लोकसभा चुनाव की भरपाई करेगा NDA या इंडिया गठबंधन का जलवा रहेगा बरकरार

Bihar By Election: बिहार चारों सीटों पर जन सुराज ने भी उम्मीदवार उतारे हैं और बड़े दावे भी किए हैं. पीके के दावे पर बिहार के तमाम राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुई हैं. प्रशांत किशोर ने चारों सीटों पर जातीय समीकरण के लिहाज से उम्मीदवार उतार कर चुनाव दिलचस्प बना दिया है.

लोकसभा चुनाव की भरपाई करेगा NDA या इंडिया गठबंधन का जलवा रहेगा बरकरार
पटना. बिहार की चार सीटों तरारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ सीट पर आज उपचुनाव हो रहा रहे हैं. बिहार विधानसभा 2025 के फाइनल चुनाव से पहले उपचुनाव को एक तरह से सेमीफाइनल माना जा रहा है. इस चुनाव को इस मायने में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके परिणाम से यह भी तय हो जाएगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन ने एनडीए के वोट बैंक में जो सेंघमारी की थी उसको महागठबंधन इस चुनाव में भी बरकरार रख पाता है कि नहीं. दरअसल लोकसभा चुनाव के वक्त एनडीए को जिस इलाके में सबसे ज्यादा झटका लगा था, उन इलाको में ही विधानसभा उप चुनाव हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव के वक्त एनडीए के वोट बैंक माने जाने वाले कुशवाहा, राजपूत, वैश्य, अति पिछड़ा में बड़ी सेंधमारी हुई थी. यही वजह थी कि आरा से माले के अति पिछड़ा उम्मीदवार सुदामा प्रसाद ने बीजेपी प्रत्याशी को हरा जीत हासिल की थी और तब आरा में ना सिर्फ़ कुशवाहा बल्कि अति पिछड़ा वोट में भी बड़ी सेंघमारी हुई थी. अब तरारी में उपचुनाव हो रहा है, जहां एनडीए अपने पुराने वोट बैंक अति पिछड़ा, कुशवाहा वोट बैंक को अपने पाले मेंलाने की पूरी कोशिश में है. वहीं दूसरी तरफ़ महागठबंधन एनडीए से छीने गए वोट बैंक को अपने पाले में करने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है. रामगढ़ सीट पर आरजेडी के सामने एक तरफ MY समीकरण को एकजुट रखने की चुनौती है. वहीं आरजेडी राजपूत वोट को भी अपने पाले में रखने की पूरी कोशिश कर रहा है जो बीजेपी से छिटक गई थी जब सुधाकर सिंह ने बक्सर लोकसभा सीट जीत कर एनडीए को बड़ा झटका दिया था. रामगढ़ में कुशवाहा वोटर को भी अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश एनडीए कर रहा है जो लोकसभा चुनाव में बंट गया था. बेलागंज सीट पर आरजेडी एक तरफ MY समीकरण को अपने पाले में करने की पूरी कोशिश कर रहा है, जिसे अपने पाले में करने के लिए जदयू और जन सुराज ने पूरी ताकत लगा रखी है. वहीं दूसरी तरफ एनडीए की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भूमिहार और कुशवाहा वोटर में जो सेंघ लगी थी उसे अपने पाले में वापस लाए जिसके लिए एनडीए ने पूरी ताक़त लगा रखी हैं. यही कोशिश आरजेडी और महागठबंधन की ओर से भी हो रही है. इमामगंज सीट जीतन राम मांझी के लोकसभा जीतने पर खाली हुई है जिस पर उनकी बहू दीपा मांझी चुनाव लड़ रही है, जिन्हें आरजेडी के उम्मीदवार टक्कर दे रहे हैं. इस सीट पर एनडीए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुका है और अपने वोट बैंक को बरकरार रखने की पूरी कोशिश में है, जिसमें सेंघ मारी की कोशिश महागठबंधन कर रहा है. वहीं बिहार चारों सीटों पर जन सुराज ने भी उम्मीदवार उतारे हैं और बड़े दावे भी किए हैं. पीके के दावे पर बिहार के तमाम राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुई हैं. प्रशांत किशोर ने चारों सीटों पर जातीय समीकरण के लिहाज से उम्मीदवार उतार कर चुनाव दिलचस्प बना दिया है. अगर वह अपने मकसद में सफल हो गए और एक भी सीट पर सफलता हासिल कर ली या अच्छा खासा वोट हासिल कर लिया तो 2025 के विधानसभा चुनाव में एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर मैदान में होंगे. लेकिन, अगर उन्हें उपचुनाव में झटका लगा और जमानत भी नहीं बचा पाए तो आगे की राजनीति में मुश्किल आएगी. Tags: Bihar News, By election, Prashant KishorFIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 15:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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