Gaya: 10वीं के 3 छात्रों ने बनाया अनोखा डिवाइस कूड़ेदान में कचरा नहीं फेंकने वालों को पकड़ेगी मशीन
Gaya: 10वीं के 3 छात्रों ने बनाया अनोखा डिवाइस कूड़ेदान में कचरा नहीं फेंकने वालों को पकड़ेगी मशीन
दसवीं कक्षा के तीन छात्रों के द्वारा बनाए गए इस डिवाइस का नाम मेन लर्निंग मशीन है, यह डिवाइस लोगों को कूड़ेदान में कूड़ा डालने के लिए सूचित करेगा. 20 मीटर के दायरे में यह मशीन सेंसर के माध्यम से सेंस करेगा कि लोग कूड़ेदान में कचरा फेंक रहे हैं या नहीं. अगर कोई व्यक्ति बार-बार गलती को दोहराते हुए कूड़े को कूड़ेदान से बाहर फेंकेगा, तो यह डिवाइस उसे तीन बार चेतावनी देगा और चौथी बार उसको डिटेक्ट कर लेगा
कुंदन कुमार
गया. बिहार के गया को यूं ही नहीं ज्ञान की स्थली कहा जाता है. गया के पुराने जिला स्कूल के तीन छात्रों ने मिलकर एक डिवाइस का इजाद किया है जो लोगों को कूड़ेदान में कचरा डालने को मजबूर कर देगा. अन्यथा यह डिवाइस उसकी फोटो खिंचकर नगर निगम और सोशल मीडिया को भेज देगा जिससे उसपर कार्रवाई की जाएगी. दसवीं कक्षा के छात्रों आदित्य, अनुराग और सन्नी कुमार के द्वारा बनाए गए इस डिवाइस का नाम मेन लर्निंग मशीन है. इस डिवाइस को कूड़ेदान के पास रखा जाएगा. यह लोगों को कूड़ेदान में कूड़ा डालने के लिए सूचित करेगा.
20 मीटर के दायरे में यह मशीन सेंसर के माध्यम से सेंस करेगा कि लोग कूड़ेदान में कचरा फेंक रहे हैं या नहीं. अगर कोई व्यक्ति बार-बार गलती को दोहराते हुए कूड़े को कूड़ेदान से बाहर फेंकेगा, तो यह डिवाइस उसे तीन बार चेतावनी देगा और चौथी बार उसको डिटेक्ट कर लेगा. फिर यह डिवाइस उस व्यक्ति की तस्वीर खींचकर नगर निगम के कार्यालय में भेज देगा. साथ ही मशीन कूड़ेदान के बाहर फेंके गए कचरे को उठाकर कूड़ेदान में डाल देगा.
गार्बेज को कंट्रोल करने में मदद करेगा डिवाइस
न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत करते हुए छात्र आदित्य कुमार ने बताया कि यह डिवाइस गार्बेज को कंट्रोल करने में मदद करेगा. अक्सर देखा जाता है कि लोग कूड़ेदान में कचरा न फेंक कर उसके बाहर फेंक कर चलते बनते हैं जिस कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था. साथ ही जानवरों को भी नुकसान हो रहा था. यह सब देखते हुए हमलोगों ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया. आज इसका चयन बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में किया गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट को बनाने में हमने 600-800 रुपए खर्च किये हैं. अब हम चाहते हैं कि इस डिवाइस की मदद से गंदगी को फैलने से रोका जाये.
शिक्षक डॉ. देवेन्द्र कुमार की अहम भूमिका रही
दसवीं के छात्रों के इस प्रोजेक्ट को बनाने में जिला स्कूल के शिक्षक डॉ. देवेन्द्र कुमार की भी अहम भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि इस मशीन का नाम मेन लर्निंग मशीन है. नेशनल लेवल के लिए इस प्रोजेक्ट का चयन किया गया है जिसे गुवाहाटी में प्रदर्शनी में दिखाया जाएगा. सरकारी स्कूल के बच्चों की प्रतिभा निखर कर सामने आ रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत है.
गुवाहाटी में बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में शामिल यह प्रोजेक्ट
22 से 27 नवंबर तक असम के गुवाहाटी में बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी लगाई जानी है. इसमें गया के इस प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है. हेल्थ एंड वेलनेस विषय पर चयनित यह प्रोजेक्ट बिहार का एकलौता प्रोजेक्ट माना जा रहा है. बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में देश भर से 143 बाल वैज्ञानिकों के प्रोजेक्ट का चयन हुआ है.
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Tags: Bihar News in hindi, Garbage, Gaya newsFIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 12:58 IST