MSP पर बनी केंद्रीय कमेटी में पंजाब का एक भी सदस्य नहीं विरोध में उतरे किसान संगठन

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं, दर्शन पाल और योगेंद्र यादव ने समिति को सिरे से खारिज कर दिया है. पंजाब के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि एमएसपी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र की समिति भाजपा की निंदक और अदूरदर्शिता का ताजा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि पंजाब को जानबूझकर बाहर करके केंद्र ने हमारे लोगों का अपमान किया है.

MSP पर बनी केंद्रीय कमेटी में पंजाब का एक भी सदस्य नहीं विरोध में उतरे किसान संगठन
एस. सिंह/चंडीगढ़: केंद्र सरकार की कृषि मुद्दों पर बनी समिति में पंजाब के संगठनों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को तरजीह न देने पर किसान संगठन आक्रामक हो उठे हैं. आम आदमी पार्टी ने भी केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस समिति का विरोध किया है. इस समिति का गठन कृषि कानूनों व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सुधार करने के लिए किया गया है. राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने कहा है कि इस मामले को वह सदन में उठाएंगे. उन्होंने मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बिजनेस नोटिस दिया है. समिति का गठन पिछले सप्ताह किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना सोमवार को जारी की गई है. समिति में कर्नाटक, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को शामिल किया गया है, लेकिन सूची में पंजाब का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं है. राज्य के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को समिति में कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, हालांकि राष्ट्रीय कृषि विस्तार संस्थान, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि इसमें शामिल किए गए हैं. तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेते हुए पिछले साल नवंबर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के बाद समिति का गठन किया गया है. पंजाब के किसानों ने इन कानूनों को वापस लेने के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया था और दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक साल तक धरना दिया था. पंजाब के लोगों का अपमान: राघव चड्ढा संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं, दर्शन पाल और योगेंद्र यादव ने समिति को सिरे से खारिज कर दिया है. पंजाब के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि एमएसपी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र की समिति भाजपा की निंदक और अदूरदर्शिता का ताजा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि पंजाब को जानबूझकर बाहर करके केंद्र ने हमारे लोगों का अपमान किया है. जबकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के नौकरशाहों को 26 सदस्यीय समिति में स्थान दिया गया है. एसकेएम के दर्शन पाल और योगेंद्र यादव ने कहा कि समिति के बारे में उनकी गलत धारणा सही साबित हो गई है. उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्ष वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने तीन कृषि कानूनों की पैरवी की थी. एसकेएम के दर्शन पाल और योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि पिछले साल नवंबर में एक समिति का गठन किया जाएगा, इसकी सूचना नहीं दी गई थी और हमें डर था कि समिति में उन लोगों का प्रतिनिधित्व होगा जो सरकारी दबाव का सामना करने में सक्षम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि समिति में मोर्चा के केवल तीन सदस्यों को शामिल किया गया था, और कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार का साथ देने वाले पांच किसान नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि समिति के एजेंडे में सभी फसलों के लिए अनिवार्य न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के प्रावधान शामिल नहीं हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Crop MSP Act, MSP, MSP Law DemandFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 12:27 IST