खेत के किनारे लगाएं ये बेशकीमती पेड़ 12 साल में झड़ने लगेंगे नोट!
खेत के किनारे लगाएं ये बेशकीमती पेड़ 12 साल में झड़ने लगेंगे नोट!
आमतौर पर किसान अपने खेतों के किनारे यूकेलिप्टिस के पेड़ लगाते हैं. जो 5 साल में तैयार हो जाते हैं. लेकिन अगर महोगनी अपने खेत किनारे के पेड़ लगा दें तो यह 10 से 12 साल में तैयार हो जाते हैं. एक पेड़ की कीमत 40 से 50 हजार रुपए तक होती है.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर नई तरह की फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. किसान औषधीय खेती के साथ-साथ अब बागवानी भी कर रहे हैं. जिससे उनको अच्छी आमदनी होती है. ऐसे में अगर किसान महोगनी के पौधों को खेतों में लगा दें तो वह 10 से 12 साल में मालामाल हो जाएंगे. महोगनी की लकड़ी बेहद ही कीमती होती है. महोगनी की लकड़ी की विदेश में भी भारी डिमांड रहती है. महोगनी की लकड़ियों का इस्तेमाल जहाज, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियों को बनाने में किया जाता है. खास बात ये है कि महोगनी की लकड़ी को पानी से कोई नुकसान नहीं होता है. इस लकड़ी से बने प्रोडक्ट कई वर्षों तक खराब नहीं होते हैं.
गार्डनिंग एक्सपर्ट मोहम्मद आलम खान ने बताया कि महोगनी के पौधे को किसान अपने खेत किनारे भी लगा सकते हैं. आमतौर पर किसान अपने खेतों के किनारे यूकेलिप्टिस के पेड़ लगाते हैं. जो 5 साल में तैयार हो जाते हैं. लेकिन अगर महोगनी अपने खेत किनारे के पेड़ लगा दें तो यह 10 से 12 साल में तैयार हो जाते हैं. एक पेड़ की कीमत 40 से 50 हजार रुपए तक होती है. पौधे लगाने के लिए पौधे से पौधे की दूरी 7 से 8 फीट रखी जाती है. आमतौर में यह पौधा नर्सरी पर 50 से 70 रूपए तक मिल जाता है. यह किसी भी जलवायु में तैयार किया जा सकता है.
किसी भी मिट्टी में लगा सकते हैं महोगनी
मोहम्मद आलम खान ने बताया कि खास बात यह है कि महोगनी के पेड़ों को बर्फबारी वाले इलाकों को छोड़कर किसी भी जलवायु में तैयार किया जा सकता है. इसको किसी भी तरह की मिट्टी में लगा सकते हैं. लेकिन अगर इसको दोमट मिट्टी में लगाया जाए तो यह और भी बेहतर विकास करता है. महोगनी का पौधा 50 फीट से लेकर 150 फीट की ऊंचाई तक चला जाता है.
बड़े काम की महोगनी की लकड़ी, छाल और पत्तियां
मोहम्मद आलम खान ने बताया कि महोगनी एक ऐसा पौधा है. जिसकी लकड़ी, छाल और पत्तियां भी बेहद काम की होती हैं. महोगनी के बीज का तेल निकालकर उससे मच्छर भगाने वाले उत्पादक और कीटनाशकों में इस्तेमाल किया जाता है. इसके पत्तों और इस छाल का इस्तेमाल कई तरीके की औषधियों को तैयार करने में भी किया जाता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 4, 2024, 15:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed