अग्निवीर योजनाः विपक्ष के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब कहा- जाति प्रमाण पत्र पहले भी मांगा जाता था
अग्निवीर योजनाः विपक्ष के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब कहा- जाति प्रमाण पत्र पहले भी मांगा जाता था
सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना की किसी भी भर्ती में पहले भी उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता था. इसे लेकर अग्निपथ योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
हाइलाइट्सआप नेता संजय सिंह सहित कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को भर्ती परीक्षा में जाति पूछने पर घेरा था.सेना ने सफाई देते हुए कहा कि पहले से ही भर्ती में जाति और धर्म के बारे में पूछा जा रहा है.भाजपा सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने संजय सिंह पर किया पलटवार.
नई दिल्ली. अग्निवीर योजना के तहत होने वाली भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगने को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. विवाद गहराता देख सेना ने विपक्ष के नेताओं के आरोपों का खंडन करते हुए बयान जारी किया है. सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना की किसी भी भर्ती में पहले भी उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता था. इसे लेकर अग्निपथ योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके अलावा भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मरने वाले रंगरूटों और सेवा में शहीद होने वाले सैनिकों के लिए धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार अंतिम संस्कार करने के लिए भी धर्म की जानकारी की आवश्यकता होती है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित तमाम विपक्षी सांसदों ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी. आप नेता संजय सिंह ने भर्ती प्रक्रिया से जुड़े आदेश को शेयर करते हुए लिखा था, ‘मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है. क्या नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को सेना में भर्ती होने के काबिल नहीं मानते, भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है. मोदी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर’. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जदयू नेता व संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़ा किया था और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इसपर स्पष्टीकरण मांगा है.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए.” वहीं भाजपा की तरफ से भी आप नेता संजय सिंह के आरोपों पर पलटवार किया गया. भाजपा सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने संजय सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया था कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है. इसके अलावा अमित मालवीय ने कहा कि हर चीज के लिए पीएम मोदी को दोष देने की इस सनक का मतलब है कि संजय सिंह जैसे लोग हर दिन अपने पैर को मुंह में डालते हैं. सेना की रेजीमेंट प्रणाली अंग्रेजों के जमाने से ही अस्तित्व में हैं.
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Tags: AAP leader Sanjay Singh, Agniveer, Indian armyFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 12:25 IST