खरीफ की फसलोें को रोग से बचाने के लिए किसान करें यह उपाय बंपर होगी पैदावार

जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने  बीज शोधन की विधि के बारे में बताया कि बीज शोधन में  रसायन निर्धारित मात्रा में प्रति किलो बीज में अच्छी तरह से मिलाएं. बीज उपचारित करने के बाद उसको छाया में रख दें.

खरीफ की फसलोें को रोग से बचाने के लिए किसान करें यह उपाय बंपर होगी  पैदावार
अंजू प्रजापति/रामपुर: जनपद में खरीफ की मुख्य फसलें धान, मक्का, उड़द, मूंग, बाजरा एवं ज्वार हैं, इन फसलों में मुख्यतः तीन प्रकार के कीट/रोग पाए जाते हैं, जो वायुजनक, भूमिजनक एवं बीज जनक हैं. इनमें से बीज जनक एवं भूमिजनक कीट/रोग से इन फसलों को अधिक मात्रा में नुकसान पहॅुचता है. इन रोगों से बचाव हेतु कृषकों की कृषि लागत बढ़ जाती है. कृषक शुरूआत से ही से बीज शोधित करें ताकि भूमिजनक एवं बीज जनक कीट/रोग से बचाव हो सके, जिससे उनकी लागत में कमी आयेगी. बीजशोधन के लिए बीजशोधक रसायनों पर कृषि विभाग द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है. जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने  बीज शोधन की विधि के बारे में बताया कि बीज शोधन में  रसायन निर्धारित मात्रा में प्रति किलो बीज में अच्छी तरह से मिलाएं. बीज उपचारित करने के बाद उसको छाया में रख दें. यदि बीजशोधन जैविक तरीके से करना हो, तो गुड़ का एक लीटर का घोल बनाएं उसमें निर्धारित मात्रा में बायोपेस्टीसाइड को अच्छी तरह से मिलायें  और उसके बाद इस घोल को बीज में अच्छी तरह से मिलाकर सुखा लें. उन्होंने बताया कि खरीफ की प्रमुख फसलों में बीजशोधन के लिए धान की फसल में झोंका, पत्ती धब्बा, बकैनी रोग के लिए थीरम 2.5 ग्राम, ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम, कार्बिन्डाजिम 2 ग्राम, शीथ ब्लाइड मिथ्या कण्ठुआ रोग के लिए कार्बिन्डाजिम 2 ग्राम, मक्का फसल में झुलसा, तुलासिता रोग के लिए थीरम 2.5 ग्राम, कार्बिन्डाजिम 2 ग्राम, जड़सडन के लिए ट्राइकोडर्मा 20 ग्राम, उड़द/मूंग की फसल में पत्ती धब्बा, जड़सडन रोग के लिए  थीरम कार्बिन्डाजिम 3 ग्राम, ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम एवं बाजरा/ज्वार की फसल में कण्ठुआ, तुलासिता रोग के लिए थीरम 2.5 ग्राम, कार्बिन्डाजिम 2 ग्राम का प्रयोग कर फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 09:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed