बाराबंकी जिला जेल में खुलेगी लाइब्रेरी अपराधियों के हाथों में होंगी किताबें
बाराबंकी जिला जेल में खुलेगी लाइब्रेरी अपराधियों के हाथों में होंगी किताबें
जेल अधीक्षक जेपी तिवारी ने बताया कि खाली समय में बंदी अगर अच्छी पुस्तकें पढ़ेंगे तो उनका बौद्धिक स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। देश दुनिया के बारे में भी जान सकेंगे और जेल से बाहर जाने पर एक नेक इंसान बने। अपराध के दलदल से दूर रहेंगे
बाराबंकी: बाराबंकी जेल के भीतर बंदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए एक अनूठी पहल की जा रही है. जेल प्रशासन ने यहां एक लाइब्रेरी खोलने की योजना बनाई है, जिससे बंदी अब जीवन दर्शन, सामाजिक सद्भाव, अहिंसा, कानून, मनोरंजन, देश प्रेम और संस्कृति से जुड़ी पुस्तकें पढ़ सकेंगे. यह कदम जेल में बंद लोगों के मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बाराबंकी जिला कारागार की क्षमता लगभग 1000 बंदियों की है, लेकिन यहां अक्सर 1300 से 1600 बंदी तक रहते हैं, जिनमें लगभग 40 महिलाएं भी शामिल हैं. जेल में लंबे समय तक रहने के कारण कई बंदी अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं. हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, डकैती और मादक पदार्थ तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में सजा काट रहे करीब 300 बंदियों को अब इन पुस्तकों के माध्यम से मानसिक राहत और शिक्षा का अवसर मिलेगा. जेल अधिकारियों का उद्देश्य है कि जब ये बंदी अपनी सजा पूरी कर बाहर निकलें, तो उनका जीवन बदला हुआ हो और वे समाज में एक बेहतर नागरिक बन सकें.
जिला जेल के जेलर जेपी तिवारी पहले नोएडा की जेल में इसी तरह का सफल प्रयोग कर चुके हैं. बाराबंकी जेल में तबादला होने के बाद, उन्होंने यहां भी लाइब्रेरी की स्थापना की दिशा में कदम उठाया. जेल अधीक्षक तिवारी का मानना है कि खाली समय में अच्छी किताबें पढ़ने से बंदियों के बौद्धिक स्तर में सुधार होगा और वे देश-दुनिया के बारे में बेहतर समझ विकसित कर सकेंगे. इससे बाहर निकलने के बाद वे अपराध की दुनिया से दूर रहकर एक नेक इंसान बन पाएंगे.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 11:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed