रामगढ़ में कांग्रेस को नहीं मिल पाई सहानुभूति जानें BJP ने कैसे मारा मैदान
रामगढ़ में कांग्रेस को नहीं मिल पाई सहानुभूति जानें BJP ने कैसे मारा मैदान
Ramgarh Upchunav Result : राजस्थान और हरियाणा राज्य के बॉर्डर पर मेवात इलाके में स्थित मुस्लिम बहुल रामगढ़ सीट पर बीजेपी ने जीत का परचल लहराकर कांग्रेस को सदमे में ला दिया है. इस सीट पर बीते दस साल से कांग्रेस काबिज थी. जानें बीजेपी ने किस रणनीति के तहत यहां जीत दर्ज कराई.
अलवर. अलवर के मेवात इलाके की रामगढ़ विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कराकर बीजेपी ने चौंका दिया है. बीजेपी ने यह सीट कांग्रेस के जबड़े से छीनी है. इस इलाके में अक्सर हर चुनाव हिन्दू-मुस्लिम कार्ड के बीच फंस जाता है. हैरानी की बात यह है कि इस बार उपचुनाव में कांग्रेस का सहानुभूति का कार्ड यहां नहीं चल पाया. कांग्रेस ने मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर अपने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को चुनाव मैदान में उतार कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. बीजेपी ने यहां इस बार बगावत पर काबू पाकर मैदान मार लिया. यहां बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह ने कांग्रेस के आर्यन खान को करीब 14000 मतों से हराया है.
रामगढ़ की सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई थी. इस सीट पर बीजेपी के कट्टर हिन्दूवादी नेता ज्ञानदेव आहूजा तीन बार काबिज कर रह चुके हैं. लेकिन बीते दस साल से यह सीट कांग्रेस के खाते में थी. विधानसभा चुनाव 2023 में जीते विधायक जुबेर खान का बीमारी के कारण निधन हो जाने से यह सीट खाली हुई थी. लिहाजा कांग्रेस ने इस पर फिर से काबिज होने के लिए जुबेर खान के बेटे को चुनाव मैदान में उतार दिया.
जुबेर परिवार यहां से पांच विधायक की सीट पर काबिज रहा है
इस सीट पर जुबेर खान चार बार विधायक रहे थे. एक बाद उनकी पत्नी सफिया जुबेर चुनाव जीती थी. इस बार कांग्रेस ने उनके बेटे को उतार दिया. लेकिन इस बार मतदाताओं ने सहानुभूति की लहर की जगह परिवारवाद की पंरपरा पर चोट कर दी और आर्यन को नकार दिया. बार-बार एक ही परिवार को टिकट देने के कारण पार्टी में सहानुभूति की जगह असंतोष की लहर हावी हो गई. लिहाजा यहां कांग्रेस का पासा उस पर ही उल्टा पड़ गया.
बीजेपी ने चली यह बड़ी चाल
वहीं बीजेपी ने इस बार चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हालांकि टिकट का ऐलान करते की पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के भतीजे और गत बार यहां से पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके जय आहूजा ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था. लेकिन पार्टी ने समय रहते बगावत पर ठंडे छींटे डालकर उसे बुझा दिया. पार्टी ने पिछली बार जय आहूजा को टिकट दिया था. तब सुखवंत सिंह ने बगावत कर दी थी. सुखवंत सिंह क्षेत्रीय पार्टी से चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे थे और बीजेपी तीसरे. इस बार पार्टी ने सुखवंत सिंह को ही टिकट देकर बाजी पलट दी.
(इनपुट- नितिन शर्मा)
Tags: Assembly by election, Political newsFIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 16:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed