झारखंड ही नहीं बिहार को भी 23 का इंतजार 24 के रिजल्ट पर सेट होगा 25 का समीकरण
झारखंड ही नहीं बिहार को भी 23 का इंतजार 24 के रिजल्ट पर सेट होगा 25 का समीकरण
Bihar News: झारखंड चुनाव में जो भी रिजल्ट आता है उस इन दोनों पार्टियों के विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर समीकरण भी तय किया जाएगा. इस बारे में बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं कि चार सीट के चुनावी परिणाम का असर बिहार के राजनीति पर पड़ना लाजिमी है.
पटना. झारखंड विधानसभा चुनाव और बिहार के चार सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट 23 नवंबर को आ जाएगा. इसी के साथ यह भी तस्वीर साफ हो जाएगी. बिहार और झारखंड में किसका जादू फिर से चला है. ऐसे में 23 नवंबर का इंतजार न सिर्फ झारखंड के सियासी गलियारे में बेसब्री से हो रहा है बल्कि बिहार में भी 23 नवंबर की तारीख काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल 23 नवंबर की तारीख ना सिर्फ उपचुनाव परिणाम को लेकर महत्वपूर्ण हो जाती है बल्कि झारखंड चुनाव में जो भी रिजल्ट आता है उसका भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में में व्यापक असर देखने को मिल सकता है.
दरअसल जिस तरीके से आरजेडी और बीजेपी बिहार में दो बड़ी पार्टियां है जिनके पास सबसे अधिक सीट है. ऐसे में झारखंड चुनाव में जो भी रिजल्ट आता है उस इन दोनों पार्टियों के विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर समीकरण भी तय किया जाएगा. इस बारे में बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं कि चार सीट के चुनावी परिणाम का असर बिहार के राजनीति पर पड़ना लाजिमी है. दरअसल जिन इलाको में चुनाव हो रहे हैं, उस इलाके में एनडीए के वोट बैंक में महागठबंधन ने सेंघमारी की है, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान इसकी तस्वीर साफ तौर पर देखने को मिली थी. वहीं अब गर एनडीए इन सीटो पर महागठबंधन को झटका देता है तो इसका मतलब साफ होगा कि एनडीए से जो वोट बैंक झिटका था वो वापस लौट रहा है, ऐसे में महागठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है.
वहीं बात अगर झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम की तो तब इसका भी सीधा असर बिहार के राजनीति पर पड़ेगा. बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि झारखंड और बिहार अलग-बगल वाला स्टेट है. ऐसे में झारखंड के चुनाव परिणाम का बिहार की सियासत पर असर पड़ना तय माना जा रहा है. झारखंड में अगर एनडीए की जीत होगी तो बीजेपी का मनोबल काफ़ी बढ़ेगा और इसका असर बिहार में भी दिखेगा. खासतौर पर सीट बंटवारे के समय बीजेपी अपने सहयोगियों पर दवाब बढ़ा सकती है. वहीं अगर मह गठबंधन की जीत होती है तब आरजेडी और कांग्रेस का मनोबल बिहार के चुनाव में बढ़ेगा. साथ ही बीजेपी पर नीतीश कुमार, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा जैसे सहयोगी भी दबाव बढ़ा सकते हैं.
अरुण पांडे कहते हैं कि झारखंड में बीजेपी ने खुलकर हिंदुत्व का कार्ड खेला था, जिसकी वजह से भी नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए थे. अब जब झारखंड में बीजेपी को हार मिलेगी तब उसका एक असर यह भी होगा कि बिहार चुनाव प्रचार के दौरान हिंदुत्व की बात पर लगाम लग सकता है. ऐसे में यह बीजेपी नेताओं के लिए बड़ी चुनौती होगी. खासकर कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाको में जहां बीजेपी के नेता खुलकर हिंदू मुस्लिम कार्ड की राजनीति करते हैं. लेकिन, अगर बीजेपी जीत गई तब बिहार के राजनीति में हिंदुत्व कार्ड तेज हो सकता है जिसकी संभावना भी दिखने लगी है जब गिरिराज सिंह यात्रा पर निकले थे.
Tags: Bihar election news, Bihar politics, Jharkhand election 2024, Nitish kumarFIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 15:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed