7 बच्चों को खाने के बाद गांव-गांव घूम रहे आदमखोर भेड़िए रात में मशाल लेकर

Wolf Attack in Bahraich: इन भेड़ियों के गैंग की तस्वीरें डराने वाली है. शिकार पर निकले ये भेड़िए किसी को भी नहीं बख्श रहे. लोगों को लगातार सतर्क किया जा रहा है. खासकर बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की बात की जा रही है. खूंखार भेड़िए के इस गैंग को पकड़ने के लिए आसपास के जिलों से भी मदद ली जा रही है. लेकिन, अभी तक कोई भी सफलता नहीं मिली है.

7 बच्चों को खाने के बाद गांव-गांव घूम रहे आदमखोर भेड़िए रात में मशाल लेकर
बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इन दिनों खूंखार आदमखोर भेड़िए घूम रहे हैं. शिकार पर निकले भेड़ियों की इस गैंग ने अब तक 7 बच्चों को अपना निवाला बना चुके हैं. लोगों में दहशत भरी हुई है. घर से निकलने में भी लोग कतरा रहे हैं. बच्चे घरों में कैद हो गए हैं. रात छोड़ो, दिन में खेतों की तरफ जाना खतरे से कम नहीं है. इन भेड़ियों के गैंग की तस्वीरें डराने वाली है. शिकार पर निकले ये भेड़िए किसी को भी नहीं बख्श रहे. लोगों को लगातार सतर्क किया जा रहा है. खासकर बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की बात की जा रही है. खूंखार भेड़िए के इस गैंग को पकड़ने के लिए आसपास के जिलों से भी मदद ली जा रही है. लेकिन, अभी तक कोई भी सफलता नहीं मिली है. कुत्ते जैसे दिखने की वजह से हो जाता है धोखा भेड़िए कुछ-कुछ कुत्ते जैसे ही दिखते हैं. हालांकि, भेड़िये और कुत्ते के काटने में प्रमुख अंतर इन दोनों के दांतों का होता है. भेड़िये के दांत ज्यादा नुकीले होते हैं. दोनों के ही काटने से जहर नहीं फैलता. बल्कि रेबीज वायरस का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, भेड़िए कुत्तों के मुकाबले ज्यादा आक्रामक होते हैं. इसलिए उनका काटना बहुत खतरनाक और गंभीर हो जाता है. भेड़िया के दांत बड़े और तेज होते हैं, जिससे चोट गहरी लगती हैं. अगर भेड़िया रेबीज से संक्रमित है तो और ज्यादा दिक्कत हो सकती हैं. पकड़ने के लिए 16 अधिकारियों की टीम भेड़ियों के आतंक से निपटने के लिए 16 अधिकारियों की टीम लगी है. जिले के कतर्नियाघाट में पुराने डीएफओ रहे आकाशदीप बधावन को भी बाराबंकी से बुलाया गया है. जिलाधिकारी मोनिका रानी ने डीडीओ, डीपीआरओ, एसडीएम, दो बीडीओ समेत 16 अधिकारियों की एक टीम को निगरानी के लिए नियुक्त किया है. ये सभी अधिकारी शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे. कब-कब भेड़ियों ने किया हमला? महसी तहसील क्षेत्र में 10 मार्च से भेड़िए का हमला शुरू हुआ. पहला शिकार मिश्रण पुरवा गांव की एक बच्ची बनी. इसके बाद 23 मार्च, फिर 17, 27 जुलाई है. 3, 17 और 22 अगस्त को भेड़िए ने बच्चों पर हमला किया. अब तक भेड़ियों के हमले में 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. Tags: Bahraich news, Local18, UP news, Wild animalsFIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 17:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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