राजस्थान में कितने बोरवेल खुले पड़े हैं अकेले 72 तो चूरू के रतनगढ़ में मिले है

Rajasthan Borewell Accidents : राजस्थान में बोरवेल हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है. दौसा के बाद कोटपुतली में हुआ बोरवेल हादसा सबके सामने है. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि पूरे प्रदेश में कितनी बोरवेल खुले पड़े हैं। इसका अंदाजा चूरू जिले के रतनगढ़ उपखंड से सामने आए आंकड़ों से लगाया जा सकता है.

राजस्थान में कितने बोरवेल खुले पड़े हैं अकेले 72 तो चूरू के रतनगढ़ में मिले है
जयपुर. राजस्थान में खुले बोरवेल से होने वाले हादसों ने पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने नींद उड़ा रखी है. बावजूद इसके खुले बोरवेल को लेकर अभी तक कोई सख्त गाइडलाइन लागू नहीं है. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि राजस्थान में हजारों बोरवेल खुले पड़े हैं. आपको यकीन नहीं हो तो चूरू जिले से आए इन आंकड़ों पर गौर करें. चूरू जिले के केवल रतनगढ़ उपखंड में 72 बोरवेल खुले मिले हैं. पूरे प्रदेश में 50 जिले हैं. एक जिले में औसतन चार से पांच उपखंड हैं. ऐसे में खुले पड़े बोरवेल की संख्या का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. राजस्थान में हाल ही में दौसा में हुए बोरवेल हादसे के बाद भी ना तो सरकार ने और ना ही आमजन ने कोई सबक लिया. उसका परिणाम यह हुआ कि दौसा के हादसे के महज 10 दिन बाद ही कोटपुतली में एक और हादसा हो गया. दौसा में बोलवेल में गिरे मासूम आर्यन को नहीं बचाया जा सका था. उसे बचाने के लिए 52 घंटे तक रेस्क्यू ऑपेरशन चलाया गया था. लेकिन उसे जिंदा नहीं बचाया सका. उस हादसे के बाद फिर से जुबानी बातें हुई और सब भूल गए. जयपुर के अस्‍पतालों के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें… कोटपुतली में छह दिन से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन दौसा के हादसे के बाद बीते सोमवार को कोटपुतली में तीन साल की मासूम चेतना खुले बोरवेल में गिर गई. उसके बचाने के लिए छह दिन से पूरा सिस्टम लगा हुआ है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ 116 घंटे से चेतना को निकालने में जुटी है. लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. प्रशासन और रेस्क्यू टीम के सभी प्लान फेल हो गए. छह दिन से रेस्क्यू टीमें, पुलिस, प्रशासन और ग्रामीण वहां डेरा डाले हुए हैं. लेकिन वे अभी तक बोरवेल में फंसी चेतना तक नहीं पहुंच पाए हैं. Kotputli Borewell Rescue Operation : 113 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन और नतीजा ‘0’, अभी तक बाहर नहीं निकल पाई चेतना सीएम भजनलाल ने ली अधिकारियों की बैठक कोटपुतली हादसे के बाद एक बार फिर से खुले बोरवेल को जांचने की कवायद शुरू हुई. इस कवायद में चूरू जिले के केवल रतनगढ़ उपखंड में ही प्रशासन को 72 बोरवेल खुले मिल गए. जिला कलेक्टर के आदेश के बाद अब खुले पड़े इन बोरवेल को ढकने का काम शुरू किया गया बताया जा रहा है. वह जमीन पर कितना उतर पाएगा कहना मुश्किल है. हालांकि हाल ही में सीएम भजनलाल शर्मा ने राजधानी जयपुर में सीएमआर में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की थी. सीएम ने दिए हैं कार्रवाई के आदेश बैठक के बाद सीएम ने दो सप्ताह में खुले बोरवेल का सर्वे पूरा कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने बोरवेल हादसों और सड़क हादसों को लेकर चिंता जताई थी. लेकिन प्रदेशभर में खुले पड़े बोरवेल को तलाशने और उन्हें ढकने की कार्रवाई कितनी अमल में लाई जाएगी कहना मुश्किल है. अगर बोरवेल हादसे नहीं रोके गए तो न जाने कितने मासूम इनके शिकार बनेंगे. (इनपुट- मनोज के. शर्मा) Tags: Bhajan Lal Sharma, Big accident, Big news, Shocking newsFIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 12:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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