अस्पताल के 10वीं फेल सफाई कर्मचारी ने खोला क्लिनिक करने लगा इलाज और फिर

Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में एक फर्जी डॉक्टर का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां तीन से साल से दसवीं फेल सफाईकर्मी आठ बेड का अस्पताल खोलकर लोगों का इलाज कर रहा था. वह पहले गुजरात में एक प्राइवेट अस्पताल में सफाई कर्मचारी था.

अस्पताल के 10वीं फेल सफाई कर्मचारी ने खोला क्लिनिक करने लगा इलाज और फिर
डूंगरपुर. गुजरात से सटे राजस्थान के डूंगरपुर जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां गुजरात के निजी अस्पताल में सफाई करने वाले 10वीं फेल सफाईकर्मी ने राजस्थान में खुद का आठ बेड का अस्पताल खोल लिया. यहां वह बीते तीन साल से लोगों का इलाज कर रहा था. हाल ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक लगी तो उसके होश उड़ गए. बाद में मेडिकल विभाग के अधिकारियों की टीम वहां पहुंची तो फर्जी डॉक्टर फरार हो गया. अधिकारियों ने अस्पताल को सील कर दिया है. अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयार की जा रही है. जानकारी के अनुसार यह मामला डूंगगरपुर जिले के सीमलवाड़ा ब्लाक का है. वहां राजस्थान-गुजरात के पुनावाड़ा बोर्डर पर स्थित फर्जी अस्पताल को शुक्रवार को सीज किया गया है. उस दौरान अस्पताल में एक प्रसूता व एक अन्य मरीज भर्ती थी. इस अस्पताल का संचालन दसवीं फेल झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किया जा रहा था. फर्जी डॉक्टर ने इस अस्पताल को कोरोना काल में खोला था. तीन साल से वह बेधड़क यहां लोगों का इलाज कर रहा था. मेडिकल प्रशासन को भनक तक नहीं लगी विभाग की जांच में सामने आया है कि फर्जी डॉक्टर जितेंद्र भगोरा 3 साल पहले तक गुजरात के अहमदाबाद में एक अस्पताल में सफाई कर्मचारी था. वहां पर वह सफाई करते-करते प्रसव करना और ड्रिप लगाना सीख गया. उसके बाद उसने राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर राजस्थान के पूनावाड़ा में एक सरकारी शिक्षक का मकान किराए पर लेकर खुद का आठ बेड का अस्पताल खोल लिया. यहां उसने लोगों का इलाज और गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराता था. लेकिन डूंगरपुर जिला और मेडिकल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. हाल ही में जब इसका पता चला तो अधिकारियों के होश उड़ गए. मौके से फरार हुआ फर्जी डॉक्टर उसके बाद शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अलंकार गुप्ता, एसीएमएचओ विपिन मीणा, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत, पीठ पीएससी प्रभारी डॉक्टर रोहित लबाना, नर्सिंग ऑफिसर मदन ननोमा, फार्मासिस्ट युवराज और पीठ पुलिस चौकी का जाब्ता के जाब्ता वहां पहुंचा. लेकिन जितेन्द्र भगोरा को इसकी भनक लग गई तो वह मौके से फरार हो गया. दो महिला मरीज थी अस्पताल में भर्ती अधिकारी जब वहां पहुंचे तो उन्हें अस्पताल में दो महिलाएं भर्ती मिली. इनमें एक का एक दिन पहले ही प्रसव कराया गया था. दूसरी महिला मरीज उल्दी दस्त से पीड़ित थी. अस्पताल में भर्ती दोनों महिलाओं को बाद में डूंगर सारण सीएचसी में भर्ती करवाया गया. अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई की गई है. बीसीएमएचओ डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत ने बताया कि फर्जी डॉक्टर जितेंद्र भगोरा गुजरात का रहने वाला है. उसके खिलाफ धंबोला थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा. मामला दर्ज होने के बाद जांच आगे बढ़ाई जाएगी. एक दर्जन प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क था उन्होंने बताया की फर्जी अस्पताल में भारी मात्रा में दवाइयां भी मिली है. इनमें गर्भपात कराना, नींद, डिलीवरी, बीएनएस, एनएस की ड्रिप और बीपी इंस्ट्रूमेंट भी शामिल है. जितेन्द्र भगोरा रोजना पूरी तरह से डॉक्टर की ड्रेस पहनकर अस्पताल आता. उसका व्यवहार डॉक्टर की तरह था. उसका गुजरात के करीब एक दर्जन प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क था. गंभीर मरीजों को वह उन अस्पतालों में रेफर करता था. इसकी एवज में उसे कमिशन मिलता था. वह मरीजों को हैवी स्टेरॉयड वाली दवाएं देता था जिससे उनको तत्काल राहत मिल जाती. इससे भोलेभाले ग्रामीण उसे अच्छा डॉक्टर मानने लग गए थे और उसकी दुकान चल पड़ी. Tags: Crime News, Dungarpur news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 09:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed