मुस्लिम महिलाओं को बरगलाया गयापसमांदा समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का आरोप

Barabanki Story- पसमांदा समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि राहुल और अखिलेश ने एक बार फिर पसमांदा समाज को बरगलाकर और झूंठा दिलासा देकर उनका वोट हासिल कर लिया और मतलब निकल जाने के बाद दोनों ने किनारे पकड़ लिए. खटाखट खाते में रुपये मिलने की आस में महिलाएं कांग्रेस कार्यालय के चक्कर काट रही हैं

मुस्लिम महिलाओं को बरगलाया गयापसमांदा समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का आरोप
हाइलाइट्स पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर लगाया बड़ा आरोप वसीम राईन कहा राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने खटाखट पैसे खाते में डालने का लालच देकर वोट हासिल किया बाराबंकी. ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर पसमांदा समाज को बरगलाकर वोट हासिल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राहुल और अखिलेश ने एक बार फिर पसमांदा समाज को बरगलाकर और झूंठा दिलासा देकर उनका वोट हासिल कर लिया और मतलब निकल जाने के बाद दोनों ने किनारे पकड़ लिए. खटाखट खाते में रुपये मिलने की आस में महिलाएं कांग्रेस कार्यालय के चक्कर काट रही हैं और वोट हासिल कर दोनों नेता अब शतरंज की नई चाल चलने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल और अखिलेश ने सत्ता के लालच में सारी हदें पार कर दी हैं. सपना तो यही था कि झूठे वादे कर ज्यादा सीट हासिल करेंगे और सत्ता में आ जाएंगे. पर झूठ का महल ज्यादा नहीं टिकता. एक बार फिर जोड़ी बनाकर पब्लिक को खेल तमाशा दिखाने आये दोनों नेताओं के मंसूबों पर जनता ने पानी फेर दिया. हालांकि, यह दोनों झूठ का सहारा लेकर और झूठे वादे कर पसमांदा समाज का वोट लेने में काफी हद तक सफल रहे. जैसे कि महिलाओं के खाते में खटाखट रुपये भेजने का वादा. आमजन की गरीबी, परेशानी और मजबूरी का फायदा कैसे उठाया जाता है, यह कोई राहुल और अखिलेश से सीखे. अब आलम यह है कि महिलाएं खाते में खटाखट पैसा आने के वादे को अमल में आते देखने के लिए कांग्रेस कार्यालय पर कई दिन से मौजूद हैं और चक्कर लगा रही, पर हमेशा की तरह जिम्मेदार गायब हैं. अब भला इससे बड़ा मजाक और क्या होगा? कदम-कदम पर सुर मिलाने वाले अखिलेश भी अब तस्वीर  से गायब हैं और विधायकी छोड़ दिल्ली में बसने की तैयारी कर रहे. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि कांग्रेस ने पसमांदा समाज को कुछ देने की बजाय हमेशा छीना ही है. चाहे वह धार्मिक आजादी हो या फिर बुनियादी तरक्की, यही हाल सपा का भी है. क्या कांग्रेस और क्या सपा, पसमांदा समाज का वोट लेने के लिए सारी चाल चली पर चुनाव में न किसी चेहरे को टिकट दिया और न ही आगे की रणनीति ही बताई, तो वोट लेने के बाद पीडीए का राग अलाप रहे अखिलेश क्या पसमांदा समाज से किसी को राज्यसभा भेज रहे हैं? क्या पसमांदा समाज के एहसान का बदला वह चुकाएंगे? पसमांदा यही सवाल कर रहा है. फिलहाल खटाखट पैसे खाते में आते नहीं दिख रहे और न ही कांग्रेस की गारंटी ही दूर दूर तक पूरी होती दिखाई दे रही. गनीमत यह कि महाठगबंधन को बहुमत नहीं मिला वरना शातिरों के सरदार जाने क्या कर दिखाते. Tags: Barabanki News, UP latest newsFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 15:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed