क्या CAA की कट ऑफ डेट बढ़ानी चाहिए बांग्लादेश सीमा जुटे अल्पसंख्यक उठी मांग

Bangladesh CAA News Update: बांग्लादेश में शरणार्थियों की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर एक खास मांग मुखर हो रही है. पीएम मोदी से इस बाबत अप्रोच किया गया है हांलाकि यह समझना होगा कि इस मांग का पूरा प्रोसेस पर क्या असर होगा और केंद्र सरकार इस पर....

क्या CAA की कट ऑफ डेट बढ़ानी चाहिए बांग्लादेश सीमा जुटे अल्पसंख्यक उठी मांग
हाइलाइट्स सीएए की कट ऑफ लिस्ट की तारीख बढ़ाने की गुजारिश की जा रही है बांग्लादेश के एक संगठन ने पीएमओ से की है यह मांग, दिए हैं तर्क अल्पसंख्यक पश्चिम बंगाल सीमा की तरफ बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं नई दिल्ली: बांग्लादेश से एक बड़ा वर्ग चाहता है कि भारत सरकार सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट (CAA) की कट-ऑफ डेट आगे खिसका दे. यह धड़ा चाहता है कि यह तारीख 31 दिसंबर 2014 से बढ़ाकर 2024 कर दी जाए. साथ ही, मांग है कि बांग्लादेशियों के संदर्भ में एक साधारण हलफनामा ही पर्याप्त होना चाहिए. दरअसल यह संगठन बांग्लादेश में शरणार्थियों का संगठन है. पर सवाल है कि क्या सीएए की तारीख बढ़ाई जानी चाहिए? क्या भारत सरकार इस पर विचार करेगी? यदि हां तो इसके क्या परिणाम होंगे… यूपी का सहारा न मिला तो क्या करेगा बांग्लादेश… कैसे जलेगा चूल्हा, कैसे बनेगा घर बता दें कि मोदी सरकार ने 11 मार्च 2024 को पूरे देश में CAA लागू कर दिया था. इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश या फिर अफगानिस्तान से भारत में आने वाले गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. CAA के तहत इसी साल मई में पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता भी दी गई थी. बांग्लादेश में हिंसा थम नहीं रही है… टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश संकट के मद्देनजर पीएमओ को ज्ञापन भेजकर निखिल भारत बंगाली समन्वय समिति नामक संगठन ने यह मांग की है. संगठन का कहना है कि तिथि बढ़ाने से बांग्लादेश में उत्पीड़न से बचने में हिंदुओं को मदद मिलेगी. बांग्लादेश में हिंदू पत्नियों के फोन बंद… बात करने के लिए बेताब परिवार वाले समिति की मांग है कि बांग्लादेश में मौजूदा संकट को देखते हुए अल्पसंख्यक (यानी बांग्लादेशी हिन्दू) सुरक्षा के लिए भारत में प्रवेश करना चाहते हैं. ऐसी परिस्थितियों में सरकार को नागरिकता मानदंडों को सरल बनाना चाहिए और डॉक्युमेंट जमा करने की आवश्यकताओं को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए. साथ ही, कट ऑफ तिथि बढ़ानी चाहिए. समिति का कहना है कि बांग्लादेशियों के संदर्भ में एक साधारण हलफनामा ही पर्याप्त होना चाहिए. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हैं तमाम अत्याचार.. बहुमत होता तो विनेश फोगाट को भेज देते राज्यसभा… हुड्डा ने कह तो दिया मगर फंस रहा पेच? वैसे भी बांग्लादेश में हो रही हिंसा के कारण घबराए हुए अल्पसंख्यक पश्चिम बंगाल सीमा की तरफ बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं. भारत बांग्लादेश सीमा पर सिलीगुड़ी, किशनगंज और मुकेश पोस्ट पर पड़ोसी देश में परेशान और त्रस्त हिन्दुओं की भीड़ जमा है और बीएसएफ इन नागरिकों को नियमों के तहत उनके देश में ही रोक रहा है. ऐसे लोग जिनके पास वैलिड कानूनी दस्तावेज हैं, उन्हें ही इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के जरिए भारतीय सीमा में दाखिल होने की अनुमति दी जा रही है. (एजेंसियों से इनपुट) Tags: Bangladesh news, CAA Law, Sheikh hasina, World newsFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 12:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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