बिहार में चेहरा चमकाने का बड़ा खेल! एक ही बहाली में दो-दो बार नियुक्ति पत्र दे रही नीतीश सरकार
बिहार में चेहरा चमकाने का बड़ा खेल! एक ही बहाली में दो-दो बार नियुक्ति पत्र दे रही नीतीश सरकार
Bihar News: बिहार में इन दिनों सरकारी पैसे पर चेहरे चमकाने का बड़ा खेल चल रहा है. यह केवल आरोप नहीं; बल्कि हकीकत है. दरअसल, नीतीश सरकार ने बिहार में 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है और इस वायदे को पूरा करने के लिए सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए हैं. बड़े पैमाने पर वैसे लोगों को फिर से नियुक्ति पत्र सौंपा जा रहा है जिनको पहले ही नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं.
पटना. बिहार में आजकल नियुक्ति पत्र देने के नाम पर सरकारी पैसे को पानी की तरह बहाकर चेहरा चमकाने का खेल चल रहा है. इसी कड़ी में 16 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 हजार 449 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपने जा रहे हैं. इनमें 8346 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक का शामिल है. नौकरी मिलना प्रशंसनीय बात है, लेकिन इसके नाम पर छलावा कहां तक जायज है? दरअसल, जिन पुलिसकर्मियों को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव 16 नवंबर को नियुक्ति पत्र सौंपने वाले हैं उन सभी को पहले ही नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं. खास बात यह भी है कि ये सभी पुलिसकर्मी अभी ट्रेनिंग भी ले रहे हैं.
बता दें कि सभी दारोगा को रीजनल डीआईजी और आईजी ने नियुक्ति पत्र सौंप दिया है. किसी को जनवरी में तो किसी को एक महीना पहले ही नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं. वहीं, सिपाही को जिले के एसपी ने अपनी तरफ से नियुक्ति पत्र सौंप दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि फिर से नियुक्ति पत्र देने का क्या मतलब है?
वहीं, दूसरी ओर वर्तमान सरकार के नुमाइंदों का चेहरा चमके इसे लेकर पुलिस महाकमा पूरी तरीके से जुड़ा हुआ है. बिहार पुलिस मुख्यालय के सारे अधिकारी इन दिनों गांधी मैदान में सारा दम लगा रहे हैं. न्यूज 18 ने जब बिहार पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता और एडीजी मुख्यालय जे एस गंगवार से फिर से नियुक्ति पत्र दिए पर जब सवाल किया तो उन्होंने गोल मटोल जवाब दिया. अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ये पहली नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं. आपके शहर से (पटना) बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर
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बहराहल, पुलिस विभाग के गोलमोल जवाब के बावजूद हकीकत यही है कि बिहार पुलिस मुख्यालय ने पिछले जनवरी महीने में ही सार्जेंट को नियुक्ति पत्र सौंपने का निर्देश जोनल डीआईजी और आईजी को दिया था. सवाल यह है कि एडीजी मुख्यालय को पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश की जानकारी क्यों नहीं होती है?
जे एस गंगवार ने कहा कि यह राज्यस्तरीय कार्यक्रम है और समेकित रूप से दिया जा रहा है. जहां तक नियुक्ति पदाधिकारी का सवाल है निश्चित ही करते हैं और सब इंस्पेक्टर डीआईजी की नियुक्ति करते हैं. प्राधिकार होना अलग बात है और नियुक्ति पत्र का वितरण करना अलग बात. लेकिन, पुलिस मुख्यालय के पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि नियुक्ति पत्र डीआईजी द्वारा सभी दारोगा को सौंपे जाएंगे.
उधर इस मामले को लेकर बिहार की सियासत में पूरी तरह गरमा गई है. भाजपा समेत दूसरे दलों ने पूरे मामले में नीतीश सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है. भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि नीतीश सरकार जनता के पैसे खर्च कर केवल चेहरा चमकाने में लगी है और वह भी खेल के माध्यम से. जाहिर है कि इस पूरे मामले में बिहार पुलिस मुख्यालय जानबूझकर खुद को अनजान बता रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2022, 11:06 IST