कम समय में तैयार हो जाएगी अरहर की ये वैरायटी किसानों को मिलेगा बेहतर उत्पादन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि दाल की नई प्रजाति मालवीय अरहर 240 दिनों में ही तैयार हो जाता है. वहीं अन्य अरहर की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक उपज दे रहा है. एक हेक्टेयर खेत में 4 से 5 किलो बीच की आवश्यकता पड़ती है और औसतन 19 क्विंटल तक उत्पादन होता है. यह हर तरह की मिट्टी और जलवायु में खेती के लिए उपयुक्त है. 

कम समय में तैयार हो जाएगी अरहर की ये वैरायटी किसानों को मिलेगा बेहतर उत्पादन
आजमगढ़. दाल के बिना किसी की डाइट पूरी नहीं हो सकती है. एक कंप्लीट डाइट के लिए एक व्यक्ति को औसतन 80 ग्राम दाल की जरूरत पड़ती है.भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में दाल की खपत और जरूरत दोनों है. ऐसे में दाल की खेती को लेकर किसान समय-समय पर नए तरीके इजाद करते हैं, ताकि दाल की पैदावार को बढ़ाया जा सके. वहीं दाल की एक नई बीज का आविष्कार किया गया है. यह बीज कम समय में अधिक उपज देने में सक्षम है. 240 दिन में तैयार हो जाएगी अरहर की नई वैरायटी दाल की इस नई प्रजाति का नाम मालवीय अरहर है. इस अरहर की सबसे खास बात यह है कि यह अन्य अरहर की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक उपज दे रहा है. अरहर की फसल तैयार होने में कम से कम 9 से 10 महीने का समय लग जाता है. लेकिन, अरहर की यह नई प्रजाति 240 दिनों में तैयार हो जाती है. जिससे किसानों को बेहतर फायदा हो सकता है. आजमगढ़, बनारस, मथुरा अलीगढ़, हरदोई, बाराबंकी, झांसी, बरेली और मेरठ में इस नई प्रजाति की अरहर के बीज को बोया गया था. इसका बेहतरीन परिणाम देखने को मिला और एक हेक्टेयर में औसतन 19 क्विंटल तक उपज हुआ. एक हेक्टेयर में 5 किलो बीज की पड़ेगी जरूरत आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र में विभिन्न बीजों पर शोध कर रहे डॉ.अखिलेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि दलहन की खेती में अधिक समय लगने के कारण किसानों की रुचि घटने लगी है, क्योंकि दलहन की पैदावार में लगभग 8 से 10 महीने का समय लग जाता है. ऐसे में लगभग पूरे साल दलहन की खेती के लिए खेत को छोड़ना पड़ता है. दलहन की इस नई प्रजाति की सबसे खास बात यह है कि यह हर तरह की मिट्टी और जलवायु में खेती के लिए उपयुक्त है. किसान कम समय में अधिक पैदावार ले सकेंगे और समय रहते नई फसलों की उपज पर भी ध्यान दे सकेंगे. एक हेक्टेयर खेत में 4 से 5 किलो बीच की आवश्यकता पड़ती है. वर्तमान में इसके परीक्षण के लिए 9 स्थानों पर बीज को भेजा गया है. वहीं 240 दिन बाद इसका परिणाम सामने आएगा. Tags: Agriculture, Azamgarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 15:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed