सियासत को अपने हुनर से साध लेते हैं नीतीश प्रगति यात्रा पर राजनीति के मायने
सियासत को अपने हुनर से साध लेते हैं नीतीश प्रगति यात्रा पर राजनीति के मायने
Bihar Politics News: नीतीश कुमार प्राय: अपनी यात्राओं को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने जब भी किसी नये काम को शुरू किया है उसके पहले उन्होंने यात्रा जरूर की है. इसका बड़ा फायदा समय-समय पर उनकी पार्टी जेडीयू और सियासी भागीदारों (एनडीए और महागठबंधन) को मिलता भी रहा है. एक बार फिर से नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर निकल रहे हैं, जिसे लेकर नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे हैं नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.
हाइलाइट्स नीतीश कुमार फिर से बिहार यात्रा पर निकल रहे हैं जिसपर तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे. महिला संवाद यात्रा से प्रगति यात्रा नाम बदले जाने की बात कहकर सवाल उठा रहे तेजस्वी. प्रगति यात्रा के पहले चरण में चंपारण और तिरहुत क्षेत्र के 5 जिलों की यात्रा करेंगे सीएम नीतीश.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर को प्रगति यात्रा की शुरूआत करेंगे. पश्चिम चंपारण से शुरू होकर यह यात्रा 5 जिलों में होगी औ पहले चरण में 28 दिसंबर तक होगी. इस दौरान पूर्वी चंपारण के अतिरिक्त शिवहर और सीतामढ़ी के बाद मुजफ्फरपुर के बाद वैशाली में संपन्न होगी. लेकिन प्रगति यात्रा के नाम को लेकर सियासत शुरू है. बिहार विधान सभा चुनाव से पहले उनकी यह यात्रा बेहद अहम है, लेकिन विवाद इसके नाम को लेकर है क्योंकि पहले महिला सम्मान यात्रा और बाद में प्रगति यात्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आखिर नाम को लेकर क्यों हो रहे हैं सवाल? क्या तेजस्वी इसपर सवाल उठाकर गलती कर रहे?
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर तेजस्वी यादव ने बड़ा सवाल उठाया है और नीतीश कुमार से जवाब भी मांगे हैं जिसके बाद सियासत गर्म हो गई है. तेजस्वी यादव ने X पर अपने पोस्ट में लिखा, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपनी आदत, चरित्र, चाल चलन और चंचलता के चलते पिछले एक पखवाड़े में एक ही यात्रा का कई बार नाम बदल चुके हैं. पहले महिला संवाद, फिर समाज सुधार और अब प्रगति यात्रा… यह दर्शाता है कि वो मानसिक रूप से कितने अशांत और अस्थिर हो चुके हैं.
तेजस्वी यादव के सवाल उठाने पर जवाब एनडीए से भी आया है. नीतीश कुमार की यात्रा के नाम बदलने पर तेजस्वी के बयान पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, नीतीश कुमार पिछले 20 साल से कई यात्रा पर निकले हैं. यह नया नहीं है. लालू प्रसाद का परिवार सिर्फ बिहार को लूटने में लगा है. जिस व्यक्ति का जीवनकाल सिर्फ लूटने का प्रमाण हो, पूरे परिवार ने बिहार को लूटा, देश को लूटने का काम किया वह क्यों सवाल उठा रहे हैं. जाहिर है बिहार नीतीश कुमार की यात्रा से पहले दोनों पक्षों के बीच वार-पलटवार का क्रम अभी चलेगा. लेकिन इसको लेकर राजनीति के जानकार क्या कहते हैं?
तेजस्वी का सवाल उठाना जायज या नाजायज?
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि, नीतीश कुमार अभी तक जितनी भी यात्रा पर निकले हैं, अधिकांश चुनाव के पहले हुए हैं. एकाध मौके को छोड़ दें तो हर बार यात्रा का लाभ नीतीश कुमार को मिला है. इस बार भी नीतीश कुमार यात्रा के बाद कोई बड़ा फैसला लेंगे जिसकी संभावना है. ऐसे में फायदा भी एनडीए को मिल सकता है. ऐसे में अगर तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे हैं तो गलत क्या कर रहे हैं, वह नेता प्रतिपक्ष हैं और उनकी अपनी सियासत भी है ऐसे में उन्हें तो सवाल उठाना ही है.
तेजस्वी के नीतीश पर सियासी हमले की वजह
अरुण पांडे आगे कहते हैं कि अभी तो यात्रा की सियासत चल रही है और तेजस्वी भी यात्रा पर हैं. नीतीश कुमार की यात्रा का फायदा नीतीश कुमार को ना मिल जाए इसे लेकर तेजस्वी लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं और पैसा के दुरुपयोग का आरोप भी लगा रहे हैं. लेकिन, राजनीति में नीतीश कुमार को जानने वाले जानते हैं कि नीतीश बिना वजह कुछ नहीं करते हैं. शायद तेजस्वी यादव को भी ये बात अच्छे से पता है कि नीतीश कुमार कोई बड़ा दांव चलने वाले हैं जिससे उनकी सियासी राह में मुश्किलें हो सकती हैं. ऐसे में वह अभी से हमलावर हैं.
जनता का भरोसा जीतने निकल पड़े हैं तेजस्वी
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं, अभी बिहार में यात्रा और घोषणाओं की राजनीति चरम पर है. नीतीश कुमार की यात्रा पर तमाम सियासी दलों की निगाहें टिकी हुई हैं कि नीतीश अपनी यात्रा के बाद बिहार के लोगों के लिए, खासकर महिलाओं के लिए क्या कुछ घोषणा करने वाले हैं, जिसका ट्रेंड भी रहा है. शायद इसी बात से तेजस्वी यादव भी परेशान हो सकते हैं जिसको लेकर लगातार नीतीश कुमार की यात्रा के बहाने हमला बोल रहे हैं. इस क्रम में वह जनता को ये भरोसा भी दिला रहे हैं कि तेजस्वी यादव पर भरोसा कीजिए.
तेजस्वी यादव बता रहे-जो कहते हैं वो करते हैं
रवि उपाध्याय कहते हैं कि अब ये तो जनता को तय करना है किसके दावे पर वो भरोसा करती. रवि उपाध्य आगे ये भी कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने 2020 के चुनाव में घोषणा की थी कि सरकार बनने के बाद दस लाख नौकरी देंगे, जिसका बड़ा फायदा उन्हें मिला था. इसके बाद से ही घोषणाओं को लेकर राजनीतिक दलों का रुझान बढ़ा है. शायद इस बार नीतीश कुमार भी कोई बड़ी घोषणा करें, क्योंकि तेजस्वी यादव ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 2500 रुपये, वृद्धावस्था पेंशन 1500 रुपये और 200 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा पहले से ही कर रखी है.
सियासत के सारे हुनर सीएम नीतीश कुमार जानते हैं
लेकिन, नीतीश कुमार भी सियासत का हुनर जानते हैं और यह उनकी यात्राओं में भी दिखता है. नीतीश कुमार ने सत्ता संभालने के बाद वर्ष 2005 में सबसे पहली बार बिहार की यात्रा की थी. तब उनकी इस यात्रा का असर यह हुआ था कि लालू यादव और राबड़ी देवी की सत्ता से विदाई हो गई थी. इस यात्रा का नाम न्याय यात्रा था. इसके बाद नीतीश कुमार ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग वजहों और उद्देश्यों से यात्राएं कीं. सीएम नीतीश ने लोकसभा चुनाव 2009 से पहले जनवरी में विकास यात्रा की, तो जीत के बाद जून 2009 में धन्यवाद यात्रा पर निकल गए. इसके बाद दिसंबर में प्रवास यात्रा की जिसका मकसद बिहार विधानसभा चुनाव 2010 से पहले सरकार के चार साल की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाना और जनता में अपने लिए विश्वास पैदा करना था.
अपनी यात्रा के जरिये जनता का जीतते रहे विश्वास
विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने 2010 के अप्रैल में विश्वास यात्रा की जिससे उनका वोट बैंक बेहद मजबूत हुआ. इस चुनाव में जेडीयू 115 सीट के साथ राज्य में अपने सबसे शानदार प्रदर्शन तक पहुंची. इसका असर यह हुआ कि एनडीए गठबंधन को बिहार में बंपर जीत मिली. विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार ने 2011 में सेवा यात्रा की, तो 2012 में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग के साथ अधिकार यात्रा पर निकल गए. लोकसभा चुनाव 2014 से पहले नीतीश ने संकल्प यात्रा की, लेकिन चुनाव में नुकसान हो गया. एक यही यात्रा रही जिसका लाभ नीतीश कुमार को नहीं मिला.
जनता के बीच जनता की बात करने वाले हैं नीतीश
लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार से जो झटका लगा इसके बाद उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की तैयारी शुरू कर दी. चुनाव से पहले नीतीश कुमार नवंबर 2014 में संपर्क यात्रा पर निकले. 2015 में महागठबंधन सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने सात निश्चय लागू कर दिया. वर्ष 2016 में निश्चय यात्रा करने निकले और सीएम नीतीश ने 2017 में समीक्षा यात्रा की. इसी दौरान उन्होंने फिर पाला बदल लिया और बीजेपी के साथ हो लिए. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में जल जीवन हरियाली यात्रा पर निकले और इस चुनाव में एनडीए ने 40 में 39 सीटें जीतीं. वर्ष 2021 में समाज सुधार यात्रा और 2023 में उन्होंने समाधान यात्रा की. एक बार फिर से 2024 में नीतीश की प्रगति यात्रा पर निकलेंगे जो सियासी नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
Tags: Bihar NDA, Bihar politics, Bihar rjd, RJD leader Tejaswi YadavFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 14:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed