बाढ़ के बाद करें बासमती की इन 5 किस्मों की रोपाई20 क्विंटल तक होगा उत्पादन!

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम दिनों में पकने वाली धान की रोपाई की जा सकती है. यहां किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलेगा. जिन किसानों के पास बासमती धान की पौध मौजूद हो वह धान की फसल की रोपाई कर सकते हैं

बाढ़ के बाद करें बासमती की इन 5 किस्मों की रोपाई20 क्विंटल तक होगा उत्पादन!
शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के बड़े क्षेत्रफल में धान की खेती की जाती है लेकिन इस बार भारी बारिश और बाढ़ की वजह से कई जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है. कई जगह किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि बाढ़ के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई है, ऐसे में किसान फिर से धान की खेती कर सकते हैं. बासमती धान की कुछ ऐसी किस्में हैं जिनके अभी भी रोपाई की जा सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम दिनों में पकने वाली धान की रोपाई की जा सकती है. यहां किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलेगा. जिन किसानों के पास बासमती धान की पौध मौजूद हो वह धान की फसल की रोपाई कर सकते हैं. कम दिनों में तैयार होगी फसल डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बासमती धान की किस्म PB-1509, PB-1609, PB- 1692 और PB-1847 जो कि 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. बासमती धान की इन किस्म की रोपाई अभी भी की जा सकती है. कम दिनों में पकने वाली धान की इन किस्म से किसान बेहद अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. रोपाई के समय इन बातों का रखें ध्यान डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बासमती धान की इन किस्म की रोपाई करते समय ध्यान रखें कि अगर किसानों को पौध मिल जाए तो वह रोपाई कर दें. बासमती धान की 25 से 28 दिन तक की ही पौध की ही रोपाई करें. जिससे पौधे में ज्यादा कल्ले आएंगे और पैदावार भी अच्छी मिलेगी. बासमती धान की इन किस्म से 18 से 20 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर के उपज ली जा सकती है. Tags: Agriculture, Local18, Paddy crop, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 18:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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