एनर्जी ड्रिंक से कम नहीं है कृषि विशेषज्ञ की कहानी यूं पाई थी कामयाबी

Ballia News: बलिया के श्री मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय में 22 सालों से प्रोफेसर के पद पर तैनान बृजेश सिंह एक किसान परिवार से आते हैं. वह छात्रों को आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विषय का अध्ययन कराते हैं. साथ ही वह कृषि विशेषज्ञ बनकर किसानों को खेती की जानकारी देते हैं.

एनर्जी ड्रिंक से कम नहीं है कृषि विशेषज्ञ की कहानी यूं पाई थी कामयाबी
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: हर सफल कहानी के पीछे एक शानदार मूलमंत्र छिपा होता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अच्छा मार्गदर्शन के रूप में सामने आता है. या यूं कहें तो कुछ बड़ा कर जाने का सपना लिए हुए युवाओं में एक अलग एनर्जी प्रदान करता है. कुछ ऐसी ही रोचक कहानी आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन के एक्सपर्ट बृजेश सिंह की है. बहुत साधारण परिवार में प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई पढ़ाई बेहद ऊंचाई तक पहुंचाने में कामयाब रही. पिता के साथ किसानी में ऐसी लगन लगी कि आज उसी क्षेत्र में किसानों के हित में विशेषज्ञ बन गए हैं. आइए विस्तार से जानते हैं… 22 सालों से हैं प्रोफेसर कृषि विशेषज्ञ बृजेश सिंह ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का रहने वाले हैं. श्री मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय बलिया में आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग में 22 सालों से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. बृजेश सिंह के पिता एक साधारण किसान थे. वैसे भी सोनभद्र आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है. ऐसे में बृजेश सिंह संघर्ष करते हुए कृषि के विशेषज्ञ बन गए. सरकारी स्कूल से की थी पढ़ाई प्रोफेसर बृजेश सिंह ने बताया कि उनकी प्राथमिक और हाई स्कूल की पढ़ाई गांव से ही संपन्न हुई. इंटर की पढाई का कोई साधन गांव में नही था तो बाहर निकला उसके बाद स्नातकोत्तर एमएससी एजी (MSc AG) जेनेटिक प्लांट वेडिंग काशी हिंदू विश्वविद्यालय से किया और पीएचडी (Ph.D) चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर से पूरा किया. ऐसे किया अपना सपना पूरा बृजेश सिंह ने पढ़ाई के दौरान स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण कर ली. एक साधारण परिवार में जन्म लेकर खेती किसानी करते हुए. अब उन्हें कृषि का अनुभव हो गया. इस क्षेत्र में कुछ कर सकते हैं, यह ज्यादा बेहतर होगा. बृजेश ने कहा कि यहीं से वह निर्णय लिए कि कृषि में ही अपनी शिक्षा लूंगा और कैसे नई प्रजातियों को विकसित किया जा सकता है, कैसे इसमें उन्नत हम कर सकते हैं और कैसे हम अधिक से अधिक खेती को लाभकारी बना सकते हैं. इस दिशा में कार्य करना शुरू किया. यहां आने के बाद (श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया में सन 2002 में बृजेश सिंह का चयन प्रवक्ता के रूप में हुआ) भाग्यवश आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन का ही विषय भी मिल गया. अब कर रहे किसानों को जागरूक बृजेश सिंह ने बताया कि वह पिछले 22 सालों से छात्र को स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा ग्रहण करा रहे हैं. यहां पर पीएचडी के भी छात्र हैं और इस महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके तमाम ऐसे छात्र हैं, जो सरकारी और निजी संस्थान में अपनी सेवा देकर राष्ट्र को उन्नत के शिखर पर ले जा रहे है. Tags: Ballia news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 09:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed