बीजेपी का महिला वोटर्स ने किया बेड़ा पार जानें कांग्रेस दौसा में कैसे जीती
बीजेपी का महिला वोटर्स ने किया बेड़ा पार जानें कांग्रेस दौसा में कैसे जीती
Rajasthan by-election result: राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनाव में महिला वोटर्स ने बीजेपी का बेड़ा पार कर दिया. वहीं कांग्रेस को पैंदे बिठा दिया. यह हम नहीं बल्कि चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं. महिलाओं ने जहां-जहां भारी वोटिंग की वहां-वहां बीजेपी ने जीत दर्ज कराई है. देखें सभी सीटों के आंकड़े.
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद अब वोट शेयर पर मंथन का दौर जारी है. इन सातों सीट पर आम चुनाव के मुकाबले काफी बदलाव देखने को मिला है. वोटिंग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां महिलाओं ने मतदान ज्यादा किया वहां कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं जहां महिलाओं का वोट प्रतिशत कम रहा वहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. आम विधानसभा चुनाव 2023 के मुकाबले सात विधानसभा सीटों पर खींवसर के अलावा सभी जगह मतदान प्रतिशत कम हुआ है.
इनमें से झुंझुनूं, रामगढ़, सलूंबर में पुरुषों से ज्यादा वोट प्रतिशत महिलाओं का रहा. यहां भाजपा ने उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया. बीजेपी ने न सिर्फ अपनी सलूबंर सीट पर जीत बरकरार रखी, बल्कि पिछले चुनाव में हारी झुंझुनूं और रामगढ़ सीट को जीतने में भी वह कामयाब रही. भाजपा की कामयाबी महिलाओं का बड़ा योगदान मतदान प्रतिशत में साफ नजर आ रहा है. इन उपचुनावों जहां महिलाओं का उत्साह ज्यादा रहा वहां भाजपा को बड़ी जीत मिली. वहीं जहां महिलाओं का मतदान उत्साह कम रहा है वहां जीत का अंतर कम हुआ. इसके चलते एक सीट पर महज कुछ वोटों से पार्टी की हार भी हो गई. दौसा सीट इसका उदाहरण है. वहां महिलाओं ने कम वोट डाले तो वह जीत गई. सीट पुरुष वोट प्रतिशतमहिला वोट प्रतिशतजीतझुंझुनूं65.2867.06भाजपारामगढ़74.4876.20भाजपासलूंबर66.8068.74भाजपादौसा64.2760.11कांग्रेसदेवली-उनियारा67.4364.07भाजपाखींवसर76.6174.61भाजपाचौरासी74.4074.27बीएपी
सलूंबर में भाजपा ने सभी मुश्किलों के बावजूद जीत दर्ज की
सभी सातों सीटों के आंकड़ों को देखें तो सामने आता है कि सलूंबर में भाजपा ने सभी मुश्किलों के बावजूद जीत दर्ज की है. हालांकि यहां पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने महिला उम्मीदवार को उतारा था. उसके बावजूद यहां पर भारतीय अदिवासी पार्टी भी मजबूत दिखी. लेकिन भाजपा यहां पर मतदाता की सहानुभूति हासिल करने में कामयाब रही. यहां पर कांग्रेस को महिला प्रत्याशी खड़ा करने का भी कोई फायदा नहीं मिला. कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर रही.
भाजपा ने चौरासी सीट पर बढ़ाया वोट बैंक
भाजपा ने यही कोशिश चौरासी सीट पर भी की थी. वहां उसे जीत तो नहीं मिली लेकिन ग्रासरूट लेवल पर किये काम से वह बीएपी की जीत में वोटों अंतर कम करने में काफी कामयाब रही. वहां बीएपी की जीत का अंतर घटा है. 2023 में राजुकमार रोत करीब 70 हजार वोट से जीते थे. इस बार ये अंतर 24 हजार का रह गया. रामगढ़ सीट की बात करें तो यहां भी कांग्रेस को सहानुभूति और महिलाओं के वोट कम मिले.
रामगढ़ में भाजपा को ध्रुवीकरण का फायदा मिला
वहां कांग्रेस को जुबेर खान के पुत्र आर्यन जुबेर को लोगों के इमोशनल सपोर्ट के मिलने की उम्मीद थी. वहां कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारक भी खूब उतारे लेकिन वह एससी वोट हासिल नहीं कर पाई. वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा. वोटों के ध्रुवीकरण के कारण यहां हिंदू वोट एकजुट हुआ. आर्यन को सहानुभूति मिलने के बजाए भाजपा को ध्रुवीकरण का फायदा मिला.
कांग्रेस में चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से ही खींचतान दिख रही थी
झुंझुनूं में भी कांग्रेस अपने वोट बैंक को राजी नहीं कर पाई और उसे वहां बड़ी हार का सामना करना पड़ा. देवली उनियारा में कांग्रेस सही उम्मीदवार को चयन नहीं कर पाई। फिर वहां कांग्रेस में रायता फैल गया तो वहां तीसरे नंबर फिसल गई. वहां भी महिलाओं ने वोट कम डाले थे लेकिन आपसी कलह के कारण पैंदे बैठ गई. कांग्रेस केवल दौसा में जीत मिली वो भी महज 2300 वोटों के अंतर से. यहां महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले करीब चार फीसदी कम रहा था. कांग्रेस में चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से ही खींचतान दिख रही थी.
भाजपा रणनीति को सही रूप से अमल में लाई
कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष और स्थानीय सांसदों को क्षेत्र का जिम्मा मिला था. उनमें से सिर्फ मुरारीलाल मीणा दौसा सीट जिता पाए. इन उपचुनावों में कांग्रेस को गठबंधन से दूर रहकर अपनी स्थिति का आंकलन करने का मौका मिला है. चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उतारने से लेकर आपसी खींचतान दूर करने और रणनीति को अमल में लाने में कामयाब रही है.
Tags: Assembly by election, Political newsFIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 15:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed