दोमट मिट्टी में लगा दें 50 रुपए का ये पौधा 15 साल में होगा 1000 गुना मुनाफा!
दोमट मिट्टी में लगा दें 50 रुपए का ये पौधा 15 साल में होगा 1000 गुना मुनाफा!
महोगनी लकड़ी बेहद ही कीमती होती है. महोगनी का पेड़ 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है और एक पौधे की कीमत करीब 50 से 60 हजार रुपए तक रहती है. इस लकड़ी की डिमांड विदेश में भी रहती है और किसान अगर अपने खेत के किनारे महोगनी के पौधे लगा दें तो उनको अतिरिक्त आमदनी मिल जाएगी.
शाहजहांपुर: भारत के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर औषधीय खेती के साथ-साथ अब बागवानी भी कर रहे हैं. जिससे उनको अच्छी आमदनी होती है. अगर किसान इमारती लकड़ी देने वाले महोगनी के पौधों को खेतों के किनारे लगा दें तो किसान 10 से 12 साल में मालामाल हो जाएंगे. महोगनी की लकड़ी बेशकीमती होती है. महोगनी की लकड़ी की विदेश में भी भारी डिमांड रहती है. महोगनी की लकड़ी इस्तेमाल जहाज, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियों को बनाने में किया जाता है. खास बात ये है कि महोगनी की लकड़ी को पानी से नुकसान नहीं पहुंचता है. इस लकड़ी से बने प्रोडक्ट कई वर्षों तक खराब नहीं होते हैं.
गार्डनिंग एक्सपर्ट मोहम्मद आलम खान ने बताया कि महोगनी के पौधे को किसान अपने खेत किनारे भी लगा सकते हैं. आमतौर पर किसान अपने खेतों के किनारे यूकेलिप्टिस के पेड़ लगाते हैं जो कि 5 साल में तैयार हो जाते हैं. लेकिन अगर वह अपने खेत किनारे के पेड़ लगा दें तो यह 12 से 15 साल में तैयार हो जाते हैं. एक पौधे की कीमत 40 से 50 हजार रुपए तक होती है. पौधे लगाने के लिए पौधे से पौधे की दूरी 7 से 8 फीट रखी जाती है. आमतौर में यह पौधा नर्सरी पर 50 से 70 रूपए तक मिल जाता है. यह किसी भी जलवायु में तैयार किया जा सकता है. यानि 15 साल में 1000 गुना फायदा मिलेगा.
महोगनी किसी भी मिट्टी में हो जाता है तैयार
मोहम्मद आलम खान ने बताया कि खास बात यह है कि महोगनी के पेड़ों को बर्फीले इलाकों को छोड़कर किसी भी जलवायु में तैयार किया जा सकता है. इसको किसी भी तरह की मिट्टी में लगा सकते हैं. लेकिन अगर इसको दोमट मिट्टी में लगाया जाए तो यह और भी बेहतर विकास करता है. महोगनी का पौधा 50 फीट से लेकर 150 फीट की ऊंचाई तक चला जाता है.
लकड़ी, छाल और पत्तियां भी बड़े काम की
मोहम्मद आलम खान ने बताया कि महोगनी एक ऐसा पौधा है जिसकी लकड़ी, छाल और पत्तियां भी बेहद काम की होती हैं. महोगनी के बीज का तेल निकालकर उससे मच्छर भगाने वाले प्रॉडक्ट्स और कीटनाशकों में इस्तेमाल किया जाता है. इसके पत्तों और इस छाल का इस्तेमाल कई तरीके की औषधियों को तैयार करने में भी किया जाता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 19:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed