BSF ने पंजाब बॉर्डर पर अवैध खनन को बताया सुरक्षा के लिए खतरा हाईकोर्ट में सबमिट की रिपोर्ट
BSF ने पंजाब बॉर्डर पर अवैध खनन को बताया सुरक्षा के लिए खतरा हाईकोर्ट में सबमिट की रिपोर्ट
बीएसएफ का कहना है अवैध खनन में सैकड़ों मजदूर कार्य करते हैं, जिनकी शिनाख्त भी एक चिंता का विषय है. हाल के दिनों में पाकिस्तान से कई ड्रोन घुसपैठ हुई है जहां प्रतिबंधित पदार्थ और हथियार और गोला-बारूद की तस्करी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
हाइलाइट्सबीएसएफ ने पंजाब के बॉर्डर पर हो रहे खनन को सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया है.बीएसएफ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में रिपोर्ट भी सबमिट किया है.पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की है.
(एस. सिंह)
चंडीगढ़. पंजाब बॉर्डर पर हो रहे अवैध खनन को लेकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट सबमिट की है जिसमें खनन को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ा खतरा बताया है. बीएसएफ ने कहा है कि खनन सूर्योदय से पहले शुरू होता है और देर रात तक चलता है. कभी-कभी तो यह रात भर चलता रहता है. बीएसएफ का कहना है अवैध खनन में सैकड़ों मजदूर कार्य करते हैं, जिनकी शिनाख्त भी एक चिंता का विषय है. हाल के दिनों में पाकिस्तान से कई ड्रोन घुसपैठ हुई है जहां प्रतिबंधित पदार्थ और हथियार और गोला-बारूद की तस्करी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि पंजाब राज्य ने भी अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक हलफनामा दायर किया था, लेकिन इसमें पठानकोट या गुरदासपुर जिलों के बारे में विशेष उल्लेख या विवरण नहीं था. यह भी नहीं बताया गया था कि क्या उन क्षेत्रों में अवैध खनन को रोका गया था. हलफनामे में कहा गया है कि 1 जनवरी से 26 जुलाई तक 958 व्यक्तियों के खिलाफ 603 प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि 690 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 663 को निचली अदालतों ने जमानत पर रिहा कर दिया था. इस अवधि के दौरान पुलिस द्वारा जब्त किए गए 777 वाहनों में से 536 वाहनों को निचली अदालतों ने रिहा कर दिया.
बेंच को कई रिपोर्टों का इंतजार
बेंच ने कहा कि इस मुद्दे पर सेना, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, साथ ही साथ राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और जल संसाधन विभाग, नदी विकास और विभाग से अन्य रिपोर्टों का इंतजार है. उस क्षेत्र में पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट भी अदालत में प्रस्तुत करने के लिए तैयार की जानी थी. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की है. यह मामला गुरबीर सिंह पन्नू द्वारा 2012 में दायर एक याचिका पर उच्च न्ययालय में पहुंचा है. वह अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से नीलामी की मांग कर रहे थे.
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Tags: BSF, Punjab and Haryana High CourtFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 14:21 IST