वेज-नॉनवेज में कौन जल्‍दी पचता है कौन सा फूड कितनी देर में पचता है

ज्‍यादातर लोग खाना स्‍वादिष्‍ट होने पर थोड़ा ज्‍यादा ही खा लेते हैं. इससे उन्‍हें तरह-तरह की दिक्‍कतें होने लगती हैं. इससे बचने के लिए ये पता होना जरूरी है कि कौन-सा फूड पचने में कितना समय लगाता है? वेज और नॉन-वेज फूड में से कौन-सा भोजन जल्‍दी व आसानी से पचता है?

वेज-नॉनवेज में कौन जल्‍दी पचता है कौन सा फूड कितनी देर में पचता है
स्‍वादिष्‍ट भोजन मिलने पर हम अपने पेट की सीमा भूल जाते हैं और तब तक खाते हैं, जब तक हमारा मन नहीं भर जाता है. कई बार ऐसा लगता है कि पेट तो बहुत ज्‍यादा भर गया है, लेकिन मन नहीं भर पाया है. ऐसा होने पर अक्‍सर पेट से जुड़ी कोई ना कोई दिक्‍कत होने लगती है. दरअसल, इसका सीधा संबंध हमारे पाचन तंत्र से है. पाचन तंत्र दुरुस्‍त रखने के लिए ये जरूरी है कि हमें पता हो कि कौन-सा भोजन पचने में कितनी देर लेता है. आपने महसूस किया होगा कि कुछ चीजें पेट भर खाने के बाद भी जल्‍द ही भूख लगने लगती है. वहीं, कुछ चीजें बहुत कम खाने के बाद भी काफी देर तक पेट भरा-भरा लगता है. इसकी वजह उनके पचने में लगने वाले समय से जुड़ी है. क्या आपको पता है कि भोजन खाने के कितनी देर बाद पाचन तंत्र तक पहुंचता है? हमारा पाचन तंत्र भोजन को पोषक तत्वों में तोड़ने का काम करता है. इन्‍हीं पोषक तत्‍वों को हमारा शरीर इस्‍तेमाल करता है. हमारे शरीर का पूरा का पूरा सिस्टम पाचन तंत्र पर टिका है. खाने की मात्रा और प्रकार पर निर्भर है पाचन समय भोजन को पाचन तंत्र से गुजरने में लगने वाला समय खाने की मात्रा और उसके प्रकार पर निर्भर करता है. खाने वाले का लिंग, मेटाबॉलिज्‍म और पाचन संबंधी कई समस्याएं भी पाचन प्रक्रिया की गति पर असर डाल सकते हैं. मुंह में भोजन की शुरूआत के साथ शुरू होने वाली इस प्रक्रिया में चबाना और लार ग्रंथि द्वारा बनने वाली लार के जरिये कार्बोहाइड्रेट के टूटने की शुरुआत शामिल है. खाने के बाद भोजन मुंह को पेट से जोड़ने वाली एक मांसपेशीय नली ग्रासनली से गुजरता है. इसमें कुछ ही सेकंड लगते हैं. ये भी पढ़ें – तरबूज लाल और पीले क्‍यों होते हैं, कैसे बनता है पीला रंग, क्‍या अफ्रीका से दुनिया में पहुंचा ये सुपरफ्रूट कितनी देर में कहां पहुंचता है खाया हुआ भोजन भोजन पेट में पहुंचता है, जहां यह गैस्ट्रिक रस और पाचन एंजाइम्‍स के साथ मिलता है. यह हिस्‍सा फूड पार्टिकल्स के मास डिसइंटिग्रेशन के लिए जरूरी जगह है. इसमें आमतौर पर 2 से 4 घंटे लगते हैं. गैस्ट्रिक प्रोसेसिंग के बाद पचा हुआ भोजन छोटी आंत में पहुंचता है. यहां करीब 4 से 6 घंटे में पाचन एंजाइम्‍स और पित्त भोजन को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट जैसे पोषक तत्वों में तोड़ देते हैं. फिर पानी, फाइबर और अनडायजेस्टेड सब्सटेंस के तौर पर बची हुई चीजें बड़ी आंत में चली जाती है. यहां 12 से 48 घंटों में कोलन वेस्ट मेटीरियल से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का एब्जॉर्प्शन होता है, जिससे मल बनता है. ये भी पढ़ें – Explainer – दुनिया में कहां सबसे महंगा टोल, कहां घर से गाड़ी निकालते ही लगता है कंजेशन चार्ज किस भोजन को पचने में कितना समय लगता है आपने खाए हुए भोजन के प्रकार का उसके पचने में लगने वाले समय से सीधा संबंध होता है. सरल कार्बोहाइड्रेट जल्दी पच जाते हैं, जबकि जटिल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट लंबे समय तक टूटते हैं. फल जैसे अघुलनशील फाइबर तेजी से पचते हैं. वहीं, मांस को पचने में 2 से 3 दिन तक का समय लग सकता है. फल, सब्‍जी और साबुत अनाज समेत हाई फाइबर वाले भोजन पाचन तंत्र को धीमा कर सकते हैं. उम्र के साथ पाचन प्रक्रियाएं धीमी हो सकती हैं, जिसकी वजह से ट्रांजिट समय बढ़ सकता है. बच्चों और शिशुओं का पाचन अपने से बड़ी उम्र के लोगों की तुलना में तेज होता है. हाई मेटाबॉलिज्म वाले लोगों का डायजेशन तेज होता है. वहीं, धीमे मेटाबॉलिज्म वाले लोगों का खाया भोजन ज्‍यादा देर में पचता है. किन चीजों को पचने में बहुत कम समय लगता है मांस और मछली को पूरी तरह पचने में 2 दिन तक का समय लग सकता है. उनमें मौजूद प्रोटीन और वसा जटिल अणु होते हैं, जिन्हें आपके शरीर से अलग होने में अधिक समय लगता है. फल और सब्जियां एक दिन से कम समय में आपके सिस्टम में पहुंच सकते हैं. हाई फाइबर फूड्स पाचन तंत्र को सामान्य से ज्‍यादा कुशलता से चलाने में मदद करते हैं. कैंडी बार और चॉकलेट बार जैसे मीठे जंक फूड सबसे तेजी से पचते हैं. आपका शरीर कुछ ही घंटों में उन्हें खत्‍म कर देता है, जिससे आपको फिर से भूख लग जाती है. पानी को पचने में बिलकुल समय नहीं लगता है. इसलिए ज्‍यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है. . Tags: Health tips, Healthy Foods, Research, VegetablesFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 19:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed