चकाचक ऑफिस में हर चीज का इंतजाम CBI पहुंची तो खुलने लगी पोल गजब का खेल
चकाचक ऑफिस में हर चीज का इंतजाम CBI पहुंची तो खुलने लगी पोल गजब का खेल
CBI Raid News: सरकार और प्रशासन की ओर से तमाम तरह के जागरुकता कार्यक्रम चलाने के बावजूद साइबर फ्रॉड के मामले थम नहीं रहे हैं. दिल्ली NCR में एक बार फिर से बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है.
नई दिल्ली. साइबर फ्रॉड सुनते ही झारखंड के जामतारा का नाम जेहन में कौंध जाता है. सच्चाई यह है कि साइबर फ्रॉड का मकड़जाल अब पूरे देश में फैल चुका है. दिल्ली एनसीआर से लेकर देश के तमाम बड़े-छोटे शहरों में साइबर फ्रॉड का रैकेट सक्रिय हो चुका है. सरकार साइबर ठगी सेबचने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चला रही है, ताकि आमलोगों को इनके जाल में फंसने से बचाया जा सके. दूसरी तरफ, साइबर अपराधी विभिन्न तरह के हथकंडे अपना कर देश के साथ ही विदेशी लोगों को चूना लगा रहे हैं. CBI ने दिल्ली-NCR में सक्रिय ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. चकाचक ऑफिस में बैठ कर ये अपराधी विदेशी नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे. इस मामले में अभी तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
जानकारी के अनुसार, CBI ने गुरुग्राम में एक कॉलसेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 43 संदिग्ध साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी कथित तौर पर विदेशी नागरिकों को उनके कंप्यूटर की समस्याओं के टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन का झांसा देकर उन्हें ठगते थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि सीबीआई ने गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी में स्थित इनोसेंट टेक्नोलॉजी (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस पर छापा मारा. CBI की टीम ने पाया कि वहां कई एजेंट विदेशी नागरिकों को ठगने के इरादे से लाइव कॉल कर रहे हैं.
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दिल्ली एनसीआर में 7 जगहों पर छापे
CBI ने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में 7 स्थानों पर तलाशी ली गई. यह पता चला कि इस नेटवर्क में साइबर आधारित इंटरनेशनल फायनेंशियल क्राइम को अंजाम देने में अलग-अलग सेंटर को-ऑर्डिनेशन के साथ काम कर रहे थे और इस संबंध में मुख्य रूप से उन्हें गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी से संचालित कॉल सेंटर से निर्देश मिलता था. अब तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इंटरपोल और FBI से संपर्क
CBI ने इस संबंध में सुराग हासिल करने और आगे की कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से FBI और कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संपर्क में है. CBI ने आरोप लगाया है कि निशाने पर लिए जाने वालों को अपने सिस्टम (कंप्यूटर) में मैलिसियस (गड़बड़ी वाले) सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए राजी किया जाता था, जिससे उनके कंप्यूटर बंद हो जाते थे. इसके बाद पीड़ितों को अपने सिस्टम को सही करने के लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता था. यह पता चला है कि अपराध से होने वाली कमाई कई देशों से हांगकांग तक पहुंचाई गई थी.
Tags: CBI Raid, Cyber Fraud, Delhi newsFIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 19:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed