कोटड़ी भट्टी कांडउस दिन क्या हुआ था आरोपी पकड़े कैसे गए जानें सबकुछ

Kotri Bhatti Case : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में बीते वर्ष 2 अगस्त को कोटड़ी में हुए भट्टी केस पर फैसला आ चुका है. वारदात को अंजाम देने वाले दोनों भाइयों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. इस वारदात की कहानी इतनी खौफनाक है कि किसी का भी दिल दहल जाए. पढ़ें पूरी कहानी.

कोटड़ी भट्टी कांडउस दिन क्या हुआ था आरोपी पकड़े कैसे गए जानें सबकुछ
राहुल कौशिक. भीलवाड़ा. भीलवाड़ा का कोटड़ी भट्टी कांड एक ऐसी हैवानियत भरी वारदात थी कि उसके बारे में जिस किसी ने भी सुना वह सिहर उठा. भीलवाड़ा की पोक्सो कोर्ट संख्या 2 ने इस वारदात को अंजाम देने वाले दोनों दरिंदों सगे भाइयों कालू और कान्हा को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले की चारों तरफ तरफदारी हो रही है. नाबालिग लड़की से गैंगरेप की इस वारदात को जिस तरह से अंजाम दिया गया और बाद जिंदा भट्टी में कोयले की भट्टी में झौंका गया वह किसी पिशाची कृत्य से कम नहीं था. बाद में बालिका के अधजले शव के साथ जो व्यवहार किया वह भी दिल को दहला देने वाला था. कोटड़ी भट्टी कांड के दरिंदों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से नियुक्त किए गए विशेष लोक अभियोजक महावीर किशनावत बताते हैं कि कोर्ट ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस’ माना है. इस केस में 43 गवाहों के बयान कराए गए और 223 साक्ष्य पेश किए गए. इन वारदात का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था. घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के आधार पर ही यह केस आगे बढ़ा. 43 गवाहों में से 42 गवाहों ने जांच पड़ताल के दौरान सामने आए साक्ष्यों की तस्दीक की. केवल एक गवाह कोर्ट में अपने अपने बयानों से पलटा और वह थी अभियुक्त कालू की सास. क्या हुआ था उस दिन दरअसल कालू और कान्हा नाबालिग लड़की के खेत पड़ोसी थे. वे वहीं पर स्थित भट्टियों पर रहते और काम करते थे. 2 अगस्त 2023 को दोपहर में नाबालिग खेत में बकरिया चराने गई थी. वहां उसे अकेली देखकर कालू और कान्हा के मन का हैवान जाग उठा. दोनों ने उसके साथ गैंगरेप किया. बाद में पीड़िता जैसे-तैसे करके उनसे बचकर वहां से भागी तो उन्होंने उसके सिर में लट्ठ से वार दिया. इससे वह बेहोश हो गई. इससे दोनों आरोपी घबरा गए. बाद में उन्होंने अपने परिजनों को बुलाया और पूरी घटना के बारे में बताया. पहले जिंदा जलाया, नहीं जली तो शव निकालकर टुकड़े-टुकडे किए शव कालू और कान्हा पकड़े नहीं जाए इसलिए उन्होंने शव को ठिकाने लगाने की प्लानिंग बनाई. उन्होंने बालिका को जिंदा ही एक भट्टी में झौंक दिया. उसे जलाने के लिए जला हुआ काला तेल डालकर आग लगा दी. लेकिन बालिका का शव पूरी तरह से नहीं जला तो उन्हें फंस जाने का डर सताने लगा. इस पर उन्होंने अधजले शव को भट्टी से बाहर निकाला। फिर फावड़े से उसके टुकड़े-टुकड़े किए और कट्टों में भरकर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर फेंक आए. भट्टी से निकल रहे धुंए से हुआ शक दूसरी तरफ परिजन जब बालिका को ढूंढने आए तो आरोपियों ने अनभिज्ञता जताई. यहां तक कि उन्होंने मृतका के परिवार के साथ उसको ढूंढने का नाटक भी किया. उस समय सभी भट्टियां बंद थी. लेकिन परिजन जब रात को वापस भट्टियों के पास आए तो एक भट्टी से धुंआ निकल रहा था. इस पर उन्हें कुछ शक हुआ. उन्होंने उसके आसपास तलाश किया. बाद में भट्टी में लकड़ी घुमाई तो वहां बालिका का कड़ा और अंगूठी सामने आई. बस वहीं से उनको शक हो गया कि बेटी के साथ कोई अनहोनी हो गई है. पुलिस को देखकर भी आरोपी घबराए नहीं बाद में पुलिस ने जब मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की तो भी आरोपी घबराए नहीं और उसे भी मिसलीड करने का प्रयास किया. लेकिन जब पुलिस का शक गहराया तो उसने चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. कड़ाई से हुई पूछताछ के बाद कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और आरोपी गिरफ्त में आ गए. उसके बाद इस वारदात की साजिश में शामिल आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई. आरोपियों की साजिश में शामिल उनके परिजनों समेत कुल नौ आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए. दो नाबालिगों को निरुद्ध किया गया. Tags: Bhilwara news, Crime News, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 11:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed