हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद BJP के लिए एक और खुशखबरी कांग्रेस यहां भी खा गई मात
हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद BJP के लिए एक और खुशखबरी कांग्रेस यहां भी खा गई मात
BJP vs Congress Doantion: भारतीय जनता पार्टी आज अपने शिखर पर है. न केवल चुनावी नतीजों के लिहाज से, बल्कि पैसों के मामले में भी. भाजपा को चंदा देने वालों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है. यही वजह है कि भाजपा को खूब डोनेशन मिलता है. भाजपा को 2023-24 में 2244 करोड़ रुपये चंदा में मिले हैं. जबकि कांग्रेस इसके आसपास भी नहीं.
नई दिल्ली: भाजपा की हर जगह चांदी है. एक ओर उसे चुनाव दर चुनाव जीत मिलती जा रही है तो दूसरी ओर खूब धनवर्षा भी हो रही है. हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद भाजपा को एक और खुशखबरी मिली है. भाजपा को चंदा देने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. डोनेशन के मामले में कोई उसके आगे-पीछे तक नहीं है. भाजपा को 2023-24 में व्यक्तियों, ट्रस्टों और कॉरपोरेट घरानों से 20000 रुपये और उससे ज्यादा के चंदे के रूप में कुल करीब 2244 करोड़ रुपये मिले हैं. दिलचस्प है कि यह 2022-23 में मिले चंदे से तीन गुना से भी अधिक है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को 2023-24 में इसी तरह से 288.9 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में मिले हैं, जबकि पिछले साल उसे 79.9 करोड़ रुपये मिले थे.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध 2023-24 की कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 723.6 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जबकि इसी ट्रस्ट ने कांग्रेस को 156.4 करोड़ रुपए दिए. सीधे शब्दों में कहें तो 2023-24 में बीजेपी को मिले चंदे का लगभग एक तिहाई और कांग्रेस को मिले चंदे का आधे से ज्यादा हिस्सा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया. 2022-23 में प्रूडेंट को चंदा देने वालों में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, आर्सेलर मित्तल ग्रुप और भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियां शामिल थीं. 2023-24 के लिए प्रूडेंट ने अभी अपने चंदा देने वालों की लिस्ट जारी नहीं की है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस ने अपने चंदे का जो कुल हिसाब बताया है, उसमें इलेक्टोरल बॉन्ड शामिल नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नियमों के मुताबिक पार्टियों को अपने सालाना ऑडिट रिपोर्ट में ही इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्योरा देना होता है, न कि कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट में. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था. इसके बाद से राजनीतिक दलों के लिए फंड का सबसे बड़ा जरिया सीधे या इलेक्टोरल ट्रस्ट के रास्ते मिले चंदे ही हैं.
रीजनल पार्टियों का हाल जानिए
हालांकि, कुछ रीजनल पार्टियों ने अपनी मर्जी से 2023-24 की रिपोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे का खुलासा किया है. इनमें बीआरएस भी शामिल है, जिसे बॉन्ड के जरिए 495.5 करोड़ रुपये मिले. वहीं डीएमके को 60 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए से 121.5 करोड़ रुपये मिले हैं. जेएमएम ने बॉन्ड के जरिए 11.5 करोड़ रुपये मिलने की घोषणा की है. हालांकि, उसे इसके अलावा सिर्फ 64 लाख रुपये से कुछ ही ज्यादा का चंदा मिला है.
सबसे अधिक फायदा भाजपा को हुआ है. भाजपा को 2023-24 में चंदे के रूप में 212 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल के मुकाबले भाजपा को इस साल काफी ज्यादा चंदा मिला है. हालांकि, यह कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से पहले का साल है. 2018-19 में लोकसभा चुनाव के पहले साल में भाजपा ने 742 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 146.8 करोड़ रुपये के चंदे की घोषणा की थी. भाजपा को इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए 850 करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें से 723 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रूडेंट से, 127 करोड़ रुपये ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट से और 17.2 लाख रुपये आइंजीगार्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिले हैं.
किसे कितना चंदा मिला
कांग्रेस को ट्रस्टों के जरिए 156 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले, हालांकि यहां प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट अकेला दानदाता था. प्रूडेंट ने 2023-24 में बीआरएस और वाईआरएस कांग्रेस को क्रमशः 85 करोड़ रुपये और 62.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया. ये दोनों ही पार्टियां उसी साल सत्ता से बाहर हो गईं. आंध्र प्रदेश में अब सत्ताधारी पार्टी टीडीपी को प्रूडेंट से 33 करोड़ रुपये मिले. वहीं डीएमके को ट्राइंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट और जयभारत ट्रस्ट से 8 करोड़ रुपये मिले.
लॉटरी किंग ने भी भाजपा को दिया चंदा
लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी ने भी भाजपा को चंदा दिया है. जी हां, भाजपा ने 2023-24 में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज से 3 करोड़ रुपये के दान की घोषणा की है. यह कंपनी सैंटियागो मार्टिन की है. उन्हें भारत का ‘लॉटरी किंग’ भी कहा जाता है. फ्यूचर गेमिंग इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे बड़ा दानदाता था, जिसमें तृणमूल कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. मार्टिन कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की निगरानी में हैं.
किस पार्टी को कितना चंदा मिला आम आदमी पार्टी 2023-24 में 11.1 करोड़ रुपये का चंदा. पिछले साल यह आंकड़ा 37.1 करोड़ रुपये था. सीपीएम को 2023-24 में 7.6 करोड़ रुपये का चंदा मिला. 2022-23 में 6.1 करोड़ रुपये था. नेशनल पीपुल्स पार्टी को 14.8 लाख रुपये का चंदा. मायावती की बसपा 20,000 रुपये से ज्यादा का कोई चंदा नहीं मिलने की जानकारी दी BJD ने 2023-24 के लिए कोई चंदा नहीं मिलने की घोषणा की. TDP ने 2023-24 में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिलने की घोषणा की. समाजवादी पार्टी को पिछले साल के 33 करोड़ रुपये के मुकाबले 46.7 लाख रुपये का चंदा मिला. भाजपा को 2023-24 में 2.2 हजार करोड़ रुपये चंदे में मिले. कांग्रेस को 289 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को सैंटियागो मार्टिन की फर्म से तीन करोड़ रुपये चंदे में मिले.
Tags: BJP, CongressFIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 07:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed