काम चर्चा और बेबसी सुशासन बाबू की हाथजोड़ पॉलिटिक्स से हक्का-बक्का बिहार

Nitish Kumar News: क्या नीतीश कुमार 3-4 साल पहले वाले नीतीश कुमार नहीं रहे? क्या सुशासन बाबू अब राजनीति से सन्यास ले लेंगे? क्या नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA अगला बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी? क्यों नीतीश कुमार बार-बार पटरी से बेपटरी हो जाते हैं? पढ़ें यह रिपोर्ट

काम चर्चा और बेबसी सुशासन बाबू की हाथजोड़ पॉलिटिक्स से हक्का-बक्का बिहार
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाथजोड़ पॉलिटिक्स की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है. नीतीश कुमार के अधिकारियों के सामने बार-बार हाथ जोड़ने से पूरा बिहार हतप्रभ है. हालांकि, इस बार नीतीश कुमार ने इंजीनियर या जीविका दीदी के सामने नहीं बल्कि राज्य के डीजीपी और गृह सचिव के सामने हाथ जोड़ा है. नीतीश कुमार को पुलिस बहाली के लिए इन दोनों अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ना पड़ा. सार्वजनिक सभाओं में नीतीश कुमार का व्‍यवहार हाल के वर्षों में बदल गया है. सुशासन बाबू के बदले इस अंदाज पर राजनीतिक गलियारे में कई तरह की गॉसिप शुरू हो गई है. कोई इसे बेबसी कह रहा है तो कोई काम का बोझ तो कोई बढ़ती उम्र और दवा का असर मान रहा है. नीतीश कुमार को लेकर चल रही गपशप को तब बल मिल जाता है, जब वह सार्वजनिक सभाओं में हैरतअंगेज बर्ताव करना शुरू कर देते हैं. जैसे, मंत्री अशोक चौधरी के पिता की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचने पर उनके पिता की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने के बजाए अशोक चौधरी पर ही फूल फेंक देते हैं. एक बार मीडिया से बातचीत करते-करते अशोक चौधरी को पकड़ कर कहते हैं कि इनसे बहुत प्यार करता हूं. बेतिया में जीविका दीदी से जुड़े कार्यक्रम में मंच से ही एक औरत को कहते हैं कि तुम बड़ी सुंदर हो आओ फोटो खिंचवाते हैं. इसी तरह दो साल पहले विधानसभा में उनका कामशास्त्र पर दिया ज्ञान आज भी लोगों को याद आ रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार पर बढ़ती उम्र का असर होने लगा है या फिर कोई दवा ले रहे हैं, जिसका साइड इफेक्ट कभी-कभी नजर आ जाता है? नीतीश कुमार क्यों ‘बहक’ रहे हैं? नीतीश कुमार के द्वारा अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ने पर बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने बड़ा बया दिया है. चौधरी ने कहा, ‘हर आदमी सही काम के लिए हाथ जोड़ता है. कोई अगर हाथ से थप्पड़ चलाना चाहता है तो वह थप्पड़ चलाएं. नीतीश कुमार जनता के सामने हाथ जोड़ते थे. अधिकारी के सामने भी जनता के लिए हाथ जोड़ते हैं. विनम्र राजनीति का संदेश देते हैं नीतीश कुमार हाथ जोड़कर, जिनको हाथ जोड़ना पसंद नहीं है वह थप्पड़ चला ले उसी हाथ से.’ उम्र और दवा का है असर? विजय चौधरी जो कहें, लेकिन राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र को लेकर खूब चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार के नजदीकी रहे कुछ लोग इसे दवाओं का असर मानते हैं. लेकिन, बिहार की जनता ही नहीं मीडिया और राजनेता भी जानना चाहते हैं कि आखिर नीतीश कुमार के इस अंदाज का राज क्या है? दवा, प्रेम, बढ़ती उम्र या पूर्ण शराबबंदी? फिलहाल हम नीतीश कुमार के हाल के दिनों में हाथ जोड़ने से लेकर जुबान फिसलने की वानगी बताते हैं. विधानसभा में भी बोल चुके हैं ये बातें तकरीबन दो साल पहले महागठबंधन की सरकार के दौरान सीएम नीतीश कुमार विधानसभा में महिला शिक्षा का महत्व समझाते-समझाते कामशास्त्र की व्याख्या करने लगे. नीतीश कुमार ने विधानसभा में महिला विधायकों के सामने ही बोल दिया कि अगर महिलाएं पढ़ी नहीं होती तो कैसे बोलती है कि बाहर गिराओ… उनके इस बयान के बाद एक बीजेपी विधायक रोने लगी थी. तब उनके सहयोगी रहे तेजस्वी यादव ने उनका बचाव यह कर किया था कि वह महिलाओं के सेक्स एजुकेशन को लेकर बोल रहे थे. तेजस्वी यादव ने तब उनके इस शिक्षा को नई परिभाषा दे दी थी. अब वही, तेजस्वी यादव बोल रहे हैं कि इनकी वजह से गवर्नेंस हावी हो रहा है. पीएम मोदी को कई मौकों पर पैर छूने की कर चुके हैं कोशिश नीतीश कुमार बीते लोकसभा चुनाव में नवादा की सभा में पीएम नरेंद्र मोदी का पैर छूने की कोशिश की थी. हालांकि, पीएम मोदी ने उनका हाथ पकड़ लिया. इसी तरह लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए की मीटिंग में भी ऐसी ही घटना घटी, जब संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव राजनाथ सिंह रखा और अनुमोदन करने के बाद नीतीश कुमार अपनी कुर्सी की ओर आगे बढ़ रहे थे तो उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का पैर छूने की फिर कोशिश की. इस बार भी मोदी ने उनका हाथ थाम लिया. इससे पहले एक सभा में एनडीए की 400 सीट सीटने जीतने की नारे के बदले उन्होंने 4000 सीट जीतने का नारा दे दिया. इसी तरह बेतिया की एक सभा में जीविका दीदी को सम्मानित किया जा रहा था. उस कार्यक्रम में बोलते-बोलेत नीतीश कुमार ने एक महिला को मंच पर बुला लिया और बोला तुम सुंदर हो आओ तुम्हारे साथ एक फोटो खिंचवाते हैं. कुलमिलाकर, हाल के वर्षों में नीतीश कुमार अपने पुराने अंदाज से अलग बिल्कुल हटकर व्यवहार कर रहे हैं. ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या नीतीश कुमार अगले पांच साल राजनीति करेंगे या फिर उनका विकल्प एनडीए में खोजा जा रहा है? हालांकि, एनडीए कई मौकों पर बोल चुकी है कि अगला चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी और जेडीयू दोनों नीतीश कुमार की बीमारी या अवस्था को लेकर कछ छुपा रही है? क्या नीतीश कुमार की राजनीति अब पूरी तरह से ढलान पर पहुंच गई है? Tags: Chief Minister Nitish Kumar, CM Nitish Kumar, JDU nitish kumar, Nitish GovernmentFIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 15:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed