Rajasthan: उदयपुर में जुटेंगे सभी राज्यों के विधानसभाध्यक्ष और उपाध्यक्ष लोकतंत्र पर करेंगे मंथन
Rajasthan: उदयपुर में जुटेंगे सभी राज्यों के विधानसभाध्यक्ष और उपाध्यक्ष लोकतंत्र पर करेंगे मंथन
राजस्थान में होगा पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन: राजस्थान में 11 साल बाद एक बार फिर से सभी राज्यों की विधानसभा के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों (Speakers and Deputy Speakers) का सम्मलेन होने जा रहा है. नंवबर में प्रस्तावित यह सम्मेलन झीलों की नगरी उदयपुर में आयोजित किया जायेगा. इसके साथ ही विधानसभा सचिवों का भी सम्मेलन (Assembly secretaries conference) होगा.
हाइलाइट्सअखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का यह 83वां सम्मेलन होगासबसे पहला सम्मेलन 15 और 16 सितंबर 1921 में शिमला में हुआ था
जयपुर. राजस्थान में आगामी नवंबर माह में देश के सभी राज्यों के विधानसभाध्यक्षों और उपाध्यक्षों (Speakers and Deputy Speakers) सम्मलेन होगा. तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मलेन के साथ ही विधानसभा सचिवों का भी सम्मेलन (Assembly secretaries conference) होगा. राजस्थान को 11 साल बाद फिर से पीठासीन अधिकारियों और सचिवों के सम्मेलन की मेजबानी मिलने जा रही है. सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे. इस आयोजन के लिए विधानसभा की ओर से राज्य सरकार का सहयोग लिया जा रहा है. इसके लिए छह करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन का आयोजन राजस्थान विधानसभा के परिसर में नहीं बल्कि उदयपुर में किया जाएगा. अभी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी विदेश दौरे पर हैं. आयोजन की पूरी तस्वीर उनके लौटने के बाद साफ होगी. अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का यह 83वां सम्मेलन होगा. जबकि सचिवों का 59वां सम्मेलन होगा. पिछली बार यह सम्मेलन शिमला में आयोजित किया गया था.
लोकतंत्र से जुडे विषयों पर होता है मंथन
पीठासीन अधिकारियों और सचिवों के इन सम्मेलनों में लोकतंत्र को मजबूत करने वाले विभिन्न बिन्दुओं को लेकर चर्चा की जाती है. इनमें लोकतंत्र की बेहतरी के लिए और क्या सुधार किए जा सकते है उन विषयों पर मंथन होता है. लोकतंत्र के मंदिरों यानि विधानसभाओं और संसद में लोकतंत्र मजबूत हो और लोक की अवधारणा मूर्त रूप में हो इसको लेकर सम्मेलन में चर्चा की जाती है.
पीठासीन अधिकारियों का पिछला सम्मेलन शिमला में हुआ था
पिछले साल पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 17 नवंबर और 18 नवंबर को आयोजित हुआ था. इन सम्मेलनों के शताब्दी वर्ष होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का है. एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरुरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को भी जोड़ने का काम करे.
पहला सम्मेलन 1921 में में हुआ था
पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन 15 और 16 सितंबर 1921 में शिमला में हुआ था. उसके बाद से उसकी याद में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन साल दर साल हो रहा है. हालांकि बीच में कुछ व्यवधान के चलत कई बार ये सम्मेलन नहीं हो पाये थे.
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Tags: Indian Democracy, Jaipur news, Rajasthan news, Udaipur newsFIRST PUBLISHED : September 04, 2022, 10:44 IST