बिहार उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन के लिए खास इक्वेशन को सेट करने का चैलेंज

Bihar Upchunav: बिहार में चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को आने वाले विधान सभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है. ये भी चर्चा है कि जिस गठबंधन को जीत मिलेगी आने वाले विधान सभा चुनाव में उसको इस जीत को भुनाने का मौका तो होगा ही, साथ साथ चुनाव का ट्रेंड भी सेट कर देगा. दरअसल, इस जीत हार में जातीय समीकरण का बेहद महत्वपूर्ण रोल रहने वाला है.

बिहार उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन के लिए खास इक्वेशन को सेट करने का चैलेंज
हाइलाइट्स जिसने जीता उपचुनाव का सेमीफाइनल वह फाइनल के लिए सेट कर लेगा जातीय समीकरण. दांव पर है एनडीए-महागठबंधन का कास्ट इक्वेशन जो लोकसभा चुनाव परिणाम से उलझ गया. पटना. बिहार विधान सभा उपचुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच में है, जिनके सामने सिर्फ अपनी सीटिंग सीट बचाने की ही चुनौती नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव के वक्त जातीय समीकरण में सेंधमारी हुई थी, उसे ना सिर्फ बरकरार रखने की चुनौती है, बल्कि छिटके जातीय समीकरण को अपने पाले में लाने का भी बड़ा टास्क है. जाहिर है यह आसान नहीं होने वाला है क्योंकि प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी पहली बार चुनावी मैदान में उतरी है और जातीय समीकरण को थोड़ा उलझा दिया है. बिहार के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय उपचुनाव को लेकर महत्वपूर्ण इशारा करते हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. बिहार जैसे राज्य में जहां तमाम मुद्दों पर जातीयत समीकरण हावी हो जाता है. लोकसभा चुनाव के वक्त एनडीए से जहां सवर्ण, वैश्य और कुशवाहा वोट बैंक के छिटकने से इन इलाके में बुरी तरह से मात खा गई थी, उसे वो दुबारा वापस पाना चाहेगा. वहीं, दूसरी तरफ महागठबंधन के सामने भी एनडीए की जातीय गोलबंदी में सेंध लगाकर मिले फायदे को बरकरार रखने का चैलेंज है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने एनडीए से औरंगाबाद, काराकाट, सासाराम, बक्सर और आरा सीट पर कब्जा कर लिया था, जिसे वो अपने पाले में करना चाहेगा. आरजेडी से मृत्युंजय तिवारी कहते हैं चाहे कोई कुछ भी कर ले, लेकिन तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन चारों सीट पर जीत हासिल करेगी. वहीं, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं लोकसभा चुनाव के समय जो झूठा भ्रम फैलाकर जनता से वोट ले लिया था, इंडिया गठबंधन ने इस बार उपचुनाव में वो दाल नहीं गलेगी और एनडीए चारों सीट पर जीत हासिल करेगा. तमाम जाति के लोग एनडीए के साथ खड़े रहेंगे. दरअसल दावे दोनों तरफ से हो रहे हैं, वही मुक़ाबले को प्रशांत किशोर त्रिकोणीय बना कर मामला रोचक कर दिया है. लेकिन, आखिर ऐसी परिस्थिति कैसे आई है जरा उस पर भी नजर डाल लेते हैं. बेलागंज-MY यानी मुस्लिम-यादव समीकरण दांव पर आरजेडी का वजह प्रशांत किशोर ने मुस्लिम उम्मीदवार उतार दिया है, वहीं एनडीए इस सीट पर कुशवाहा और अति पिछड़ा जाति के वोट बैंक को अपने पाले में करने की कोशिश करेगा. इमामगंज-एनडीए और महागठबंधन दोनों ने मांझी जाति से उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन पीके ने पासवान जाति के उम्मीदवार उतार कर एनडीए के पासवान वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है. रामगढ़-दोनों प्रमुख गठबंधन के उम्मीदवार सवर्ण जाति से है, वहीं पीके ने कुशवाहा उम्मीदवार उतार एनडीए की परेशानी बढ़ा दी है. जबकि, बसपा ने यादव जाति से उम्मीदवार बना महागठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी का प्लान बनाया है. तरारी-एनडीए ने सवर्ण तो महागठबंधन ने यादव जाति से उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, पीके ने भी सवर्ण उम्मीदवार उतार मामला फंसा दिया है. एनडीए के सामने चुनौती सवर्ण वोट बैंक के साथ साथ अति पिछड़ा और कुशवाहा वोटर को साधने की होगी, जबकि महागठबंधन यादव के साथ अति पिछड़ा वोट को अपने पाले में करने की कोशिश करेगा जो लोकसभा चुनाव में उसके साथ आया था. Tags: Assembly by election, Bihar NDA, Bihar News, Bihar politicsFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 07:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed