विवादित बयानों से डूबा अजमेर का कारोबार उदयपुर मर्डर केस के बाद जायरिनों की संख्या रह गई आधी
विवादित बयानों से डूबा अजमेर का कारोबार उदयपुर मर्डर केस के बाद जायरिनों की संख्या रह गई आधी
विवादित बयानों के बाद अजमेर में 60 फीसदी तक घट गया व्यापार: उदयपुर के कन्हैयालाल मर्डर केस के बाद जिस तरह से अजमेर (Ajmer) से एक के बाद एक विवादित बयान (Controversial statement) सामने आये उसे ख्वाजा की नगरी की फिजां ही बिगड़ गई. हालात ये हो गये कि महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में आने वाले जायरिनों की संख्या घटकर आधी रह गई. वहीं धार्मिक पर्यटन पर निर्भर यहां का कारोबार भी 60 फीसदी तक टूट गया. इससे अजमेर के व्यापारी खासे चिंतित हैं. पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट.
अजमेर. उदयपुर मर्डर केस (Udaipur Murder Case) के बाद अजमेर से लगातार सामने आये विवादित बयानों (Controversial statement) से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जियारत करने के लिए आने वाले जायरिनों की आवक में बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है. जायरिनों की घटती संख्या से यहां के बाजारों में जबर्दस्त मंदी देखी जा रही है. व्यापारी बताते हैं की उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड और उसके बाद आये विवादित बयानों के बाद उनके कारोबार में 60 फीसदी तक की गिरावट आ गई है. खासतौर से दरगाह के इर्द गिर्द बसे दरगाह बाजार, नला बाजार और दिग्गी बाजार के व्यापारियों का हाल बहुत बुरा है. पिछले एक पखवाड़े से यहां के बाजार खरीदारों के लिये तरस रहे हैं. इससे व्यापारी वर्ग खासा चिंतित है.
अजमेर की पहचान धार्मिक नगरी के रूप में है. यहां जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर है तो महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भी है. ऐसे में यहां का कारोबार पूरी तरह से धार्मिक पर्यटन पर निर्भर है. इन बाजारों के व्यापारी पूरी तरह से जायरीन पर निर्भर रहते हैं. उदयपुर में हुई घटना के बाद अजमेर से एक के बाद एक आए तीन विवादित बयानों ने जायरिनों की आवक घटा दी है. अमूमन दरगाह बाजार में पैर रखने की जगह नहीं होती है. वहां अब खालीपन नजर आ रहा है. इसका सीधा असर यहां के व्यापार और व्यापारियों पर पड़ रहा है.
दुकानों का किराया और मजदूरों की तनख्वाह निकालना भारी पड़ रहा है
दरगाह बाजार में अधिकतर व्यापारियों ने दुकानें किराये पर ले रखी हैं. पिछले एक पखवाड़े से यहां जिस तरह का माहौल बना और बनाया गया उससे दुकानों का किराया तथा मजदूरों की तनख्वाह निकालना भारी पड़ रहा है. व्यापारी बताते हैं की ख्वाजा गरीब नवाज की हर महीने होने वाली महाना छठी पर जहां 30 हजार के करीब जायरीन अजमेर आते थे वहीं इस बार उनकी संख्या महज 3 हजार में ही सिमटकर रह गई.
होटल और गेस्ट हाउस खाली पड़े हुए हैं
दरगाह बाजार के होटल और गेस्ट हाउस खाली पड़े हुए हैं. इधर खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती भी मानते हैं कि जायरीन की संख्या पर असर पड़ा है. अब डैमेज कंट्रोल के लिए अंजुमन कमेटी की और से सर्वधर्म रैली निकाली जाएगी. इसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु शामिल होंगे और लोगो में वापस से विश्वास कायम किया जाएगा.
विवादित बयानों ने फिजा ही बदलकर रख दी
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से पूरी दुनिया में अमन, चैन, शांति और सौहार्द्र का संदेश जाता है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से दिये गये विवादित बयानों के बाद बदले हालत ने यहां की फिजा ही बदल दी है. विवादित बयान देने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई भी की है लेकिन अब जरुरत है बेपटरी हुई यहां की आर्थिक तस्वीर को जल्द से जल्द सुधार जाए.
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Tags: Ajmer news, Controversial Statements, Rajasthan news, Udaipur newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 12:00 IST