छा गए सीएम भजनलाल और BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ कांग्रेस-RLP में सन्नाटा
छा गए सीएम भजनलाल और BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ कांग्रेस-RLP में सन्नाटा
Rajasthan Upchunav Result : राजस्थान में हुए उपचुनावों में सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज करवाकर सीएम भजनलाल शर्मा और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सूबे की राजनीति में छा गए हैं. दोनों ने नेताओं बड़े पद संभालने के बाद पहली अग्निपरीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया है. वहीं कांग्रेस और आरएलपी में सन्नाटा छाया हुआ है.
जयपुर. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच पर धमाकेदार जीत दर्ज करवाई है. राजस्थान के ये उपचुनाव पहली विधायक बनकर सीएम बने भजनलाल शर्मा और कुछ माह पहले पार्टी की प्रदेश इकाई की बागडोर संभालने वाले मदन राठौड़ के लिए अग्नि परीक्षा माने जा रहे थे. लेकिन इन चुनावों में सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज कराकर दोनों ही नेता केन्द्रीय नेतृत्व के विश्वास पर खरे उतरे हैं. दोनों नेता खुद की एक सीट सलूंबर पर फिर से काबिज होकर और तीन सीटें कांग्रेस तथा एक सीट आरएलपी के जबड़े से खींचकर प्रदेश की सियासत में छा गए हैं.
राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनावों में से पहले महज सलूंबर सीट ही बीजेपी के पास थी. शेष छह में से चार दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा और रामगढ़ कांग्रेस के पास थी. जबकि खींवसर आरएलपी और चौरासी भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के पास थी. इनमें से बीते करीब दो दशक से झुंझुनूं कांग्रेस और खींवसर आरएलपी का गढ़ बनी हुई थी. लेकिन बीजेपी ने सटीक रणनीति से इन दोनों गढ़ को ढहाकर बीजेपी का परचम लहरा दिया है.
भजनलाल सरकार के 11 महीने के कामकाज पर मुहर लगी
वहीं अलवर की रामगढ़ और टोंक की देवली उनियारा सीट कांग्रेस के कब्जे से हथिया ली. इन चुनावों में पांच सीटों पर जीत दर्ज करवाकर सीएम भजनलाल और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने यह साबित कर दिया कि अगर सटीक रणनीति हो तो सबकुछ संभव है. इन पांच सीटों पर जीत ने बीजेपी की भजनलाल सरकार के 11 महीने के कामकाज पर मुहर लगा दी है. इससे बीजेपी खेमे में जबर्दस्त उत्साह की लहर है. पार्टी नेता फूले नहीं समा रहे हैं.
कांग्रेस और आरएलपी चुनाव परिणामों से सदमे में है
वहीं कांग्रेस और आरएलपी इन चुनाव परिणामों से सदमे में है. वे बीजेपी की जीत के पीछे उस पर साम दाम दंड और भेद सभी तरह के हथकंडे अपनाने का आरोप लगा रही है. यहां एक बात और गौर करने वाली है कि इस बार कांग्रेस का सहानुभूति का वाला कार्ड नहीं चला लेकिन बीजेपी का चल गया. कांग्रेस ने रामगढ़ में अपने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन वे सहानुभूति की नाव पर सवार नहीं हो सके. दूसरी तरफ बीजेपी ने सलूंबर में अपने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को चुनाव लड़वाया था और वे जीत गईं.
Tags: Assembly by election, Bhajan Lal Sharma, Political newsFIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 15:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed