हैरतअंगेजः 100 करोड़ देने पर राज्यपाल बनाने का सपना दिखाते थे 4 महाठग सीबीआई ने ऐसे किया भंडाफोड़

CBI arrest 4 conmen for allegedly duping people in the pertext of making governor: सीबीआई ने 4 महाठग को पकड़ा है जिन्होंने लोगों से 100 करोड़ के बदले राज्यपाल या राज्यसभा सदस्य या किसी सरकारी उपक्रम में चेयरमैन बनाने का झूठा वादा करता था. सीबीआई ने पैसे हाथ में पहुंचने के कुछ समय पहले इन चारों को गिरफ्तार कर लिया.

हैरतअंगेजः 100 करोड़ देने पर राज्यपाल बनाने का सपना दिखाते थे 4 महाठग सीबीआई ने ऐसे किया भंडाफोड़
हाइलाइट्स100 करोड़ के बदले राज्यपाल बनाने का झांसा देता था, पैसे लेने से पहले सीबीआई ने दबोचाराज्यसभा का सदस्य और सरकारी प्रतिष्ठानों में चेयरमैन बनाने का झांसा देता थाआरोपी अलग-अलग राज्यों का रहने वाला नई दिल्ली. क्या पैसे देकर राज्यपाल का पद भी खरीदा जा सकता है. सुनकर यकीन तो नहीं होता लेकिन देश में इतने बड़े-बड़े ठग हैं कि उनके लिए राज्यपाल का पद भी बेचना मुश्किल काम नहीं है. दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार महाठगों को पकड़ा है जो 100 करोड़ रुपये लेकर राज्यपाल या राज्यसभा की सीटें या केंद्र सरकार में किसी उपक्रम के चैयरमेन का पद देने का झूठा वादा कर लोगों को अपने जाल में फंसाताा था. सीबीआई के सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि ये ठग लोगों को ऐसे ही ठगता था. सौ करोड़ के बदले में राज्यपाल बनाने का वादा करता था. फोन टैप से मिला सुराग सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब पैसा इन महाठगों के हाथ में जाने वाला था, तभी सीबीआई ने उन्हें जाल में फंसा लिया और चारों को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई पिछले कई सप्ताह से इन महाठगों पर अपनी नजर बनाए हुए थाा. उनके फोन को इंटरसेप्ट कर रहा था. फोन टैप की मदद से सीबीआई इन आरोपियों तक पहुंच गया और उन्हें मौके पर ही दबोच लिया. इस महाठगी के धंधे में जिन लोगों की पहचान की गई है, उनके नाम हैं-महाराष्ट्र के लातूर के कर्मलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के बेलगाम के रवींद्र विट्ठल नाइक, दिल्ली-एनसीआर के महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई अधिकारियों पर हमला करने के बाद तलाशी अभियान के दौरान एक आरोपी भाग गया. उच्च अधिकारियों से संबंधों का हबाला देता था  सूत्रों के मुताबिक आरोपी लोगों को ठगने के लिए बड़ा रैकेट चलाता था. अभिषेक बूरा ने कर्मलाकर प्रेमकुमार बंदागर के साथ मिलकर उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों तक पहुंच का हवाला देकर साजिश रचता था. इन सबपर प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी के अनुसार, सीबीआई को अपने सूत्र से पता चला कि बूरा ने बंदगर से चर्चा की थी कि कैसे नियुक्तियों में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाने वाले उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ बूरा के कथित संबंधों का इस्तेमाल काम निकलवाने के लिए किया जा सकता है. इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी सौ करोड़ रुपये के एवज में राज्यसभा की उम्मीदवारी दिलवाने के झूठे वादे के साथ लोगों को ठगने की कोशिशों में जुटे थे. प्राथमिकी के मुताबिक, सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरोपी वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करेंगे, ताकि किसी काम के लिए उनसे संपर्क करने वाले ग्राहकों को सीधे या फिर अभिषेक बूरा जैसे बिचौलिए के माध्यम से प्रभावित किया जा सके. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: CBIFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 15:43 IST