यूनुस के पास गीदड़ का कलेजा भारत को तंग करने के लिए बैन किया ये चीज मगर

भारत को तंग करने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हर हथकंडा अपना रही है. इस बीच दुर्गापूजा से पहले उसने एक अहम चीज को बैन कर दिया है जिससे कि भारत खासकर पश्चिम बंगाल की जनता परेशान हो जाए.

यूनुस के पास गीदड़ का कलेजा भारत को तंग करने के लिए बैन किया ये चीज मगर
बांग्लादेश के पीएम पद से शेख हसीना के इस्तीफा देने और फिर वहां अंतरिम सरकार बनने के बाद से भारत के साथ रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है. वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और उनके अन्य सलाहकार हर समय भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उनकी सरकार पर सेना और कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव है. अब उन्होंने एक नया शिगूफा छोड़ा है. उनको लगता है कि इससे भारत की जनता तंगी झेलने लगेगी. उन्होंने प्रसिद्ध हिल्सा मछली के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया है. दरअसल, भारत में त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. अगले माह दुर्गापूजा का त्योहार शुरू हो रहा है. पश्चिम बंगाल में यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दुर्गापूजा के मौके पर बंगाली भद्रलोक परिवारों में हिल्सा मछली के व्यंजनों का खूब चलन है. यहां पर दुर्गापूजा के दौरान अधिकतर संभ्रांत परिवारों में हिल्सा मछली पकाई जाती है. वैसे तो पश्चिम बंगाल में हुग्ली नदी में भी यह मछली पाई जाती है. लेकिन बांग्लादेश में गंगा की सहायक नदी पद्मा में पाई जाने वाली हिल्सा मछली दुनिया में फेमस है. भारत के विभिन्न बाजारों में एक से सवा किलो की बांग्लादेशी हिल्सा मछली की कीमत करीब 2000 रुपये है. बंगाली परिवारों में दुर्गापूजा और अन्य खास मौकों पर हिल्सा मछली खाने का प्रचलन है. बैन के पीछे का तर्क इस बैन के पीछे बांग्लादेश का तर्क है कि उसके देश में ही हिल्सा मछली की कीमत आसमान छू रही है. इस कारण इस पर बैन लगाया गया है. दूसरी तरह जब तक शेख हसीना की सरकार थी तब तक दुर्गापूजा के मौके पर बांग्लादेश भारत को करीब 4000 टन हिल्सा मछली की निर्यात करता था. बांग्लादेश में मछलीपालन विभाग के सलाहकार फरीदा अख्तर का कहना है कि उनके देश में इस हिल्सा मछली की कीमत इतनी बढ़ गई है कि निर्यात पर प्रतिबंध जरूरी था. लेकिन, इसका दूसरा पहलू यह है कि इसके निर्यात पर बैन लगने के बाद बांग्लादेश में इसकी कीमत गिरेगी और इससे वहां से मछुआरों की कमाई पर असर पड़ेगा. बांग्लादेश एक तटीय प्रदेश है और वहां मछुआरों की आबादी काफी बड़ी है. उनकी कमाई का मुख्य जरिया मछली पकड़ना है. ऐसे में हिल्सा के निर्यात पर बैन से सीधे उनकी कमाई घटेगी. उन्हें टका (बांग्लादेश की मुद्रा) के लिए तरसना पड़ सकता है. शेख हसीना के देश के छोड़ने के बार आर्थिक मोर्चे पर चुनौती का सामना कर रही यूनुस सरकार के सामने एक नई चुनौती पैदा हो जाएगी. Tags: Bangladesh news, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 18:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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