अमृत रत्न सम्मान: नीति आयोग के CEO से जी-20 के शेरपा तक कौन हैं अमिताभ कांत

Amrit Ratna Award 2024: आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश के सबसे पसंदीदा न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया की ओर से शुरू किए गए देश के सबसे बड़े सम्मान ‘अमृत रत्‍न’ का तीसरा संस्‍करण जल्‍द आ रहा है.

अमृत रत्न सम्मान: नीति आयोग के CEO से जी-20 के शेरपा तक कौन हैं अमिताभ कांत
नई दिल्लीः देश के नंबर न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया के विशेष कार्यक्रम ‘अमृत रत्न’ सम्मान (Amrit Ratna Honour) का तीसरा संस्करण आने वाला है. ‘अमृत रत्न’ कार्यक्रम में भारत की उन शख्सियतों का सम्मान किया जाता है, जिनका काम ही उनकी पहचान है. जिन्होंने अपनी अलग सोच, निरंतर लगन और अपने उल्लेखनीय कार्य से देश का मान बढ़ाया हो, ‘अमृत रत्न’ सम्मान उन्हें सम्मानित करने का मंच है. मकसद उन्हें सम्मानित करना है, जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है. न्यूज18 इंडिया की कोशिश है कि यह सम्मान किसी भी गैर सरकारी संगठन की ओर से चलाए जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान बने. जिन्हें सम्मानित किया जाएगा, उनका चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के जरिए किया जाता है. जूरी में अलग-अलग क्षेत्रों के बहुत सम्मानित लोग शामिल किए गए हैं. इस बार की जूरी- 1. अमिताभ कांत, जी20 शेरपा और पूर्व सीईओ नीति आयोग 2. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सांसद, राज्यसभा 3. पी.टी. उषा, पूर्व एथलीट और सांसद, राज्यसभा 4. लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों (सेवानिवृत्त) 5. डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स तो चलिए जानते हैं अमृत सम्मान के अमिताभ कांत के बारे में. अमिताभ कांत जी20 शेरपा हैं और नीति आयोग के पूर्व पूर्व सीईओ रहे हैं. अमिताभ कांत केरल कैडर के 1980-बैच के र‍िटायर आईएएस अधिकारी हैं. अमिताभ कांत को बड़ी पहलों- स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, इनक्रेडिबल इंडिया में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है. उन्हें केरल सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान ‘केरल: भगवान का अपना देश’ का नारा गढ़ने का श्रेय दिया जाता है. अमिताभ कांत के ट्रैक रिकॉर्ड ने उन्हें जी-20 का शेरपा की जगह दिलाई. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में योजना आयोग को खत्म कर दिया और नीति आयोग की स्थापना की तो अमिताभ कांत को 2016 में नव निर्मित थिंक-टैंक का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया. उन्होंने 30 जून 2022 तक नीत‍ि आयोग में सीईओ के रूप में कार्य किया. अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान कांत ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम) जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों की पहल को संभाला. कोरोना काल के दौरान केन्‍द्र सरकार की ओर से कोविड-19 महामारी के र‍िस्‍पॉन्‍स देने के ल‍िए गठ‍ित की गई अधिकार‍ियों के समूह का नेतृत्व भी कांत ने क‍िया है. वह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के मामलों के वर‍िष्‍ठ अध‍िकार‍ी थे. अमिताभ कांत का विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अच्छा तालमेल है, जो एक तरह से उनके राजनयिक प्रवास में मददगार रहा है. नौकरशाह से राजनेता बने जयशंकर 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. जयशंकर और कांत एक ही कॉलेज- सेंट स्टीफंस और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से आते हैं. अम‍िताभ कांत ने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से स्कूली पढ़ाई की है और उसके बाद सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने जेएनयू से एमए की पढ़ाई पूरी की. जेएनयू में अम‍िताभ कांत और जयशंकर एक ही होस्‍टल में रहते थे. कांत ने हाल ही में कहा था क‍ि जब मैं जेएनयू में एडम‍िशन ल‍िया था तो मैंने खुद को जेएनयू के उसी होस्‍टल के उसी फ्लोर पर पाया, जहां जयशंकर थे. अम‍िताभ कांत ने लुटियंस दिल्ली में बिताए गए वर्षों के दौरान, उनके ऑफ‍िस के पते सम्राट होटल से उद्योग भवन, नीति आयोग से सुषमा स्वराज भवन में बदल गए हैं, लेकिन कुछ चीजें हैं जो स्थिर बनी हुई हैं. Tags: Amrit Ratna, Amrit Ratna HonourFIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 09:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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