. जहां अन्य किसी प्रकार से भुगतान नहीं किया जायेगा.
जानें कौन से दस्तावेज लाने होंगे
साथ ही आवेदक द्वारा आवेदन करने के लिए आधार कार्ड/स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवेदन की अन्तिम तिथि 25.08.2024 शाम 5 बजे तक रखी गई है. योजना के सम्बन्ध में जानकारी के लिए महिलाएं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी चित्रकूट कार्यालय से प्राप्त कर सकती हैं.
Tags: Chitrakoot News, Local18FIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 16:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed