कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव: आखिर क्यों सियासी समीकरण में उलझा हुआ दिख रहा है जदयू
कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव: आखिर क्यों सियासी समीकरण में उलझा हुआ दिख रहा है जदयू
Bihar Politics: सबके निशाने पर जदयू? एक ओर प्रशांत किशोर जदयू वाला नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं, वही असदुद्दीन ओवैसी ने कुढ़नी में विधानसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार देकर जदयू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं! वहीं मुकेश साहनी ने एक भूमिहार जाति के उम्मीदवार नीलाभ कुमार को टिकट देकर नया चुनावी समीकरण बनाने की कोशिश की है.
पटना/मुजफ्फरपुर. मोकामा और गोपालगंज विधान सभा उपचुनाव को लोकसभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल माना जा रहा था. लेकिन, ये मुकाबला भाजपा और महागठबंधन के बीच 1-1 बराबरी पर छूटा और इस मैच से पता नहीं चला कौन जीता कौन हारा. मगर, अब कुढ़नी विधान उप उपचुनाव दोनों गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जानकार मानते हैं कि कुढ़नी विधान सभा चुनाव परिणाम ये भी साफ कर देगा की जिस वोट बैंक पर जदcgयू अभी तक दावा करता रहा है वो उनके साथ कितनी मजबूती से खड़ा है.
दरअसल जदयू और जीत के बीच कुछ उम्मीदवारों ने अड़चन डाल दी है जिससे जदयू परेशान है. इसका कारण यह है कि कुढ़नी का जो सामाजिक समीकरण है उसमें मुस्लिम वोटर भी निर्णायक माने जाते हैं. मुस्लिम वोट अभी तक जदयू, राजद या महागठबंधन के साथ रहा है. लेकिन, इस बार असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने उम्मीदवार उतार कर जदयू के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. यहां यह भी बता दें कि गोपालगंज में राजद उम्मीदवार को हराने में AIMIM की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी और अब कुढ़नी में इस बार जदयू की जीत की राह कठिन बना रही है.
इसके साथ ही कुछ ऐसी ही परेशानी मुकेश सहनी के उम्मीदवार उतारने पर भी जदयू को हो रहा है. कहा जा रहा है कि बोचहां में भूमिहार मतदाता बीजेपी से नाराज थे. आज भी उनकी नाराजगी दूर पूरी तरह से नहीं हो पाई है. इसी का फायदा जदयू उठाना चाहता है. मोकामा उपचुनाव में भूमिहार वोटों का अधिकांश हिस्सा महागठबंधन को मिला भी था जिसकी वजह से बीजेपी तब हार गई थी. हालांकि, वहां यह भी बड़ी बात थी कि अनंत सिंह और उनका परिवार इस सीट से 6 बार से लगातार जीतता आ रहा है. लेकिन, कुढ़नी में इस बार मुकेश सहनी ने भूमिहार उम्मीदवार देकर जदयू के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. आपके शहर से (पटना) बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर
Chatra से दो खूंखार TSPC नक्सली गिरफ्तार, बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी तैयारी | Hindi News
चाची की हैवानियत! 3 साल के भतीजे की हत्या की, फिर अपने ही बेडरूम में दफनाया
Patna में केंद्र सरकार की तरफ से रोजगार पाकर खिले युवाओं के चेहरे, देखिए रिपोर्ट | Hindi News
BJP के अल्टीमेटम पर CM ने लिया संज्ञान, सीएम ने शिक्षा मंत्री को अपने आवास पर बुलाया। Apna Bihar
OMG! नाव नहीं तो शादी नहीं...यहां दूल्हे को दहेज में दी जाती है नाव, जानिए क्यों?
Gopalganj: मिंज स्टेडियम में रोजगार मेले में उमड़े युवा, 19 कंपनियां दे रही हैं नौकरी | Bihar News
Bagaha में Gandak के जलस्तर में गिरावट होने के बाद कटाव में तेजी, लोगों की मुश्किलें बढ़ी
Ranchi: Jharkhand विधानसभा स्थापना दिवस समारोह का राज्यपाल Ramesh Bais ने किया उद्घाटन| Hemant Soren
Sitamarhi: 3 फीट के दुल्हे को मिली दुल्हन, विवाह के बंधन में बंधे योगेन्द्र और पूजा| #shorts | Bihar
कल एमपी में प्रवेश कर रही है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, प्रियंका भी 4 दिन रहेंगी साथ
Gopalganj: बिजली न रहने पर रुक जाता है इलाज, CT Scan कराने के लिए मजबूर मरीज | Health System बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर
कहा जा रहा है कि अगर भूमिहार वोट में बंटवारा होता है तो इसका खामियाजा जदयू को भी उठाना पड़ेगा. इसी को रोकने के लिए जदयू के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट ललन सिंह खद कुढ़नी में कैंप कर रहे हैं. साथ ही जदयू के कई भूमिहार नेता भी कुढ़नी में कैंप कर चुके हैं. वहीं, राजद से नाराज सहनी समाज का एक नेता भी निर्दलीय चुनाव मैदान में है जो सहनी वोट काट सकता है. जाहिर है इसका घाटा जितना बीजेपी को होगा उतना ही जदयू को भी होगा. वहीं मुकेश सहनी के उम्मीदवार उतरने की वजह से सहनी वोट में बंटवारा तय है और इसका सबसे अधिक नुकसान जदयू को ही हो सकता है क्योंकि अति पिछड़ा वोट पर जदयू दावा करता रहा है.
कुढ़नी के चुनाव को नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि राजद से टिकट छिन जाने की वजह से राजद के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी निराश हैं और इसका खामियाजा भी जदयू को उठाना पड़ सकता है. हालांकि दूसरी ओर जदयू को उम्मीद है कि तेजस्वी यादव के चुनावी मैदान में उतरने के बाद शायद इनकी नाराजगी दूर हो. लेकिन, वो किस हद तक दूर हो पाएगी ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा. वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि राजद से टिकट छिन जाने के बाद स्थानीय स्तर पर पार्टी (राजद) के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है. ऐसे में यादव व काफी हद तक कुछ अन्य पिछड़े वर्ग के वोटर इधर-उधर हो सकते हैं. ऐसे में सियासी समीकरण के लिहाज से देखें तो कुढ़नी उपचुनाव में सबके निशाने पर जदयू है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Assembly by election, Assembly bypoll, Bihar News, Bihar politicsFIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 16:37 IST