धर्म नगरी चित्रकूट में प्रसिद्ध है चंदन का प्रसाद जाने इसके पीछे की कहानी

धर्म नगरी चित्रकूट गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली भी रही है और यह वही स्थान है, जहां गोस्वामी तुलसीदास ने प्रभु श्री राम का चंदन से तिलक किया था और उनको प्रभु श्री राम के दर्शन हुए थे.  यहां एक दर्जन से ज्यादा प्रकार का चंदन मिलता है.

धर्म नगरी चित्रकूट में प्रसिद्ध है चंदन का प्रसाद जाने इसके पीछे की कहानी
विकाश कुमार/ चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. क्योंकि यहां प्रभु श्री राम अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. आज हम आपको चित्रकूट में प्रसाद के रूप में बिकने वाले चंदन के बारे में बताने जा रहे हैं. चित्रकूट में चंदन प्रसाद के रूप में बिकता है और यहां आने वाला हर भक्त चंदन को प्रसाद के रूप में अपने साथ अपने घर ले जाता है. क्योंकि चंदन यहां का प्रसिद्ध प्रसाद है. चित्रकूट में है चंदन का विशेष महत्व आप को बता दें कि धर्म नगरी चित्रकूट गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली भी रही है और यह वही स्थान है, जहां गोस्वामी तुलसीदास ने प्रभु श्री राम का चंदन से तिलक किया था और उनको प्रभु श्री राम के दर्शन हुए थे.  यहां एक दर्जन से ज्यादा प्रकार का चंदन मिलता है. धर्म नगरी में चंदन के प्रसाद की सब से ज्यादा मान्यता है. इस लिए हर भक्त धर्म नगरी चित्रकूट आकर चंदन लगवाता है. यहां चंदन की खपत इतनी है कि लगभग एक दिन में पूरे जिले से लाखों रुपए की चंदन की बिक्री हो जाती है. इसलिए चित्रकूट के रामघाट, कामदगिरि के पास हर दुकान में चंदन बिकता है. हर दुकानदार 10-15  हजार रुपए के चंदन की करता है बिक्री चित्रकूट के रामघाट में खुली दुकान के दुकानदार ने बताया कि जब प्रभु श्री राम वनवास काल के दौरान चित्रकूट आए थे. तब तुलसीदास ने चंदन से उनको तिलक लगाया था. इसलिए यहां सबसे बड़ा प्रसाद और महत्व चंदन का है. यहां के आश्रम में भी चंदन बनता है. उनका कहना है कि चित्रकूट में ₹10 से लेकर 200 रुपए तक के चंदन मिलते हैं. अगर क्वालिटी की बात ही जाए तो पैसे के हिसाब से उसे चंदन की क्वालिटी बनाई जाती है. उन्होंने आगे बताया कि चित्रकूट का हर एक दुकानदार एक दिन में 10 से 15000 रुपए का चंदन बेच देता है. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 14:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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