भिंडी की इन किस्मों की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई
भिंडी की इन किस्मों की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई
किसान प्रदीप कुमार ने लोकल 18 को बताया कि भिंडी की खेती में जो लागत है करीब एक बीघे में 7 से 8 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब डेढ़ से दो लाख रुपए तक हो जाता है. बाजार में अभी भिंडी का रेट 40 रूपए प्रतिकिलाे चल रहा है. उन्होंने बताया कि भिंडी की अच्छी पैदावार लेने के लिए दोमट व भुरभुरी मिट्टी उपयुक्त है.
बाराबंकी. पारंपरिक फसलों की खेती में अधिक मुनाफा नहीं होने के चलते कसान नगदी फसल की ओर रूख कर रहे हैं. नगदी में वैसे फसलों की खेती करना चाहते हैं, जिसमें कम समय में अधिक मुनाफा अर्जित हो सके. ऐसे में सब्जी की खेती किसानों के लिए बेहतर कमाई का जरिया बनते जा रहा है.
सब्जी में भिंडी एक ऐसी फसल है जिसकी बाजार में डिमांड में रहती है और सेहत के लिए फायदेमंद है. किसानों को बढ़िया उत्पादन भी मिल जाता है. इस फसल की खेती से किसान कम समय में अच्छी आय अर्जत कर सकते हैं.
भिंडी की इन किस्मों की कर सकते हैं खेती
भिंडी की खेती वैसे तो कहीं पर भी की जा सकती है. अच्छी पैदावार लेने के लिए भिंडी की कई किस्में उपलब्ध है. जिसमें मुख्य रूप से पंजाब-7, अर्का अनामिका, पूसा ए-4, वर्षा उपहार, हिसार उन्नत, आजाद क्रांति और परभणी क्रांति आदि शामिल है. बाराबंकी जिले के सरैया गांव के रहने वाले किसान प्रदीप कुमार कई वर्षों से भिंडी की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं भिंडी की खेती करने वाले किसान प्रदीप ने बताया सब्जियों की खेती में करीब में दो-तीन साल से कर रहे हैं. जिसमें लौकी, तोराई, कद्दू, भिंड़ी आदि शामिल है. इस वक्त दो बीघे में भिड़ी लगी है और निकल भी रही है. बाजार में रेट भी बेहतर मिल रहा है. इसकी खेती लाइन से करते हैं. इससे भिंडी तोड़ने में भी आसानी होती है.
भिंडी की खेती के लिए दोमट व भुरभुरी मिट्टी है उपयुक्त
किसान प्रदीप कुमार ने बताया लोकल 18 को बताया कि भिंडी की खेती में जो लागत है करीब एक बीघे में 7 से 8 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब डेढ़ से दो लाख रुपए तक हो जाता है. बाजार में अभी भिंडी का रेट 40 रूपए प्रतिकिलाे चल रहा है. उन्होंने बताया कि भिंडी की अच्छी पैदावार लेने के लिए दोमट व भुरभुरी मिट्टी उपयुक्त है. इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. इसके बाद खेत को समतल किया जाता है. फिर एक-एक फीट की दूरी पर भिंडी के बीज लाइन से बुवाई की जाती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है तब इसकी सिंचाई की जाती है. करीब डेढ़ से 2 महीने बाद फलन स्टार्ट हो जाता है. इसके बाद बिक्री का दौर शुरू हो जाता है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 13:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed