भील प्रदेश की मांग पर बांसवाड़ा में जमावड़ा दिलावर की माफी के बाद गरजे समाराम
भील प्रदेश की मांग पर बांसवाड़ा में जमावड़ा दिलावर की माफी के बाद गरजे समाराम
Rajasthan News: राजस्थान में इन दिनों आदिवासियों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. विधानसभा से लेकर सड़क तक आदिवासियों के हिन्दू होने या नहीं होने, उनके धर्म परिवर्तन और डीएनए टेस्ट समेत कई मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई है. वहीं अब भील प्रदेश की मांग भी जोर पकड़ने लग गई है.
जयपुर. राजस्थान की राजनीति इन दिनों आदिवासियों के इर्दगिर्द घूम रही है. विधानसभा के सदन से लेकर सड़क तक आदिवासियों को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है. बयानबाजी, माफी और मांगों का दौर चल रहा है. आदिवासियों पर बयान देने के बाद मुसीबत में फंसे भजनलाल सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को सदन में माफी पड़ी है. उनके इस माफीनामे के बाद बीजेपी विधायक समाराम गरासिया उन आदिवासियों पर गरज पड़े जो धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गए. उन्होंने कहा ईसाई बनने वाले आदिवासियों को आरक्षण देना बंद किया जाए. दूसरी तरफ भील प्रदेश की मांग को हजारों आदिवासियों ने बांसवाड़ा में एकजुट होकर सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी.
राजस्थान में इन दिनों आदिवासी राजनीति चकल्लस के चर्चा के केन्द्र बिन्दु बने हुए हैं. राजस्थान में लोकसभा चुनाव में आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बीजेपी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट की हार के कारण खोजे ही जा रहे थे कि बीजेपी सरकार के मंत्री मदन दिलावर ने आदिवासियों के हिन्दू होने या नहीं और डीएनए टेस्ट का बयान देकर बवाल मचा दिया. कांग्रेस ने दिलावर के बयान को लपककर उनको सदन के अंदर और बाहर घेरने लग गई.
कांग्रेस का आरोप बीजेपी बौखलाई हुई है
बांसवाड़ा-डूंगरपुर से इंडी गठबंधन से चुनाव जीतने वाले आदिवासी समाज के सांसद राजकुमार रौत ने उनको खुली चुनाती दे डाली. वहीं सदन में हंगामा मचने लगा. इस मसले पर दिलावर की तरफ से माफी मांगे जाने और उनके इस्तीफे पर अड़ी कांग्रेस ने सदन में कई बार हंगामा और वॉकआउट तक किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हार से बौखलाई बीजेपी आदिवासियों को निशाना बना रही है. चौतरफा घिरने के बाद मदन दिलावर ने माफी मांगी ली.
आदिवासी हिंदू ही हैं और हिंदू ही रहेंगे
उसके बाद सदन में आदिवासी हिंदू हैं या नहीं इस पर बहस छिड़ गई. बीजेपी के पिंडवाड़ा आबू से विधायक समाराम गरासिया ने गरजना शुरू कर दिया. उन्होंने आदिवासी हिंदू ही हैं और हिंदू ही रहेंगे. उन्होंने कहा जो आदिवासी खुद को हिंदू नहीं मानते उनको आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाए. उनको दी जाने वाली सुविधाएं बंद की जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा. उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है.
आदिवासी हिन्दू नहीं है तो जनजाति आरक्षण का फायदा क्यों ले रहे हैं?
गरासिया ने मांग करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन कराने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासी हिन्दू नहीं है तो जनजाति आरक्षण का फायदा क्यों ले रहे हैं? ऐसे आदिवासियों की जांच करवाकर उनको जनजाति आरक्षण सूची से बाहर करना चाहिए. ऐसे लोग टीएसपी क्षेत्र का फायदा लेने की श्रेणी में नहीं आते. यह मामला शांत हुआ उससे पहले ही विधानसभा में भील प्रदेश की मांग गूंजने लगी.
विधायक डामोर बोले-आदिवासी का धर्म कोड अलग होना चाहिए
भील प्रदेश लिखी टीशर्ट पहनकर विधानसभा में पहुंचे धरियावद के भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) विधायक थावरचंद डामोर ने कहा भील प्रदेश हमारा अधिकार है. हम इसे लेकर रहेंगे. उन्होंने आज चार राज्यों के लाखों आदिवासी बांसवाड़ा के मानगढ़ में जुटे हैं. हम भील प्रदेश की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी की ग्रामसभा की अनुमति के बिना कलेक्टर भी गांव में प्रवेश नहीं कर सकता. राज्य सरकार आदिवासियों की इस मांग का केंद्र को प्रस्ताव भेजे. टीएसपी का अध्यक्ष आदिवासी ही होना चाहिए. आदिवासी का धर्म कोड अलग होना चाहिए.
मंत्री बोले जाति के आधार पर हम कोई राज्य नहीं बना रहे हैं
भील प्रदेश की मांग पर सदन में सरकार की तरफ से जवाब देते हुए टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जाति के आधार पर हम कोई राज्य नहीं बना रहे हैं. उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि कि जाति के आधार पर तो आप लोग बना रहे हो. पहले धर्म के आधार पर देश को बांटा. अब जाति के आधार पर प्रदेश को बांट रहे हो. आपके कई स्टेटमेंट हैं. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से पूछा कि क्या कांग्रेस जाति के आधार पर प्रदेश को बांटना चाहती है? आप अपनी पार्टी की तरफ से बताओ. नेता प्रतिपक्ष ने उनके इस सवाल को टालते हुए कहा कि आप तो जो चर्चा हुई है. उस पर अपना जवाब दे दो.
Tags: Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 12:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed