नई दिल्ली. एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति हृदय का मरीज है और वह लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहता है तो उसमें हृदय संबंधी विकारों का अतिरिक्त जोखिम पैदा होता है. यह स्टडी जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) में हाल ही में प्रकाशित हुआ है.
इस अध्ययन में प्रदूषणकारी तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 के संपर्क में लंबे समय तक रहने और हृदय संबंधी रोगों के बीच के संबंधों का मूल्यांकन किया गया.
हृदय के मरीजों पर हुआ अध्ययन
कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ सेक्रेड हार्ट, रोम के शोधकर्ताओं और उनके सहयोगियों ने विभिन्न प्रकार के हृदय मरीजों का अध्ययन किया. इस अध्ययन में 287 मरीजों को शामिल किया गया जिनमें सबसे ज्यादा मरीजों की आयु 62 वर्ष थी और इनमें 149 पुरुष थे.
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अध्ययन के लेखकों ने कहा कि पहली बार दीर्घकालिक वायु प्रदूषण जोखिम को ध्यान में रखकर इस प्रकार का अध्ययन किया गया है.
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Tags: Air pollution, Heart Disease, PollutionFIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 17:44 IST