रिपोर्ट: पुष्पेंद्र मीणा
दौसा. यूं तो राजस्थान में मिठाइयों का भंडार माना जाता है. हर जगह हर जिले में अलग-अलग मिठाइयां बनाई जाती हैं और कई जगह पर बनाई जाने वाली मिठाई से स्थानों का नाम भी जाना जाता है. इस चर्चा में दौसा की मिठाई डोवठा भी जरूर शामिल होती है. दरअसल करीब 155 वर्ष पुरानी मिठाई बनाने का तजुर्बा भी यहीं पर मिलता है. यह मिठाई आम लोगों के साथ-साथ राजा महाराजाओं और राजनेताओं की आज भी पहली पसंद बन हुई है.
महाराजा मानसिंह के द्वारा गोलछा फैक्ट्री के उद्घाटन के दौरान 1936 में दौसा पहुंचा था. फिर देश की आजादी के जश्न में भी डोवठा का स्वाद लिया गया था. यकीनन हर खुशी के मौके पर दौसा का डोवठा पहुंचता है. इसी वजह से यह दौसा की खास पहचान बन चुका है.
कैसे पड़ा दौसा की मिठाई का नाम डोवठा
दुकान मालिक सचिन खंडेलवाल ने बताया कि दौसा में रियासतकालीन के समय में मिठाइयां बनाना शुरू कर दिया था, तब से ही इसका नाम डोवठा हो गया. जब हलवाई के द्वारा पहली बार डोवठा बनाया था, तब उसने एक व्यक्ति को डोवठा चखने के लिए कहा था, लेकिन उस व्यक्ति का एक डोवठा से मन नहीं भरा, तो उसने दूसरा उठा लिया. इसी वजह से इसे दोउठा कहने लगे. इसके बाद यह डोवठा के नाम से मशहूर हो गया.
कैसे बनता है डोवठा
दौसा की प्रसिद्ध मिठाई बनाने वाले हलवाई ने बताया कि सबसे पहले बादाम का पेस्ट तैयार कर देसी घी में फ्राई किया जाता है. इसके बाद में बादाम का पेस्ट को मैदा और घी में मिलाकर गूंथ कर लोई बनाई जाती है. इसके बाद कचौरी की साइज से छोटी-छोटी लोई बनाकर पकाने के लिए देसी घी में डाल देते हैं. करीब 3 घंटे तक धीमी-धीमी आंच में लोई को पकाने के बाद उसे चाशनी में मीठा करने के लिए डाला जाता है.
दौसा में ऐसे हुई डोवठा की शुरुआत
डोवठा बनाने वाले सचिन खंडेलवाल ने कहा कि दौसा में सबसे पहले कन्हैया लाल कूलवाल ने इस मिठाई को बनाना शुरू किया था. उसके बाद में उन्हीं के परिवार के औकार, रामस्वरूप और हरिमोहन कूलवाल के द्वारा डोवठा बनाने का कार्य लगातार किया जा रहा है. करीब पांच पीढ़ियों द्वारा इस मिठाई को बनाने का कार्य किया जा चुका है और अब कूलवाल परिवार को डोवठा वाले परिवार के नाम से भी दौसा में पहचान रखते हैं. सचिन ने बताया कि जब शुरू में यह मिठाई बनाई गई थी, तब नमकीन और मीठे के दो फ्लेवर बनाए जाते थे, लेकिन अब मीठे का ही चलन रह गया है.
स्वतंत्र सेनानियों से लेकर आम लोगों करते पसंद
सचिन अग्रवाल ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी और वीआईपी लोगों के साथ डोवठा आमजन की पसंद रहा है. स्वतंत्र सेनानी स्वर्गीय रामकरण जोशी के द्वारा भी कई अन्य जगह तक इस मिठाई को पहुंचाया था और उनके साथ में आने वाले हर व्यक्ति ने इस मिठाई का स्वाद भी चखा था. राजनेताओं में राजपाल स्वर्गीय पंडित नवल किशोर शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत सहित कई बड़े नेताओं ने भी डोवठा का स्वाद लिया है.
रेलवे स्टेशन पर खोली डोवठा की स्टॉल
केंद्र सरकार की पहल पर रेलवे के द्वारा एक स्टेशन एक उत्पाद योजना चालू की गई है, जिसमें दौसा रेलवे स्टेशन पर दौसा के प्रसिद्ध मिठाई डोवठा की स्टॉल खोली. दौसा में डोवठा मिठाई की प्रसिद्धि को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा रेलवे की मदद से यह अनूठी पहल की गई है. दौसा और यहां आने वाले लोगों के लिए तो यह मिठाई नजदीक थी, लेकिन अब रेलवे ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी डोवठा मिठाई की खरीददारी आसान बना दी है. डोवठा मिठाई की दुकान शहर में बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने आगरा रोड पर है. वहीं, डोवठा 440 रुपए किलो मिलता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Dausa news, Rajasthan news, Street FoodFIRST PUBLISHED : November 08, 2022, 10:19 IST