बैंगन और टमाटर की खेती कर युवक 4 बीघा में कमा रहा ढ़ाई लाख मुनाफा
बैंगन और टमाटर की खेती कर युवक 4 बीघा में कमा रहा ढ़ाई लाख मुनाफा
किसान नमन कुमार ने बताया बैंगन टमाटर की खेती करीब हम 3 वर्षो से कर रहे है. इससे पहले हम धान गेहूं की खेती करते थे. उसमें हमें कोई फायदा नहीं हो रहा था. जिसके बाद हमने दो बीघे से टमाटर बैंगन की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ.
बाराबंकीः बाराबंकी के किसान भी अब बागवानी और साग-सब्जियों की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं. इससे यहां के किसानों की इनकम पहले के मुकाबले बढ़ गई है. खास बात यह है कि सब्जी की खेती से किसानों को रोज कमाई होती है. साथ ही उनको रोज हरी- हरी सब्जियां भी खाने को मिलती हैं. वैसे, तो जिले में हजारों की संख्या में किसान बड़े स्तर पर हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. लेकिन आज हम एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे. जिन्होंने बहुत कम जमीन मे टमाटर और बैंगन की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
जिले के ये युवा किसान सब्जियों की खेती से लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा होता है. इसके लिए वह कई सालों से बैंगन टमाटर की खेती से लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं. बाराबंकी जिले के रसूलपुर गांव के रहने वाले नमन कुमार ने करीब दो बीघे से बैंगन टमाटर की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज करीब 4 बीघा में बैंगन टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग दो से ढाई लाख रुपए मुनाफा कमा रहे हैं.
बैंगन की खेती की शुरुआत की
इसकी खेती करने वाले किसान नमन कुमार ने बताया बैंगन टमाटर की खेती करीब हम 3 वर्षो से कर रहे हैं. इससे पहले हम धान गेहूं की खेती करते थे. उसमें हमें कोई फायदा नहीं हो रहा था. जिसके बाद हमने दो बीघे से टमाटर बैंगन की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ. आज करीब 4 बीघे में टमाटर बैंगन की खेती कर रहे हैं. जिसमें लागत करीब एक बीघे में 15 से 16 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब दो से ढाई लाख रुपए एक फशल पर हो जाता है.
दो महीने बाद आने लगता है फसल
इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले हम टमाटर बैंगन के बीज की नर्सरी तैयार करते हैं.उसके बाद खेत की जुताई की जाती है. फिर इसमें हम मेड बनाते है. उसके बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर टमाटर बैंगन के पौधे लगाए जाते है. उसके बाद जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाता है. तब इसकी सिंचाई करते है फिर इसके पौधे में जैविक खाद कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव करना पड़ता है. जिससे पौधा अच्छा चलता है और रोग भी नहीं लगता. वही, पौधा लगाने के दो महीने बाद फसल निकलना शुरू हो जाता है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18FIRST PUBLISHED : May 25, 2024, 12:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed