अभिषेक मनु सिंघवी के सामने किसी की न चली सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया बड़ा फैसला

Supreme Court News Updates: सुप्रीम कोर्ट में हर दिन हाई-प्रोफाइल केस आते रहते हैं. इनमें से कई पर तत्‍काल सुनवाई जरूरी होती है. ऐसा ही एक मामला देश की सर्वोच्‍च अदालत में लिस्‍ट हुई थी, जिसका तुरंत निस्‍तारण किया गया.

अभिषेक मनु सिंघवी के सामने किसी की न चली सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया बड़ा फैसला
नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट न्‍याय की आखिरी दहलीज है. कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी और अरुणाचल से महाराष्‍ट्र-गुजरात तक के लोगों की उम्‍मीदें शीर्ष अदालत पर टिकी होती हैं. सुप्रीम कोर्ट में आमतौर पर संवैधानिक महत्‍व और आमलोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले मामलों पर सुनवाई होती है. मुकदमों की अहमियत को समझते हुए अदालत मामले को तत्‍काल निपटाती है या फिर लंबी सुनवाई की जरूरत को देखते हुए डेट देती है. हाल में ही सुप्रीम कोर्ट में ऐसा मामला सामने आया, जिसपर तुरंत सुनवाई की जरूरत थी. कोर्ट की वेकेशन बेंच ने याचिका को लिस्‍ट कर न केवल उसपर सुनवाई की, बल्कि अर्जी पर अपना फैसला भी दे दिया. यह मामला पश्चिम बंगाल विज्ञापन विवाद से जुड़ा था. बीजेपी ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बीजेपी पश्चिम बंगाल ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी से जुड़ा विज्ञापन प्रचारित और प्रसारित किया था. तृणमूल कांग्रेस ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इन विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग की थी. तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के विज्ञापनों को अपमानजनक और नीचा द‍िखाने वाला बताया था. हाईकोर्ट ने इन आरोपों को सही मानते हुए भाजपा के इन विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी. बीजेपी ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत की वेकेशन पीठ ने मामले पर सुनवाई की. जस्टिस जेके माहेश्‍वरी और जस्टिस केवी विश्‍वनाथन की बेंच ने फैसला तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने पहली नजर में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी के विज्ञापन को अपमानजनक और नीचा दिखाने वाला माना. अभिषेक सिंघवी, प्रशांत भूषण, दुष्‍यंत दवे…जब सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के खिलाफ उतरी वकीलों की फौज फिर… सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला बीजेपी ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए निर्णय को रद्द करने की मांग की थी. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ में शामिल जस्टिस विश्‍वनाथन ने कहा, ‘इस तरह के विज्ञापन मतदाताओं के हित में नहीं हो सकते हैं. इससे बहस के स्‍तर नीचे गिरएगा.’ जस्टिस विश्‍वनाथन ने सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की ओर से पेश सीनियन एडवोकेट पीएस पटवालिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को अपने दिमाग में यह बात रखनी चाहिए कि आपके प्रतिद्वंद्वी या विरोधी आपके दुश्‍मन नहीं होते हैं. जस्टिस माहेश्‍वरी ने कहा, ‘आप (भाजपा) क्‍यों चीजों को आगे बढ़ाते हुए यहां तक आ गए?’ हाईकोर्ट के फैसले में हस्‍तक्षेप से इनकार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन से लोकसभा चुनाव के दौरान बहस का स्‍तर नीचे गिरेगा और इससे सिर्फ मतदाताओं को नुकसान होगा. बीजेपी के वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही फैसला दे दिया. उन्‍होंने कोर्ट में दलील दी कि बीजेपी की ओर से जारी विज्ञापन फैक्‍ट्स पर आधारित हैं. दूसरी तरफ, तृणमूल कांग्रेस की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने जोरदार दलील रखी. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत कलकत्‍ता हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश में हस्‍तक्षेप करने से इनकार कर दिया. इसके बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली. Tags: Abhishek Manu Singhvi, BJP, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 08:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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