एक बार बोइए और 8 बार काटिए पशुओं के लिए वरदान तो मिट्टी के लिए रामबाण!

पशु बरसीम को बड़े चाव से खाते हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अन्य चारों की तुलनात्मक अधिक होती है. इसलिए, इसको आजकल ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है.

एक बार बोइए और 8 बार काटिए पशुओं के लिए वरदान तो मिट्टी के लिए रामबाण!
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: हर किसान चाहता है कि उसको किसानी से डबल फायदा हो. ऐसे में एक इतना जानदार फसल है जिसको केवल एक बार बोना है और बार-बार काटना है. बिल्कुल सही सुना आपने. हम बात कर रहे हैं पशुओं के बेहतर चारे के रूप में प्रयोग होने वाले बरसीम की, इसकी खेती न सिर्फ किसानों के लिए लाभकारी है बल्कि, पशुओं के लिए भी किसी वरदान से कम ही नहीं है. एक तो रसदार होने के कारण पशु बड़े चाव से खाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ दूध के साथ गुणवत्ता में भी काफी हद तक बढ़ोतरी भी पाई जाती है. सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि इसकी फसल मिट्टी के लिए भी वरदान साबित होती है… श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अशोक कुमार सिंह ने लोकल 18 से बताया कि चारे की फसलों में पौष्टिकता और रसदार (हरापन) के कारण बरसीम बहुत अच्छी फसल के रूप में दिखाई देती है. पशु बरसीम को बड़े चाव से खाते हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अन्य चारों की तुलनात्मक अधिक होती है. इसलिए, इसको आजकल ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. अब समय आ रहा है किसान भाई अपने खेत को तैयार करने में लग जाए ताकि अक्टूबर के महीने में समय से इसकी खेती कर लाभ ले सके. कैसे करें बीज को उपचारित… बरसीम चारे और बीज उत्पादन दो उद्देश्य से किया जाता है. चारे के उद्देश्य से खेती करना हो तो बढ़िया खेत की जुताई कर समतल कर ले. एक बीघे के हिसाब से बात करें तो 8 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है. खेत में सिंचाई कर शाम को बीज पानी में भिगो दें. अब बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें. बाजार में राइजोबियम कल्चर का 200 ग्राम का पैकेट आता है. एक 500 ml गुनगुने पानी में 100 ग्राम गुड़ घोल ले ठंडा होने पर 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर पाउडर मिला ले, इसके बाद लेपित कर 2 घंटे तक बीज को छाया में सुखा लें. एक बार बुवाई और 8 बार कटाई… तैयार खेत में छोटी-छोटी क्यारियां बना ले और फिर सिंगल सुपर फास्फेट है, डीएपी, म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी) आदि उर्वरक का प्रयोग जरूर करे. अब बीज का छिड़काव कर दें. बुवाई के 24 घंटे बाद खेत में पानी नहीं रहना चाहिए. 20 दिन के बाद यह फ़सल कटाई के लायक हो जाती है. इस फसल का फायदा यह है कि एक तरफ से आप काटते जाएंगे और दूसरे तरफ से यह बढ़ता रहता है. लगभग 6 से 8 कटाई किसान भाई इससे ले सकते हैं. यह फसल मिट्टी को भी बेहद उपजाऊ बना देती है. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 11:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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