नीतीश कुमार के यू-टर्न पर केजरीवाल को भरोसा पटना की तरफ क्यों ताक रहे
नीतीश कुमार के यू-टर्न पर केजरीवाल को भरोसा पटना की तरफ क्यों ताक रहे
भारतीय राजनीति के मौजूदा दौर में पलटीमार सियासत के नए खिलाड़ी अरविंद केजरीवाल ने इस खेल के पुराने खिलाड़ी नीतीश कुमार पर क्यों नजरें गड़ाना शुरू कर दिया है? क्या एक बार फिर पटना की राजनीति दिल्ली शिफ्ट होने वाली है? पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली. दिल्ली में बेशक बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार चरम पर पहुंच चुका है. लेकिन, इस तकरार में भी अरविंद केजरीवाल की चालाकी नजर आने लगी है. अरविंद केजरीवाल अपनी चालाकी से कांग्रेस को तो हैरान कर ही रहे हैं, एनडीए को भी अचंभित करने लगे हैं. अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में राहुल गांधी से पल्ला छुड़ाकर अब नीतीश कुमार पर डोरे डालना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार को एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति के मुख्य केंद्र में लाने के लिए ‘लॉलीपॉप’ भी फेंक दिया है. केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह के आंबेडकर पर दिए टिप्पणी को लेकर नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखकर नई राजनीति शुरू कर दी है. ऐसे में क्या एक बार फिर से भारतीय राजनीति में पलटीमार और यू-टर्न मारने वाले दो महाराथियों की मिलन की पटकथा लिखने की शुरूआत होने वाली है? क्या अरविंद केजरीवाल के लिखे पत्र के बाद नीतीश कुमार की पटना वाली पॉलिटिक्स दिल्ली शिफ्ट होने वाली है?
बीते दो-तीन दिनों से अमित शाह के आंबेडकर वाले बयान पर दिल्ली की राजनीति गरमाई हुई है. देशभर के विपक्षी नेता आंबेडकर वाले मुद्दे पर आक्रामक हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनकी पुरानी राजनीति को याद दिलाते हुए इस मुद्दे पर समर्थन मांगकर सबको हैरान कर दिया है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार एनडीए में जब नहीं रहते हैं तो अरविंद केजरीवाल से उनकी खूब जमती है. नीतीश कुमार जब इंडिया गठबंधन में भी थे तो केजरीवाल के साथ अक्सर देखे जाते थे. जानकार कहते हैं कि दोनों नेताओं को राहुल गांधी की राजनीति कभी रास नहीं आई. हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद तो अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी को साफ ‘नो’ बोल दिया है. दिल्ली चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान भी कर दिया है.
क्या नीतीश कुमार फिर फंसेंगे जाल में?
जेल यात्रा से आने के बाद अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में अपना पैर जमाने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं. क्योंकि, दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है और बिहारी वोटरों की भी अरविंद केजरीवाल को साधना है. ऐसे में आंबेडकर के नाम पर नीतीश कुमार के साथ नजदीकी दिखाकर केजरीवाल ने बड़ा दांव खेला है. केजरीवाल ने इस दांव से एक साथ कई राजनीति साधने का प्रयास किया है.
अरविंद केजरीवाल कौन सा पॉलिटिक्स कर रहे हैं?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि केजरीवाल ने एक महत्वपूर्ण विषय पर पटना की तरह देखा है. अरविंद केजरीवाल इससे पहले जब भी पटना की तरफ देखते थे तो नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों साथ-साथ नजर आते थे. लेकिन, इस बार केजरीवाल ने अकेले नीतीश कुमार पर डोरे डाले हैं. केजरीवाल ने यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर नीतीश कुमार को लिखा है, जो न केवल संविधान बल्कि बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. केजरीवाल ने एनडीए के अंदर भी आंबेडकर मामले में एक तरह से फूट डालने की कोशिश शुरू कर दी है. केजरवाल को लगता है कि इस मुद्दे पर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार अगर विरोध शुरू कर देंगे तो अमित शाह बैकफुट पर आ सकते हैं.
पलटीमार राजनीति का सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन?
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ भूषण कहते हैं, ‘नीतीश कुमार का यू-टर्न भारतीय राजनीति के मौजूदा वक्त का सबके बड़ा सत्य है. लेकिन, इस सत्य के मायने उस वक्त और बड़े हो जाते हैं जब पलटीमार सियासत के सबसे नवोदित खिलाड़ी अरविंद केजरीवाल इस खेल के पुराने खिलाड़ी नीतीश कुमार को अपने उम्मीदों को पत्र लिखते हैं. ये पत्र ऐसे वक्त में लिखा गया है कि दिल्ली की चुनावी राजनीति भी चरम पर है. वहीं, बिहार के चुनावी समर में महज चंद महीने शेष हैं. अरविंद केजरीवाल के इस चिट्ठी का एकमात्र लक्ष्य दिल्ली की सियासी जमीन पर अपने ढीली होती पकड़ को मजबूत करना. शराब नीति के चक्कर में जेल यात्रा कर लौटे केजरीवाल दिल्ली में बिहार के सियासत का मायने बखूबी समझते हैं.’
भूषण आगे कहते हैं, ‘नीतीश कुमार के लिखे पत्र के बहाने केजरीवाल दरअसल अपनी सियासत साध रहे हैं. केजरीवाल इस चिट्ठी के जरिए दिल्ली के उन बिहारी मतों को साधने की कोशिश कर रहे हैं, जो बिहारी मत विपक्ष के साथ खड़ा है या यूं कहें कि मोदी विरोध में है. दरअसल दिल्ली की राजनीति में केजरीवाल ने कांग्रेस से अलग रहकर चुनाव लड़ने का जो फैसला लिया, उस वक्त भी केजरीवाल के जेहन में कांग्रेस की दिल्ली चुनाव में उतरने की परिस्थिति रही होगी. अब जब कांग्रेस के लड़ाके भी दिल्ली के मैदान में हैं तो वोटर के सामने विपक्ष को लेकर एक भ्रम की स्थिति है. केजरीवाल नीतीश को लिखे अपनी चिट्ठी के जरिए भ्रम की स्थिति को बदलने और विपक्ष के तौर पर अपनी भूमिका को बड़ी करने की कोशिश में है.’
Tags: Arvind kejriwal, CM Nitish Kumar, Delhi Politics, Patna PoliticsFIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 12:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed