एक ही झटके में चीन-पाकिस्तान हो जाएगा खल्लास भारत बजाएगा डमरू बांग्लादेश
एक ही झटके में चीन-पाकिस्तान हो जाएगा खल्लास भारत बजाएगा डमरू बांग्लादेश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस की मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. विदेश मामलों के जानकार कमर आगा, हर्ष वी पंत और ब्रह्म चेलानी बता रहे हैं कि चीन और भारत के रहते अमेरिका साउथ चाइना सी में बांग्लादेश के सहारे अपना वर्चस्व हासिल कर सकता है.
नई दिल्ली. बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की खूब चर्चा हो रही है. दोनों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. तस्वीर में जिस आत्मीयता के साथ जो बाइडेन और यूनुस मिल रहे हैं, उसे देखकर शेख हसीना से ज्यादा उनके बेटे सजीब वाजेद परेशान हो रहे होंगे. क्योंकि, उन्होंने तख्तापलट के कुछ ही घंटे के बाद बीते अगस्त महीने में इसका शक अमेरिका पर जताया था. अब इस मुलाकात के बाद उनको पता चल गया होगा. बांग्लादेश का चीन और अमेरिका के नजदीक जाना भारत के लिए कितना बड़ा खतरा होने वाला है? अंतर्राष्ट्रीय मामलों के तीन जानकारों की राय जानें.
हसीना से नफरत और यूनुस से प्यार?
अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्म चेलानी बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और जो बाइडेन का फोटो अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर लिखा, ‘वेनेजुएला में शासन परिवर्तन के असफल प्रयास और कांगो द्वारा तख्तापलट के प्रयास के लिए तीन अमेरिकियों को मौत की सजा दिए जाने के बाद. बाइडेन ने आज बांग्लादेश के नए सैन्य-स्थापित शासन के नाममात्र प्रमुख मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की और हड़पने वाले को ‘पूर्ण समर्थन’ दिया.’ बांग्लादेश में हिंसा के बाद शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था. (फाइल फोटो)
जानें ब्रह्म चेलानी ने क्या कहा
ब्रह्म चेलानी ने इसके बाद अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ भी यूनुस के कई फोटो पोस्ट कर लिखा, ‘यूनुस ने गरीबी को कम करने के लिए माइक्रोक्रेडिट या ग्रामीण परिवारों को छोटे ऋण देने का बीड़ा उठाया, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला, अर्थशास्त्र में नहीं.’ चेलानी ने अगस्त महीने में भी बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद एक पोस्ट किया था. पोस्ट में चेलानी ने लिखा, ‘शेख हसीना के नेतृत्व में बाग्लादेश तेजी से आर्थिक विकास कर रहा था, लेकिन बाहरी शक्तियां और इस्लामिक कट्टरपंथियों को शेख हसीना पच नहीं रही थीं. तीस्ता परियोजाना भारत को देने से चीन नाराज था. साल 2021 में बाइडेन की तरफ से लोकतांत्रिक शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश को नहीं बुलाया गया था, जबकि पाकिस्तान को निमंत्रण भेजा गया था. हालांकि, पाकिस्तान नहीं आया.
हर्ष वी पंत से जानें क्या क्या यूनुस भारत को देंगे झटका?
वहीं, विदेश मामलों के एक और जानकार हर्ष वी पंत न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए, अमेरिका ने हमेशा से ही मैंटेन किया है कि उनको शेख हसीना से दिक्कत थी. गले मिलना और बॉडी लैंग्वेज का कोई मतलब नहीं रह जाता है. अमेरिका का रोल बांग्लादेश में कोई खास नहीं है. लेकिन, अमेरिका जरूर चाहेगा कि चीन वहां पर ज्यादा प्रभाव न डाले. अगर अमेरिका नहीं करेगा तो चीन तो करेगा. शेख हसीना के साथ भारत के अच्छे संबंध थे तो भारत प्रभावी था. लेकिन, वहां एक ऐसी सरकार है जो राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है. यूनुस टेक्नोकेट हैं. उन्होंने कुछ और टेक्नोकेट्स को लेकर जिसमें बीएनपी के भी कुछ लोग हैं सरकार चला रहे हैं. ऐसे में अमेरिका अगर अपना प्रभाव बढा़ना चाह रहा है तो बड़ा स्वाभाविक है.’ बीते 5 अगस्त से शेख हसीना भारत में ही रह रही हैं.
चालबाज चीन क्या बांग्लादेश पर लेगा कब्जा
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा कहते हैं, ‘जब यूनुस सत्ता में नहीं भी थे तो भी यूरोप में शेख हसीना की सरकार का घूम-घूम कर विरोध कर रह थे. देखो यूनुस का मॉडल ये है कि अमेरिका से अच्छे संबंध बनाओ और डेवलपमेंट की बात करो. असल में इनके पास ज्यादा पावर है नहीं. बांग्लादेश में रियल पावर सेना के पास आ गई है. सेना के अंदर इस्लामिक कट्टरों का वर्चस्व है. बांग्लादेश शुरू से ही बंटा रहा. एक वो सेक्शन था, जो इस्लामिक था और एक नेशनलिस्ट सेक्शन. नेशनलिस्ट सेक्शन शेख हसीना के साथ था, लेकिन इन्होंने कुछ काम किया नहीं. आपको बता दूं कि नेशनलिस्ट सेक्शन बांग्लादेश में बडा़ सेक्शन है, लेकिन हसीना ने डूबा दिया.’
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आगा कहते हैं, ‘अब बांग्लादेश में पाकिस्तान प्रो जमात जैसी पार्टियों का वर्चस्व हो गया है. जमात का स्टेटमेंट आया है कि वह चाइना और अमेरिका से अच्छे संबंध बनाएगा. पाकिस्तान से स्पेशल रिलेशन डेवलप करेगा. अमेरिका ने तो इनकी सरकार को तुरंत मान्यता भी दे दिया था. फाइनेंशियल सपोर्ट का भी वादा किया है. इनको तुरंत पैसे की जरूरत है. जहां तक बात है चाइना को तो ये चाइना को नहीं छोड़ सकते काफी निर्भरता है चाइना पर. इनका प्लान है कि चाइना और अमेरिका दोनों को लेकर चलो. अमेरिका कुछ डिमांड ऐसी है, जो भारत कभी भी पसंद नहीं करेगा. आईलेंड मांग रहा है. वहां अपना बेस बना कर साउथ चाइना सी में अपना कंट्रोल करना चाहता है. वो सब इंडिया के लिए अच्छा नहीं है. जमात और नई सरकार की पॉलिसी बहुत ज्यादा भारत सरकार के फेवर में नहीं है.’ चीन को नुकसान होना तय है. (File Photo)
इस्लामिक कट्टरपंथ वर्सेज राष्ट्रवादी की लड़ाई
ब्रह्म चेलानी विदेश मामले के बड़े जानकार हैं. खासकर अमेरिक और उसके नीतियों पर चेलानी की महत्ता हासिल है. बाइडेन और मोहमम्मद यूनुस की तस्वीर को भी इन्होंने सबसे पहले पोस्ट किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहुंचे मोहम्मद यूनुस की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बांग्लादेश विदेश विभाग ने भी एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें कहा गया है कि जो बाइडेन ने बांग्लादेश सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही है. बाइडेन और यूनुस की मुलाकात से पहले 15 सितंबर को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी. इधर यूनुस मंगलवार न्यूयॉर्क में 2024 क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव बैठक में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ मंच साझा करते हुए भी नजर आए हैं.
Tags: Bangladesh news, Sheikh hasina, US President Joe BidenFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 15:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed