यूपी के इस शहर में कर्बला में नहीं सरयू के जल में प्रवाहित होती है ताजिया
यूपी के इस शहर में कर्बला में नहीं सरयू के जल में प्रवाहित होती है ताजिया
दरअसल, हजरत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम के अवसर पर ढोल ताशे के बीच ताजिया निकाली गई. भगवान राम की नगरी में मुस्लिम संप्रदाय के शिया समुदाय के लोग पिछले सैकड़ों वर्षों से भगवान राम की नगरी में बहने वाली पवित्र सरयू नदी में ताजिया प्रवाहित करते हैं. जिसे सुपुर्द-ए-दरिया कहा जाता है.
अयोध्या : भगवान राम की नगरी अयोध्या में आज भी गंगा-जमुनी तहजीब कायम है. शिया समुदाय के लोग सैकड़ों वर्षों से पवित्र सरयू नदी में ताजिया प्रवाहित करते आए हैं. इसे सुपुर्द-ए-दरिया कहा जाता है. शिया समुदाय के लोग मानते हैं कि सरयू नदी का जल सबसे पवित्र है. भगवान राम की नगरी अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी में शिया समुदाय के लोग पिछले कई वर्षों से ताजिया को प्रवाहित करते हैं. इसे सुपुर्द-ए-दरिया कहा जाता है. यूं तो कर्बला के मैदान में ताजिया दफन किया जाता है, लेकिन गंगा-जमुनी तहजीब की नगरी अयोध्या में इसके अलग एक परंपरा अति प्राचीन है. जो केवल यहीं देखने और सुनने को मिलती है.
दरअसल, हजरत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम के अवसर पर ढोल ताशे के बीच ताजिया निकाली गई. भगवान राम की नगरी में मुस्लिम संप्रदाय के शिया समुदाय के लोग पिछले सैकड़ों वर्षों से भगवान राम की नगरी में बहने वाली पवित्र सरयू नदी में ताजिया प्रवाहित करते हैं. जिसे सुपुर्द-ए-दरिया कहा जाता है. यह परंपरा अति प्राचीन है इतना ही नहीं शिया समुदाय के लोग यह मानते हैं कि सरयू नदी का जल सबसे पवित्र है.
ताजिया को किया सरयू नदी के सिपुर्द
गौरतलब है कि मोहर्रम का चांद देखने के बाद इस्लाम के मानने वाले इस 10 दिन को मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 अहलो अयाल( रिश्ते दारो) की शहादत को याद करते हैं. इसी कड़ी में आज यानी यौमे आशुरा के दिन अयोध्या स्थित सैय्यद बाड़ा मोहल्ले से तजियादारो ने ग़मगीन माहौल में ताज़िया निकाली और नौहा पढ़ते हुए सीना जनी करते हुए सरयू के किनारे पहुंचे जंहा पर ताज़िये को रखकर या हुसैन अलविदा कहा और फिर ताजिया को सरयू नदी के सिपुर्द किया गया.
संत समाज के लोग भी थे शामिल
हाय हसन के उद्घोष के साथ राम नगरी के सड़कों पर हजरत इमाम हुसैन के याद में मुहर्रम के मौके पर ताजिया लेकर शिया वर्ग के लोग सरयू नदी के तरफ निकले. जहां पर लोगों ने ताजिया की परिक्रमा की और दुआ मांगी. इसके बाद ताजिए को सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया गया. ताजिया को सरयू नदी में प्रवाहित करने के लिए राम नगरी के घाटों पर संत समाज भी पहुंचते हैं. गंगा जमुनी तहजीब की नगरी कौमी एकता की मिसाल भी नजर आती है.
Tags: Ayodhya, Ayodhya News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 13:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed