बुंदेलखंड के बांदा का ऐसा गांव जहां महीनों नहीं बनती दाल 

बुंदेलखंड के बांदा जिले के अछरौड़ गांव की आबादी लगभग पांच हजार है. इस गांव में पानी की इतनी विकराल समस्या है कि आज भी वहां के लोग पीने लायक पानी के लिए तरसते हैं.

बुंदेलखंड के बांदा का ऐसा गांव जहां महीनों नहीं बनती दाल 
विकाश कुमार/बांदा: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में एक ऐसा गांव है, जहां लोगों के घरों में साल के कुछ ही दिन दाल बन पाती है. इसकी वजह भी चौंकाने वाली है. दरअसल, हम आपको जिस गांव में दाल न बन पाने की खबर बता रहे हैं वहां पानी की भीषण समस्या है. यहां एक नल से जो पानी आता है वह बहुत ही ज्यादा खारा है. यही वजह है कि लोग घरों में महीनों तक दाल नहीं बना पाते हैं. मीठे पानी की तलाशा में गांव से दूर जाते है ग्रामीण खारे पानी की समस्या बुंदेलखंड के जिला बांदा के अछरौड़ गांव की है. इस गांव में लगभग 5,000 लोग रहते हैं. गांव के लोग पानी पीने तक के लिए तरसते हैं. मीठे पानी की तलाश में गांव के लोगों को लगभग एक से दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. गांव में केवल एक नल लगा हुआ है जिसमें खारा पानी निकलता है. ग्रामीणों ने बताई समस्या ग्रामीण रेखा, कृष्णा सहित अन्य लोगों ने बताया कि यहां पर जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई है, लेकिन अभी तक उसका काम पूरा नहीं हो पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि खारे पानी की वजह से यहां साल में एक-दो बार ही दाल बन पाती है. कपड़े हो जाते हैं खराब लोगों के मुताबिक, दाल के अलावा पानी खारा होने की वजह से अन्य भोजन भी सही से नहीं बन पाता है. लोगों ने बाताय कि इस पानी से कपड़े धुलने से कपड़े भी खराब हो जाते हैं. विधायक निधि से नदी किनारे एक ट्यूबवेल लगाया गया था जिसमें तीन-तीन दिन तक पानी ही नहीं आता. गांव में चार पुराने कुएं भी हैं लेकिन, 2 ही कुएं सही हैं जिनका पानी मीठा है, लेकिन जल स्तर गिरने से वह भी सूख गए हैं. साइकिल से लाते हैं पानी गांव के लोगों ने आगे बताया की वह घर के लिए दूर बने कुएं से साइकिल की मदद से पानी लाते हैं.  ग्रामीण महिला सुमतिया ने बताया कि यहां एक तालाब है जो बहुत ही गंदा है. लोग उसमें अपने गेहूं धोते हैं और बच्चे उसी में नहाते हैं, जिससे यहां बीमारियां भी बढ़ रही हैं। जल संस्थान के इंजीनियर ने दी जानकारी जल संस्थान के इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि आज हमने गांव का निरीक्षण किया है, तो गांव वालों ने बताया कि जो हैंडपंप लगे हैं वो खारा पानी देते हैं. जल जीवन मिशन के तहत गांव में काफी काम पूरा किया जा चुका है. पानी की टंकी से लगाकर पाइप तक बिछाए जा चुके हैं. 31 मई तक काम पूरा हो जाएगा और जल सप्लाई होने लगेगी. Tags: Banda News, Drinking water crisis, Local18FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 20:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed